22 June 2024 Panchang: पंचांग से जानिए ज्येष्ठ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त, राहुकाल, अभिजीत मुहूर्त, सूर्योदय और सूर्यास्त समय सबकुछ
22 June 2024 Panchang: पंचांग अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि 22 जून की सुबह 6 बजकर 37 मिनट तक रहेगी इसके बाद आषाढ़ महीने की प्रतिपदा लग जाएगी। चूंकि सूर्योदय के समय उदया तिथि स्थित है इसलिए 22 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा पूरे दिन मानी जाएगी। यहां आप जानेंगे ज्येष्ठ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त, राहुकाल, अभिजीत मुहूर्त समेत पूरा पंचांग।
Aaj Ka Panchang 22 June 2024
22 June 2024 Panchang: पंचांग अनुसार 22 जनवरी को ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत रखा जाएगा इसके अलावा इस दिन कबीर दास जयंती भी मनाई जाएगी। हिंदू धर्म में ज्येष्ठ पूर्णिमा का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से बेहद पुण्य फल प्राप्त होता है। इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। राहुकाल सुबह 10 बजकर 30 मिनट से दोपहर 12 बजे तक रहेगा। चंद्र देव वृश्चिक राशि में तो सूर्य देव मिथुन राशि में रहेंगे। अब जानिए आज का पूरा पंचांग।
Jyeshtha Purnima 2024 Puja Muhurat (ज्येष्ठ पूर्णिमा मुहूर्त 2024)
- ज्येष्ठ पूर्णिमा 22 जनवरी 2024, शनिवार
- ज्येष्ठ पूर्णिमा का प्रारंभ 21 जून को 07:31 AM
- ज्येष्ठ पूर्णिमा की समाप्ति 22 जून क 06:37 AM
22 June 2024 Panchang In Hindi (22 जून का पंचांग)
संवत---पिङ्गला विक्रम संवत 2081 माह-ज्येष्ठ ,शुक्ल पक्ष
तिथि- पूर्णिमा 06:38am तक फिर प्रतिपदा
व्रत-ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत
दिन-शनिवार
सूर्योदय-05:24am सूर्यास्त-07:18 pm
नक्षत्र- मूल 05:55pm तक फिर पूर्वाषाढ़ा
चन्द्र राशि- वृश्चिक
सूर्य राशि- मिथुन
करण- बव 06:48am तक फिर बालव
योग- शुक्ल04:45pm तक फिर ब्रम्ह
22 June 2024 Shubh Muhurat (22 जून 2024 शुभ मुहूर्त)
अभिजीत-11:56am से 12:42 pm
विजय मुहूर्त-02:28pm से 03:24 pm तक
गोधुली मुहूर्त--06:45 pm से 07:08 pm तक
ब्रम्ह मुहूर्त-4:12am से 05:08am तक
अमृत काल-06:08am से 07:56am तक
निशीथ काल मुहूर्त-रात्रि 11:53 से 12:46 तक रात्रि
संध्या पूजन-06:51pm से 07;50pm तक
दिशा शूल -साउथ दिशा। इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशाशूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं, यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।
अशुभ मुहूर्त- राहुकाल -प्रातःकाल 10:30 बजे से दोपहर 12 बजे तक
क्या करें-शनिवार का व्रत रहें।पीपल को जल दें। पूर्णिमा को माता लक्ष्मी जी की उपासना करें। आज पूर्णिमा है। मन्दिर में भगवान श्री कृष्ण जी का दर्शन करें। पूर्णिमा व्रत बहुत ही फलदायी है। धार्मिक पुस्तकों सहित चावल व सफेद द्रव्य के दान का बहुत महत्व है। उपवास फलाहार या जैसा आपका स्वास्थ्य हो, वैसा ही होगा। घर मे पूजित ठाकुर जी व लड्डू गोपाल जी को तुलसी दल अर्पित करें। भगवान राम व कृष्ण के नाम का निरन्तर मानसिक जप करते रहें। धार्मिक सतसंग करें।किसी भी मंदिर परिसर में पीपल का पेड़ लगाएं। आज जल दान का भी बहुत महत्व है। श्री रामचरितमानस का पाठ करें। मन्दिर में भंडारा भी करवा सकते हैं। गो माता को केला व पालक खिलाएं। चिड़ियों को दाना पानी दें। चने की दाल का दान करें। पूर्णिमा की रात्रि में चन्द्रमा को दुग्ध से अर्ध्य दें। शिव उपासना करें व चन्द्रमा के बीज मंन्त्र का जप करें। हरि नाम संकीर्तन करें। चन्द्रमा का दर्शन -पूजन करन पुण्यदायी है। हनुमान चालीसा का 07 बार पाठ करें।
क्या न करें- किसी के साथ अन्याय मत करें।
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धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 सा...और देखें
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