Aaj Ka Panchang 21 June 2024: पंचांग से जानिए वट पूर्णिमा का व्रत कब तक रखा जाएगा, जानें राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त
21 June 2024 Panchang: पंचांग अनुसार 21 जून को ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि सुबह 7 बजकर 31 मिनट पर लग जाएगी। ऐसे में महिलाएं इस दिन वट पूर्णिमा व्रत रखेंगी। यहां आप जानेंगे वट पूर्णिमा पूजा मुहूर्त से लेकर अभिजीत मुहूर्त, राहुकाल समेत पूरा पंचांग।
21 June 2024 Panchang
21 June 2024 Panchang: पंचांग अनुसार 21 जून को वट पूर्णिमा व्रत रखा जाएगा। जिसे वट सावित्री व्रत के नाम से भी जाना जाता है। ये व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। इस दिन चंद्र देव वृश्चिक राशि में रहेंगे तो सूर्य देव मिथुन राशि में रहेंगे। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 55 मिनट से दोपहर 12 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। राहुकाल सुबह साढ़े 10 से शुरू हो जाएगा। चलिए जानते हैं अब आज का पूरा पंचांग, वट सावित्री व्रत पूजा मुहूर्त समेत।
वट सावित्री पूर्णिमा पूजा विधि
वट सावित्री पूर्णिमा मुहूर्त 2024 (Vat Savitri Purnima Muhurat 2024)
- वट सावित्री पूर्णिमा 21 जून 2024 शुक्रवार को है।
- पूर्णिमा तिथि का प्रारम्भ 21 जून 2024 को 07:31 AM पर होगा।
- पूर्णिमा तिथि की समाप्ति 22 जून 2024 को 06:37 AM पर होगी।
21 जून 2024का पंचांग (21 June 2024 Panchang)
संवत- पिङ्गला
विक्रम संवत- 2081
माह-ज्येष्ठ ,शुक्ल पक्ष
तिथि- चतुर्दशी 07:32am तक फिर पूर्णिमा
व्रत-पूर्णिमा व्रत
दिन-शुक्रवार
सूर्योदय-05:24am
सूर्यास्त-07:18 pm
नक्षत्र- ज्येष्ठा 06:20pm तक फिर मूल
चन्द्र राशि- वृश्चिक 06:20pm तक
सूर्य राशि- मिथुन
करण- वणिज 07:32am तक फिर विष्टि
योग- शुभ 06:42pm तक फिर शुक्ल
21 जून 2024 शुभ मुहूर्त (21 June 2024 Shubh Muhurat)
अभिजीत-11:55am से 12:43 pm
विजय मुहूर्त-02:29pm से 03:25 pm तक
गोधुली मुहूर्त--06:44 pm से 07:08 pm तक
ब्रम्ह मुहूर्त-4:13 am से 05:08am तक
अमृत काल-06:09am से 07:56am तक
निशीथ काल मुहूर्त-रात्रि 11:52 से 12:46 तक रात्रि
संध्या पूजन-06:50pm से 07:51pm तक
दिशा शूल -साउथ दिशा।इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशाशूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं, यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।
अशुभ मुहूर्त- राहुकाल -प्रातःकाल 10:30 बजे से दोपहर 12 बजे तक
आज क्या करें-भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी जी को समर्पित वैभव लक्ष्मी का व्रत रहें। माता लक्ष्मी जी की उपासना करें। आज पूर्णिमा है। मन्दिर में भगवान श्री कृष्ण जी का दर्शन करें। पूर्णिमा व्रत बहुत ही फलदायी है। धार्मिक पुस्तकों सहित चावल व सफेद द्रव्य के दान का बहुत महत्व है। उपवास फलाहार या जैसा आपका स्वास्थ्य हो, वैसा ही होगा।घर मे पूजित ठाकुर जी व लड्डू गोपाल जी को तुलसी दल अर्पित करें। भगवान राम व कृष्ण के नाम का निरन्तर मानसिक जप करते रहें। धार्मिक सतसंग करें। किसी भी मंदिर परिसर में पीपल का पेड़ लगाएं। आज जल दान का भी बहुत महत्व है।श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें। मन्दिर में भंडारा भी करवा सकते हैं। गो माता को केला व पालक खिलाएं। चिड़ियों को दाना पानी दें। चने की दाल का दान करें। पूर्णिमा की रात्रि में चन्द्रमा को दुग्ध से अर्ध्य दें। शिव उपासना करें व चन्द्रमा के बीज मंन्त्र का जप करें। हरि नाम संकीर्तन करें। चन्द्रमा का दर्शन -पूजन करन पुण्यदायी है।
आज क्या न करें- किसी को कटु वचन मत बोलें।
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धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें
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