Aaj Ka Panchang 14 June 2024: ज्येष्ठ मास की अष्टमी तिथि के दिन अभिजीत शुभ मुहूर्त क्या होगा, यहां जानें पूरा पंचांग

Aaj Ka Panchang 14 June 2024: ज्येष्ठ मास की अष्टमी तिथि के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त 11 बजकर 57 मिनट से लेकर 12 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। इस दिन उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र रहेगा। यहां पढ़ें आज का पूरा पंचांग।

Aaj Ka Panchang

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Aaj Ka Panchang 14 June 2024 (आज का पंचांग 14 जून 2024): ज्येष्ठ मास की अष्टमी तिथि के दिन सूर्योदय सुबह 5 बजकर 25 मिनट पर होगा। वहीं सूर्योदय का समय शाम के 7 बजकर 17 मिनट पर होगा। इसके साथ ही राहुकाल का समय प्रातःकाल 10:30 बजे से दोपहर 12 बजे तक रहेगा। आज के दिन पश्चिम दिशा में यात्रा ना करें। इस दिशा में आज के दिन दिशा शूल रहेगा। आइए जानें यहां आज का पूरा पंचांग।

गुरु नक्षत्र परिवर्तन

Aaj Ka Panchang 14 June 2024 (आज का पंचांग 14 जून 2024)संवत-पिङ्गला विक्रम संवत 2081

माह-ज्येष्ठ ,शुक्ल पक्ष

तिथि- अष्टमी

व्रत-वैभव लक्ष्मी व्रत

दिन-शुक्रवार

सूर्योदय-05:25am

सूर्यास्त-07:17 pm

नक्षत्र-उत्तराफाल्गुनी

चन्द्र राशि- सिंह स्वामी-सूर्य 11:54am तक फिर कन्या ,स्वामी ग्रह-बुध

सूर्य राशि- वृष ,स्वामी -शुक्र

करण-विष्टि10:47am तक फिर बव

योग- सिद्धि 07:09pm तक फिर व्यतिपात

शुभ मुहूर्त

1अभिजीत-11:57am से 12:46 pm

2विजय मुहूर्त-02:24pm से 03:28 pm तक

3गोधुली मुहूर्त--06:47 pm से 07:08 pm तक

4 ब्रम्ह मुहूर्त-4:14am से 05:06am तक

5अमृत काल-06:07am से 07;58 am तक

6निशिता मुहूर्त-रात्रि 11:51 से 12:44 तक रात्रि

संध्या पूजन-06:54pm से 07;52pm तक

दिशा शूल -पश्चिम दिशा। इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशाशूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं,यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।

अशुभ मुहूर्तराहुकाल - प्रातःकाल 10:30 बजे से दोपहर 12 बजे तक

क्या करें-माता लक्ष्मी जी को समर्पित वैभव लक्ष्मी व्रत रहें। श्री विष्णु उपासना भी करें। मन्दिर में भगवान विष्णु जी का दर्शन व उनके विग्रह की 04 परिक्रमा करें। बृहस्पति व शुक्र के द्रव्य चने की दाल व चावल के दान का बहुत महत्व है। आज उपवास फलाहार ही होगा।श्री कृष्ण जी को लड्डू का भोग व बांसुरी अर्पित करें। भगवान विष्णु जी के नाम का भी जप करें। ॐ नमो भगवते वासुदेवायः महामंत्र का निरन्तर मानसिक जप करते रहें। धार्मिक सतसंग करें। किसी भी मंदिर परिसर में नीम व पीपल का पेड़ लगाएं।आज बजरंग बली जी की उपासना का भी विशेष महत्व है।रोगों से मुक्ति के लिए हनुमान बाहूक का पाठ करें। शिव मंदिर में गंगा जल व कुशोदक से रुद्राभिषेक भी करवा सकते हैं। गो माता को केला व पालक खिलाएं। चिड़ियों को दाना पानी दें। धार्मिक पुस्तकों का दान करें। विष्णु जी के मंदिर में घण्टा व पीत वस्त्र चढ़ाएं। श्री सूक्त के ऋग्वैदिक श्री सूक्तम के 16 ऋचाओं का पाठ करें।

क्या न करें- -शुक्र प्रेम व सुखद दाम्पत्य जीवन का कारक ग्रह है।पत्नी से प्रेम से बात करें।उसको हीरे या स्वर्ण के आभूषण कुछ न कुछ गिफ्ट अवश्य दें।

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सुजीत जी महाराज author

सुजीत जी महाराज ज्योतिष और वास्तु विज्ञान एक्सपर्ट हैं जिन्हें 20 वर्षों का ज्योतिष, तंत्र विज्ञान का अनुभव हासिल हैं। 25000 से ऊपर लेख देश के कई बड़...और देखें

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