7 October 2024 Panchang: नवरात्रि के पांचवें दिन क्या रहेगा पूजा का शुभ मुहूर्त, कब से कब तक रहेगा राहुकाल, जानें पूरा पंचांग
7 October 2024 Panchang: पंचांग अनुसार 7 तारीख को आश्विन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि रहेगी। इस दिन पांचवां नवरात्र मनाया जाता है। जानिए नवरात्रि के पांचवें दिन का पूजा मुहूर्त समेत पूरा पंचांग।

Aaj Ka Panchang 7 October 2024
7 October 2024 Panchang: 7 तारीख को नवरात्रि का पांचवां दिन है। इस दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। मान्यताओं अनुसार मां दुर्गा के इस स्वरूप की पूजा करने से व्यक्ति की सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। जिन लोगों को संतान प्राप्ति में बाधाएं आ रही हैं उनके लिए भी स्कंदमाता की पूजा बेहद फलदायी मानी जाती है। इस दिन सुबह 11:52 से दोपहर 12:34 बजे तक रहेगा। सूर्य देव कन्या राशि में रहेंगे तो चंद्र देव वृश्चिक राशि में। चलिए जानते हैं 7 अक्टूबर का पूरा पंचांग।
Navratri 2024 5th Day Puja Vidhi And Katha
7 अक्टूबर 2024 पंचांग (7 October 2024 Panchang)
संवत---पिङ्गला विक्रम संवत 2081
माह-आश्विन शुक्ल पक्ष
तिथि- पंचमी व्रत- नवरात्र पंचमी दिवस,माता स्कंदमाता जी की पूजा
दिवस-सोमवार
सूर्योदय-06:17am
सूर्यास्त-06:01pm
नक्षत्र-- अनुराधा
चन्द्र राशि -- वृश्चिक राशि,स्वामी ग्रह-मङ्गल
सूर्य राशि- कन्या राशि,स्वामी ग्रह -बुध
करण- विष्टि 09:48 am तक तत्पश्चात बव
योग-प्रीति06:41am तक फिर आयुष्मान
7 अक्टूबर 2024 शुभ मुहूर्त (7 October 2024 Shubh Muhurat)
अभिजीत-11:52 am से 12:34 pm तक
विजय मुहूर्त-02:20pm से 03:23 pm तक
गोधुली मुहूर्त--06:20pm से 07:23 pm तक
ब्रम्ह मुहूर्त-4:07m से 05:05am तक
अमृत काल-06:08am से 07;41am तक
निशीथ काल मुहूर्त-रात्रि 11:40से 12:20तक रात
संध्या पूजन-06:24 pm से 07:07pm तक
दिशा शूल -पूर्व दिशा। इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशाशूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं, यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।
अशुभ मुहूर्त
राहुकाल--प्रातःकाल 07:30 बजे से 09 बजे तक
क्या करें-क्या करें- नवरात्रि माता दुर्गा पूजा का आज पँचम दिवस है। आज माता स्कंदमाता के रूप में माता दुर्गा की उपासना की जाती है। माता स्कंदमाता जी की उपासना करें। दुर्गासप्तशती का पाठ करें। माता के नाम का जप करें। सिद्धिकुंजिकास्तोत्र का 09 पाठ पुण्यदायी है। नवरात्र व्रत का पुण्य अखण्ड है, इस व्रत से जन्म जन्मांतर के पाप नष्ट होते हैं। मनोवांछित फल की प्राप्ति हेतु संकल्प करके दुर्गा सप्तशती का पाठ करें या कराएं। बेहतर है कि माता दुर्गा की भक्ति मांगे। यह स्थायी है।भक्ति जन्म जन्मांतर काम आती है। शिव उपासना अवश्य करें। सप्तश्लोकी दुर्गा का 108 या 09 पाठ अवश्य करें। माता दुर्गा के 108 नाम का जप करें। नवरात्रि में विचार में छल, कपट व ईर्ष्या मत हो। मन को निर्मल रखें।
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धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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