Aaj Ka Panchang 10 April 2025: जानें चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी त‍िथि‍ के शुभ मुहूर्त, राहुकाल और दिशा शूल के बारे में यहां

Aaj Ka Panchang 10 April 2025 (आज का पंचांग 10 अप्रैल 2025): गुरुवार के दिन को हिंदू धर्म में अत्यंत ही शुभ और पवित्र दिन माना जाता है। इस दिन की ज्योतिष और धार्मिक दृष्टि से विशेष मान्यता है। बृहस्पति ग्रह का ये दिन गुरु, ज्ञान, धर्म और शुभता का प्रतीक होता है। इस दिन व्रत रखने, पूजा-अर्चना करने तथा भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की आराधना से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। त‍िथि‍ से जुड़ी जानकार‍ियों के ल‍िए यहां देखें आज का पंचांग।

Aaj Ka Panchang 10 April 2025

Aaj Ka Panchang 10 April 2025

Aaj Ka Panchang 10 April 2025 (आज का पंचांग 10 अप्रैल 2025): गुरुवार को हिंदू धर्म और ज्योतिष शास्त्र में अत्यंत शुभ दिन के रूप में माना जाता है। धार्मिक मान्यता ये दिन जगत के पालनहार भगवान व‍िष्‍णु का होता है तथा इस द‍िन व्रत रखने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। महिलाएं और पुरुष इस दिन व्रत रखते हैं, पीले वस्त्र पहनते हैं, पीले खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं और पीले फूलों से भगवान श्री हरि‍ के अवतारों की पूजा करते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिनकी कुंडली में बृहस्पति ग्रह कमजोर होता है, उनके ल‍िए गुरुवार का व्रत करना, भगवान विष्णु का पूजन करना और केले के पेड़ की आराधना करना सुखदायक हो सकता है। इससे न केवल ग्रह दोष कम होते हैं, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और मानसिक संतुलन भी बना रहता है। गुरुवार का दिन आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यंत ही लाभकारी होता है। ये आत्म चिंतन, गुरुओं की सेवा और धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन के लिए उपयुक्त माना जाता है। यहां पढ़ें 10 अप्रैल 2025 का पंचांग।

आज का पंचांग 10 अप्रैल 2025 (Aaj Ka Panchang 10 April 2025)

  • संवत - पिङ्गला विक्रम संवत 2082
  • माह - चैत्र
  • तिथि - चैत्र माह शुक्ल पक्ष त्रयोदशी
  • पर्व - प्रदोष व्रत
  • दिवस - गुरुवार
  • सूर्योदय - 06:09 ए.एम सूर्यास्त - 6:39 पी.एम
  • नक्षत - पूर्वा फाल्गुनी 12:25 पी.एम तक फिर उत्तराफाल्गुनी
  • चंद्र राशि - सिंह, स्वामी राशि-सूर्य 07:05 पी.एम तक फिर कन्या राशि, स्वामी ग्रह -बुध
  • सूर्य राशि - मीन, स्वामी ग्रह-गुरु
  • करण - कौलव 11:54 ए.एम तक फिर तैतिल
  • योग - वृद्धि

आज के शुभ मुहूर्त

  • अभिजीत - 11:57 ए.एम से 12:48 पी.एम तक
  • विजय मुहूर्त - 02:23 पी.एम से 03:26 पी.एम तक
  • गोधुली मुहूर्त - 06:22 पी.एम से 07:22 पी.एम तक
  • ब्रह्म मुहूर्त - 4:03 ए.एम से 05:09 ए.एम तक
  • अमृत काल - 06:03 ए.एम से 07:44 ए.एम तक
  • निशीथ काल मुहूर्त - रात 11:43 से 12:25 तक रात
  • संध्या पूजन - 06:30 पी.एम से 07:05 पी.एम तक

दिशा शूल - दक्षिण दिशा। इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशा शूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं, यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।

अशुभ मुहूर्त - राहुकाल - दोपहर 01:30 बजे से 03 बजे तक

क्या करें - आज परम पवित्र व्रत प्रदोष व्रत है। त्रयोदशी तिथि है। भगवान शिव की उपासना करें और व्रत रहें। आज व्रत व शिव उपासना का महान पुण्य दिवस है। आज रुद्राभिषेक करें व शिव पुराण का पाठ करें। हर माह प्रदोष का नियमित व्रत रहें। महा मृत्युंजय मंत्र का जप करें। नियम पूर्वक पूजन व उपवास व दान-पुण्य करना बहुत फलित होता है। किसी भी शिव मंद‍िर परिसर में नीम, महुआ, बेल, बरगद ,आम, पाकड़ व पीपल का पेड़ लगाएं। अपने घर के मंदिर में अखण्ड दीप जलाइए। शिव पुराण के साथ दुर्गा सप्तशती का पाठ बहुत फलदायी है। मन का सात्विक होना बहुत आवश्यक है। मंदिर में कीर्तन कराएं। शिव उपासना व्यक्ति को निर्भय बनाती है। पार्थिव का शिवलिंग बनाकर उनका रुद्राभिषेक करें। प्रदोष व्रत संतान के लिए बहुत ही मंगलकारी होता है।

क्या न करें- असत्य का साथ कदापि मत दें।

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सुजीत जी महाराज author

सुजीत जी महाराज ज्योतिष और वास्तु विज्ञान एक्सपर्ट हैं जिन्हें 20 वर्षों का ज्योतिष, तंत्र विज्ञान का अनुभव हासिल हैं। 25000 से ऊपर लेख देश के कई बड़...और देखें

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