17 July 2024 Panchang: इस दिन मनाई जाएगी देवशयनी एकादशी, नोट करें शुभ मुहूर्त, राहुकाल, प्रदोष काल समेत पूरा पंचांग
17 July 2024 Panchang: 17 जुलााई को आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। जिसे आषाढ़ी एकादशी और देवशयनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। चलिए जानते हैं देवशयनी एकादशी का पूरा पंचांग।
Aaj Ka Panchang 17 July 2024
17 July 2024 Panchang: पंचांग अनुसार 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी मनाई जाएगी। इस एकादशी को आषाढ़ी एकादशी और हरिशयनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन से चातुर्मास भी लग जाता है। आज एकादशी तिथि रात 9 बजकर 2 मिनट तक रहेगी। इसके बाद दशमी लग जाएगी। आज सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का शुभ संयोग भी रहेगा। चलिए जानते हैं आज का पूरा पंचांग।
Devshayani Ekadashi 2024 Parana Time (देवशयनी एकादशी पारण समय 2024)
एकादशी तिथि प्रारम्भ - 16 जुलाई 2024 को 08:33 PM बजे
एकादशी तिथि समाप्त - 17 जुलाई 2024 को 09:02 PM बजे
18 जुलाई को व्रत तोड़ने का समय - 05:35 AM से 08:20 AM
पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - 08:44 PM
17 July 2024 Panchang (17 जुलाई 2024 पंचांग)
संवत---पिङ्गला विक्रम संवत 2081 माह-आषाढ़ ,शुक्ल पक्ष
तिथि-- एकादशी 09:09 pm तक फिर द्वादशी
व्रत- एकादशी व्रत
दिवस-बुधवार
सूर्योदय-05:25am
सूर्यास्त-07:18pm
नक्षत्र- अनुराधा
चन्द्र राशि- वृश्चिक,स्वामीग्रह -मंगल
सूर्य राशि- मिथुन ,स्वामी -बुध
करण- वणिज 08:56pm तक फिर विष्टि
योग: शुभ 07:20am तक फिर शुक्ल
17 July 2024 Shubh Muhurat (17 जुलाई 2024 शुभ मुहूर्त)
अभिजीत-11:54am से 12:49 pm
विजय मुहूर्त-02:24pm से 03:24 pm तक
गोधुली मुहूर्त--06:31 pm से 07:25 pm तक
ब्रम्ह मुहूर्त-4:154m से 05:09am तक
अमृत काल-06:08am से 07;56am तक
निशीथ काल मुहूर्त-रात्रि 11:52 से 12:41 तक रात
संध्या पूजन-06:35 pm से 07:30pm तक
सर्वार्थ सिद्धि योग- 05:34 AM से 03:13 AM, जुलाई 18
अमृत सिद्धि योग- 05:34 AM से 03:13 AM, जुलाई 18
दिशा शूल-उत्तर दिशा। इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशाशूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं, यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।
अशुभ मुहूर्त- राहुकाल -दोपहर 12 बजे से 01:30 बजे तक
क्या करें- एकादशी का व्रत रहे। भगवान विष्णु जी की उपासना करें। श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ अवश्य करें। आर्थिक उन्नती के लिए श्री सूक्तम के ऋग्वैदिक श्री सूक्तम की 16 ऋचाओं का 21 बार पाठ करें।सप्त अन्न का दान करें।
क्या न करे-चावल कदापि मत ग्रहण करें।
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धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 सा...और देखें
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