Aaj ka Panchang 1 April 2025: आज के पंचांग से जानिए चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के शुभ मुहूर्त, राहुकाल और दिशा शूल के बारे में
Aaj ka Panchang 1 April 2025 (आज का पंचांग 1 अप्रैल 2025): मंगलवार और नवरात्रि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। मंगलवार को भगवान हनुमान का दिन माना जाता है, जिन्हें शक्ति, साहस और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। वहीं, नवरात्रि मां दुर्गा की उपासना का पर्व है, जिसमें नौ दिनों तक शक्ति की विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। ज्योतिषीय दृष्टि से, मंगलवार का संबंध मंगल ग्रह से होता है, जो ऊर्जा, पराक्रम और साहस का कारक है। चलिए आज के पंचांग से आज की तिथि की अन्य जानकारियों को जानते हैं।

Aaj ka Panchang 1 April 2025
Aaj ka Panchang 1 April 2025 (आज का पंचांग 1 अप्रैल 2025): हिंदू धर्म में प्रत्येक दिन और त्यौहार का एक विशेष आध्यात्मिक और ज्योतिषीय महत्व होता है। मंगलवार और नवरात्रि, दोनों ही शक्ति और भक्ति से जुड़े हुए हैं। मंगलवार को भगवान हनुमान पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि ये दिन साहस, बल और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है। भगवान हनुमान जी की भक्ति से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। नवरात्रि देवी दुर्गा की आराधना का प्रमुख पर्व है, जिसमें भक्त नौ दिनों तक उपवास रखते हैं और शक्ति की विभिन्न रूपों की उपासना करते हैं। ज्योतिष के अनुसार, मंगलवार का संबंध मंगल ग्रह से है, जो साहस, आत्मविश्वास और ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है। मंगल की अनुकूलता व्यक्ति के जीवन में सफलता और समृद्धि लाती है। यदि नवरात्रि का कोई दिन मंगलवार को पड़ता है, तो इसे विशेष शुभ माना जाता है। इस संयोग में किए गए अनुष्ठान और तपस्या का कई गुना फल प्राप्त होता है। आज के शुभ मुहूर्त, राहुकाल, दिशा शूल और उपाय जानने के लिए यहां पढ़ें 1 अप्रैल 2025 का पंचांग।
आज का पंचांग 1 अप्रैल 2025 (Aaj Ka Panchang 1 April 2025)
- संवत - पिङ्गला विक्रम संवत 2082
- माह - चैत्र, कृष्ण पक्ष,
- तिथि - चैत्र माह शुक्ल पक्ष चतुर्थी
- पर्व - नवरात्रि
- दिवस - मंगलवार
- सूर्योदय - 06:13 ए.एम सूर्यास्त - 6:39 पी.एम
- नक्षत्र - भरणी 11:08 ए.एम तक फिर कृतिका
- चंद्र राशि - मेष, स्वामी ग्रह-मंगल 04:31 पी.एम तक फिर वृष, स्वामी ग्रह-शुक्र
- सूर्य राशि - मीन, स्वामी ग्रह-गुरु
- करण - वणिज 04:12 पी.एम तक फिर विष्टि
- योग - विष्कुम्भ 09:49 ए.एम तक फिर प्रीति
आज के शुभ मुहूर्त
- अभिजीत - 12:01 पी.एम से 12:50 पी.एम तक
- विजय मुहूर्त - 02:23 पी.एम से 03:26 पी.एम तक
- गोधुली मुहूर्त - 06:22 पी.एम से 07:22 पी.एम तक
- ब्रम्ह मुहूर्त - 4:03 ए.एम से 05:09 ए.एम तक
- अमृत काल - 06:03 ए.एम से 07:44 ए.एम तक
- निशीथ काल मुहूर्त - रात 11:43 से 12:25 तक रात
- संध्या पूजन - 06:30 पी.एम से 07:05 पी.एम तक
दिशा शूल - उत्तर दिशा। इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशा शूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं, यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।
अशुभ मुहूर्त - राहुकाल - सायंकाल 03:00 बजे से 04:30 बजे तक
क्या करें - आज चैत्र माह शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है। नवरात्रि का पवित्र समय चल रहा है। इस समय नित्य दुर्गासप्तशती का पाठ होता है। मां दुर्गा को समर्पित ये महान उपवास शक्ति उपासना का पुनीत अवसर है। मन में हर पल माता दुर्गा के किसी भी नाम का जप करें। नियम पूर्वक व्रत व दान-पुण्य करना बहुत फलित होता है। शिव मंदिर परिसर में बेल, बरगद ,आम, पाकड़ व पीपल का पेड़ लगाएं। सत्य मार्ग पर चलें। अपने घर के मंदिर में अखण्ड दीप जलाइए। दुर्गासप्तशती का नित्य पाठ करें। सिद्धिकुंजिकास्तोत्र का 09 पाठ अवश्य करें। माता दुर्गा के 32 व 108 नामों का जप करें। सप्तश्लोकी दुर्गा का नियमित 09 पाठ करें। ब्रम्ह मुहूर्त में श्री राम रक्षा स्तोत्र का पाठ बहुत फलदायी है।
क्या न करें - निंदा से बचें। असत्य मत बोलें। मन को छल, कपट व ईर्ष्या से दूर रखें।
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सुजीत जी महाराज ज्योतिष और वास्तु विज्ञान एक्सपर्ट हैं जिन्हें 20 वर्षों का ज्योतिष, तंत्र विज्ञान का अनुभव हासिल हैं। 25000 से ऊपर लेख देश के कई बड़...और देखें

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