Aaj Ka Panchang 3 April 2025: पंचांग से जानें चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी त‍िथि के शुभ मुहूर्त, राहुकाल और दिशा शूल के बारे में

Aaj Ka Panchang 3 April 2025 (आज का पंचांग 3 अप्रैल 2025): नवरात्रि और गुरुवार, दोनों का हिंदू धर्म और ज्योतिष में विशेष महत्व है। नवरात्रि मां दुर्गा की उपासना का पर्व है, जिसमें भक्त नौ दिनों तक माता के विभिन्न रूपों की पूजा करते हैं। वहीं, गुरुवार को भगवान विष्णु और बृहस्पति ग्रह का दिन माना जाता है। ऐसे में त‍िथि‍ की अधिक जानकारी के ल‍िए यहां पढ़ें आज का पंचांग।

Aaj Ka Panchang 3 April 2025

Aaj Ka Panchang 3 April 2025

Aaj Ka Panchang 3 April 2025 (आज का पंचांग 3 अप्रैल 2025): नवरात्रि मां दुर्गा की आराधना का पर्व होता है, जिसमें शक्ति, भक्ति और साधना का विशेष महत्व है। ये पर्व वर्ष में चार बार आता है, लेकिन चैत्र और शारदीय नवरात्रि की सबसे अधिक मान्‍यता है। चैत्र नवरात्रि इन नौ दिनों में भक्त उपवास रखते हैं, मंत्र जाप करते हैं और मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए पूजा-अर्चना करते हैं। गुरुवार का दिन हिंदू धर्म में भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति को समर्पित माना जाता है। ये दिन ज्ञान, सद्भावना, आध्यात्मिक उन्नति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस दिन व्रत रखने से बृहस्पति ग्रह की कृपा प्राप्त होती है, जो विवाहित जीवन, शिक्षा और करियर में सफलता के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि नवरात्रि के दौरान गुरुवार का संयोग बनता है तो ये शुभ होता है। ऐसा संयोग साधकों और भक्तों के लिए अत्यंत ही फलदायक होता है, क्योंकि ये ज्ञान, शक्ति और आध्यात्मिक उन्नति को बढ़ाने वाला होता है। ऐसे में शुभ मुहूर्त, राहुकाल, दिशा शूल और त‍िथि‍ से जुड़ी अन्‍य जानकार‍ियों के बारे में जानने के ल‍िए यहां देखें 3 अप्रैल 2025 का पंचांग।

आज का पंचांग 3 अप्रैल 2025 (Aaj Ka Panchang 3 April 2025)

  • संवत - पिङ्गला विक्रम संवत 2082
  • माह - चैत्र, कृष्ण पक्ष,
  • तिथि - चैत्र माह शुक्ल पक्ष षष्ठी 09:41 ए.एम तक फिर सप्तमी
  • पर्व - नवरात्र
  • दिवस - गुरुवार
  • सूर्योदय - 06:09 ए.एम सूर्यास्त - 6:39 पी.एम
  • नक्षत्र - रोहिणी 07:03 ए.एम तक फिर मृगशिरा
  • चंद्र राशि - वृष, स्वामी ग्रह-शुक्र 06:23 पी.एम तक फिर मिथुन, स्वामी-बुध
  • सूर्य राशि - मीन, स्वामी ग्रह-गुरु
  • करण - कौलव 01:08 पी.एम तक फिर बालव
  • योग - आयुष्मान 08:49 ए.एम तक फिर तैतिल

आज के शुभ मुहूर्त

  • अभिजीत - 12:01 पी.एम से 12:50 पी.एम तक
  • विजय मुहूर्त - 02:23 पी.एम से 03:26 पी.एम तक
  • गोधुली मुहूर्त - 06:22 पी.एम से 07:22 पी.एम तक
  • ब्रम्ह मुहूर्त - 4:03 ए.एम से 05:09 ए.एम तक
  • अमृत काल - 06:03 ए.एम से 07:44 ए.एम तक
  • निशीथ काल मुहूर्त - रात्रि 11:43 से 12:25 तक
  • संध्या पूजन - 06:30 पी.एम से 07:05 पी.एम तक

दिशा शूल - दक्षिण दिशा। इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशा शूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं, यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।

अशुभ मुहूर्त - राहुकाल-दोपहर 01:30 बजे से 03 बजे तक

क्या करें - चैत्र नवरात्र का पवित्र समय चल रहा है। ये व्रत, उपासना व शक्ति पूजा का पुण्य काल है। नित्यप्रतिदिन दुर्गासप्तशती का पाठ करें। माता जगदंबा को समर्पित ये महान उपवास शक्ति उपासना का पुनीत अवसर है। मन में हर पल माता दुर्गा के किसी भी नाम का जप करें। नियम पूर्वक व्रत व दान-पुण्य करना बहुत फलित होता है। शिव मंद‍िर परिसर में बेल, बरगद ,आम, पाकड़ व पीपल का पेड़ लगाएं। अपने घर के मंदिर में अखण्ड दीप जलाइए। दुर्गासप्तशती का नित्य पाठ करें। सिद्धिकुंजिकास्तोत्र का 09 पाठ अवश्य करें। माता दुर्गा के 32 व 108 नामों का जप करें। सप्तश्लोकी दुर्गा का नियमित 09 पाठ करें। ब्रम्ह मुहूर्त में श्री रामरक्षास्तोत्र का पाठ बहुत फलदायी है। कलश स्थापना वाले घरों में नित्य दुर्गासप्तशती का पाठ व अखण्ड दीपक जलाना श्रेयस्कर है। माता दुर्गा की भक्ति प्राप्त करने के लिए सिद्धिकुंजिकास्तोत्र का पाठ अत्यंत आवश्यक है। इस समय मन का सात्विक होना बहुत आवश्यक है।

क्या न करें - मन, वचन व कर्म से किसी को दुख मत दें।

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सुजीत जी महाराज author

सुजीत जी महाराज ज्योतिष और वास्तु विज्ञान एक्सपर्ट हैं जिन्हें 20 वर्षों का ज्योतिष, तंत्र विज्ञान का अनुभव हासिल हैं। 25000 से ऊपर लेख देश के कई बड़...और देखें

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