13 July 2024 Panchang: इतने बजे से लग जाएगी आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की अष्टमी, जानिए क्या रहेगा राहुकाल समय और अभिजीत मुहूर्त
13 July 2024 Panchang: आज आषाढ़ शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि दोपहर 3 बजकर 6 मिनट तक रहेगी। इसके बाद अष्टमी लग जाएगी। राहुकाल सुबह 9 बजे से शुरू होगा। जानिए 13 जुलाई का पूरा पंचांग।
13 July 2024 Panchang
13 July 2024 Panchang: पंचांग अनुसार 13 जुलाई को आषाढ़ नवरात्रि की अष्टमी तिथि दोपहर 3 बजकर 6 मिनट से शुरू हो जाएगी। इस दिन शाम 7 बजकर 17 मिनट तक हस्त नक्षत्र रहेगा। इसके बाद चित्रा नक्षत्र लग जाएगा। चंद्र देव कन्या राशि में विराजमान रहेंगे। तो सूर्य देव मिथुन राशि में स्थित रहेंगे। जानिए आज राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त क्या रहने वाला है।
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13 July 2024 Panchang In Hindi
संवत---पिङ्गला विक्रम संवत 2081 माह-आषाढ़ ,शुक्ल पक्ष
तिथि-- सप्तमी 03:06pm तक फिर अष्टमी
व्रत- गुप्त नवरात्रि व्रत
दिवस-शनिवार
सूर्योदय-05:22am
सूर्यास्त-07:20pm
नक्षत्र- हस्त 07:17 pm तक फिर चित्रा
चन्द्र राशि- कन्या राशि,स्वामीग्रह-बुध
सूर्य राशि- मिथुन ,स्वामी -बुध
करण- वणिज 03:07pm तक फिर विष्टि
योग- शिव
13 July Shubh Muhurat
अभिजीत- 11:57am से 12:47 pm
विजय मुहूर्त- 02:25pm से 03:24 pm तक
गोधुली मुहूर्त-06:30 pm से 07:25pm तक
ब्रम्ह मुहूर्त-4:16am से 05:08am तक
अमृत काल-06:09am से 07:56am तक
निशीथ काल मुहूर्त-रात्रि 11:53 से 12:41 तक रात
संध्या पूजन-06:37 pm से 07:30pm तक
दिशा शूल - पूर्व दिशा। इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशाशूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं, यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।
अशुभ मुहूर्त--राहुकाल -प्रातःकाल 09 बजे से 10:30 बजे तक
क्या करें- शक्ति पर्व गुप्त नवरात्रि की सप्तमी तिथि का पावन व्रत रहें। पीताम्बरा माता जी की पूजा करें। माता जगतजननी दुर्गा को मीठा, पूड़ी लाल पुष्प,लौंग व नारियल अर्पित करें। माता बंगलामुखी जगत माता हैं। वह कल्याण करती हैं। गुप्त नवरात्रि व्रत बहुत ही फलदायी है। धन व यश प्राप्ति के लिए माता बंगलामुखी जी की उपासना बहुत उत्तम है। आज सप्त अन्न, फल व वस्त्र के दान का बहुत महत्व है। आज का उपवास निराजल , फलाहार या जैसा आपका स्वास्थ्य हो, वैसा ही होगा। काली मन्दिर में प्रसाद अर्पित करें। बंगलामुखी व प्रत्यंगिरा मंन्त्र व अनुष्ठान का यह बहुत महत्वपूर्ण समय है। माता पीतांबरा का दर्शन करें। किसी भी शिव मंदिर परिसर में पीपल का पेड़ लगाएं। मन्दिर में अखंड श्री रामचरितमानस पाठ भी बहुत महत्व है।शिवपुराण व दुर्गासप्तशती का पाठ करें। काली मन्दिर में भंडारा भी करवा सकते हैं। गो माता को पालक व गुड़ खिलाएं। चिड़ियों को दाना पानी दें। अन्न का दान करें। माता दुर्गा के बत्तीस नाम के जप से कई जन्मों के पापों का शमन होता है। इस समय तांत्रिक पूजाओं का बहुत महत्व है। श्रद्धा व समर्पण पूर्वक माता दुर्गा जी की स्तुति करें।
क्या न करे-गुप्त नवरात्र में बहुत ज्यादा बोलने व निंदा से बचें।
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धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें
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