Aaj Ka Panchang 4 April 2025: आज चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि, जानिए शुभ मुहूर्त, राहुकाल और दिशा शूल के बारे में
Aaj Ka Panchang 4 April 2025 (आज का पंचांग 4 अप्रैल 2025): आज महा सप्तमी है और दिन शुक्रवार का है। शुक्रवार और नवरात्रि का हिंदू धर्म और ज्योतिष में विशेष महत्व है। ज्योतिष के अनुसार, नवरात्रि के दौरान ग्रहों की विशेष स्थिति आध्यात्मिक साधना और ऊर्जा को जाग्रत करने में सहायक होती है। वहीं चैत्र नवरात्रि की सप्तमी पर मां कालरात्रि की पूज-अर्चना होती है जिनकी कृपा से नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है। ऐसे में यहां देखिए आज का पंचांग।

Aaj Ka Panchang 4 April 2025
Aaj Ka Panchang 4 April 2025 (आज का पंचांग 4 अप्रैल 2025): हिंदू धर्म में शुक्रवार और नवरात्रि की सप्तमी का अत्यंत ही धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व है। शुक्रवार को माता लक्ष्मी का दिन माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से धन, सौभाग्य और वैवाहिक जीवन की सुख-समृद्धि के लिए व्रत और पूजा की जाती है। ये दिन शुक्र ग्रह का भी होता है, जिसे ज्योतिष में प्रेम, सौंदर्य और भौतिक सुख-संपत्ति का कारक माना जाता है। नौ दिनों तक चलने वाला नवरात्रि का पर्व मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना के लिए समर्पित है। ज्योतिष के अनुसार, इन दिनों में ग्रहों की स्थिति विशेष रूप से अनुकूल होती है, जिससे साधना और उपासना का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। ये समय आत्मशुद्धि, साधना और सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को प्रबल करने के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शुक्रवार और नवरात्रि दोनों ही भक्तों के लिए सौभाग्य, समृद्धि और मानसिक शांति का स्रोत हैं। इन दिनों में व्रत, दान और देवी आराधना से जीवन में सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है।
आज का पंचांग 4 अप्रैल 2025 (Aaj Ka Panchang 4 April 2025)
- संवत - पिङ्गला विक्रम संवत 2082
- माह - चैत्र, कृष्ण पक्ष
- तिथि - चैत्र माह शुक्ल पक्ष सप्तमी
- पर्व - नवरात्रि
- दिवस - शुक्रवार
- सूर्योदय - 06:09 ए.एम सूर्यास्त - 6:39 पी.एम
- नक्षत्र - मृगशिरा
- चंद्र राशि - मिथुन, स्वामी-बुध
- सूर्य राशि- मीन, स्वामी ग्रह-गुरु
- करण - बालव
- योग - तैतिल
आज के शुभ मुहूर्त
- अभिजीत - 12:01 पी.एम से 12:50 पी.एम तक
- विजय मुहूर्त - 02:23 पी.एम से 03:26 पी.एम तक
- गोधुली मुहूर्त - 06:22 पी.एम से 07:22 पी.एम तक
- ब्रह्म मुहूर्त - 4:03 ए.एम से 05:09 ए.एम तक
- अमृत काल - 06:03 ए.एम से 07:44 ए.एम तक
- निशीथ काल मुहूर्त - रात 11:43 से 12:25 तक रात
- संध्या पूजन - 06:30 पी.एम से 07:05 पी.एम तक
दिशा शूल-पश्चिम दिशा। इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशाशूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं, यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।
अशुभ मुहूर्त - राहुकाल - प्रातःकाल 10:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक
क्या करें - चैत्र नवरात्रि का पवित्र समय चल रहा है। माता दुर्गा जी की उपासना करें। ये व्रत, उपासना व शक्ति पूजा का पुण्य काल है। नित्यप्रतिदिन दुर्गासप्तशती का पाठ करें। माता जगदंबा को समर्पित ये महान उपवास शक्ति उपासना का पुनीत अवसर है। मन में हर पल माता दुर्गा के किसी भी नाम का जप करें। नियम पूर्वक व्रत व दान -पुण्य करना बहुत फलित होता है। शिव मंदिर परिसर में बेल, बरगद ,आम, पाकड़ व पीपल का पेड़ लगाएं। अपने घर के मंदिर में अखण्ड दीप जलाइए। दुर्गासप्तशती का नित्य पाठ करें। सिद्धिकुंजिकास्तोत्र का 09 पाठ अवश्य करें। माता दुर्गा के 32 व 108 नामों का जप करें। सप्तश्लोकी दुर्गा का नियमित 09 पाठ करें। ब्रह्म मुहूर्त में श्री रामरक्षास्तोत्र का पाठ बहुत फलदायी है। कलश स्थापना वाले घरों में नित्य दुर्गासप्तशती का पाठ व अखण्ड दीपक जलाना श्रेयस्कर है। माता दुर्गा की भक्ति प्राप्त करने के लिए सिद्धिकुंजिकास्तोत्र का पाठ अत्यंत आवश्यक है। इस समय मन का सात्विक होना बहुत आवश्यक है। मंदिर में कीर्तन व फलाहार कराएं। माता दुर्गा मंदिर में माता की प्रतिमा की एक परिक्रमा करें। नारियल व लौंग माता को बहुत प्रिय है।
क्या न करें - नवरात्र में मन के अंदर किसी के प्रति कोई द्वेष न हो।
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सुजीत जी महाराज ज्योतिष और वास्तु विज्ञान एक्सपर्ट हैं जिन्हें 20 वर्षों का ज्योतिष, तंत्र विज्ञान का अनुभव हासिल हैं। 25000 से ऊपर लेख देश के कई बड़...और देखें

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