567 साल पुराना है चौथ माता का यह मंदिर, राजा ने देखा था अद्भुत सपना, ऐसे हुआ था मंदिर का निर्माण
Karwa Chauth 2022: करवा चौथ के दिन सुहागिन स्त्रियों द्वारा माता का दर्शन करना अहम माना जाता है। चलिए चौथ माता के मंदिर का महत्व और इनसे जुड़े सारे तथ्यों को जान लेते हैं।
चौथ माता का मंदिर 1100 फीट ऊंची है और यहां तक जाने के लिए 700 सीढ़ियों का चढ़ान करना पड़ता है।
करवा चौथ पर दुल्हन सा सजता है माता का दरबार: चौथ माता के मंदिर की भव्यता करवा चौथ के दिन बेहद रोमांचक लगती है। इस दिन मंदिर के परिसर को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। ऐसा लगता है जैसे मां के दरबार को सोलह श्रृंगार कर उन्हें तैयार किया गया हो। उसकी सुंदरता देखने लायक होती है।
Karwa Chauth 2022 Moonrise Time Live Updates
करवा चौथ पर चौथ माता मंदिर का महत्व: चौथ माता मंदिर जन-जन की आस्था का केंद्र है। यह मंदिर खासतौर पर विवाहित जोड़े के लिए लोकप्रिय है। सुहागिन स्त्रियां करवा चौथ पर्व के मौके पर माता के दर्शन के लिए जाती हैं और यहां अपने सुहाग की रक्षा के लिए माता से प्रार्थना करती हैं। बता दें कि चाैथ माता देवी पार्वती की ही एक रूप हैं। इनकी पूजा करने से अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है। इसके अलावा दाम्पत्य जीवन भी खुशियों से भरी रहती है। यहां तक कि निःसंतान को संतान का वरदान मिलता है।
चौथ माता मंदिर परिसर: चौथ माता का मंदिर 1100 फीट ऊंची है और यहां तक जाने के लिए 700 सीढ़ियों का चढ़ान करना पड़ता है। यह मंदिर सफेद संगमरमर का बना है। इसकी वास्तुकला राजपूताना शैली में है। इस मंदिर के गर्भगृह में चौथ माता की मूर्ति के अलावा भगवान गणेश और भैरवनाथ की प्रतिमा भी विराजमान है। यहां सैकड़ों साल से एक अखंड ज्योत जल रही है। बात इसके प्राकृतिक सौंदर्य की करें तो यह मंदिर सुंदर हरे वातावरण और घास के मैदान के बीचोबिच स्थित है, जो श्रद्धालुओं के लिए मनमोहक है।
माता ने दिया था दर्शन, राजा ने बनवाया मंदिर: राजा भीम सिंह शिकार के लिए हर दिन जंगल जाया करते थे। तभी एक दिन किसी हिरण का पीछा करते करते वो रास्ता भटक कर अपने सैनिकों से दूर चले गए। राजा को प्यास लगी और पानी न मिलने के कारण वो मूर्छित हो गए। तभी अचानक चौथ माता उनकी मदद करने के लिए प्रकट हुई। राजा, माता को ऐसे देख उनसे अपने प्रांत में ही विराजमान होने का अनुरोध करने लगे। फिर माता तथास्तु कहकर गायब हो गईं। इस तरह वहां पड़ी चौथ माता की मूर्ति लेकर राजा अपने प्रांत वापस लौटे और साल 1451 में चौथ माता मंदिर का स्थापना किया।
मंदिर तक कैसे पहुंचे? इस मंदिर तक जाने के लिए आपको पहले सवाई माधोपुर पहुंचना होगा।बरवाड़ा से जयुपर की दूरी 130 किमी है। बता दें कि जयपुर से यहां तक लोकल ट्रेनें भी चलती हैं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें
Mahakumbh Mela 2025: क्या है महाकुंभ, कौन होते हैं नागा साधु, अखाड़ों का क्या होता है मतलब, कैसे बनते हैं महामंडलेश्वर, कुंभ में जाकर क्या करें...सबकुछ जानने के लिए देखें ये Video
Gupt Navratri 2025: माघ गुप्त नवरात्रि कब से कब तक रहेगी, जानिए इसकी पूजा विधि और महत्व क्या है
Mahakumbh Mela 2025 Shahi Snan Dates: मौनी अमावस्या के बाद कितने शाही स्नान बचे हैं, जानिए कब तक रहेगा कुंभ मेला
February 2025 Festival List: बसंत पंचमी, महा शिवरात्रि, जया एकादशी, माघ पूर्णिमा समेत फरवरी में पड़ेंगे ये व्रत-त्योहार, नोट कर लें डेट लिस्ट
Vinayak Chaturthi 2025 Date: कल मनाई जाएगी विनायक चतुर्थी, नोट कर लें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और व्रत कथा
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited