शुक्रवार को कब और कितने हैं शुभ मुहूर्त जब कर सकते हैं लक्ष्मी जी का पूजन, जानें 18 अप्रैल का पूरा पंचांग
Aaj ka Panchang 18 April 2025: शुक्रवार को लक्ष्मी जी का पूजन होता है। इस दिन संतोषी माता का व्रत भी किया जाता है। यहां देखें शुक्रवार 18 अप्रैल का पूरा पंचांग। शुभ मुहूर्त से जानें कितने बजे कर सकते हैं मां लक्ष्मी का पूजन। साथ ही नोट करें दिशा शूल, राहु काल आदि की जानकारी।

Aaj Ka Panchang 18 April 2025
Aaj ka Panchang 18 April 2025: अभी वैशाख मास का कृष्ण पक्ष चल रहा है। आज पंचमी और खष्ठी तिथि का मेल रहेगा। शुक्रवार को देवी पूजा का दिन माना जाता है। यहां से नोट करें कि दिन में कितने शुभ मुहूर्त हैं और कब शुभ योग में मां लक्ष्मी का पूजन किया जा सकता है। आज के दिन पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करनी है। आगे आप आज का दैनिक पंचांग विस्तृत तरीके से देख सकते हैं।
आज का पंचांग 18 अप्रैल 2025
- संवत - पिङ्गला विक्रम संवत 2082
- माह-वैशाख
- तिथि - कृष्ण पक्ष पंचमी 05:09 pm तक, फिर खष्ठी
- पर्व - वैभव लक्ष्मी व्रत
- दिवस - शुक्रवार
- सूर्योदय - 05:53am
- सूर्यास्त - 6:49pm
- नक्षत्र - ज्येष्ठा 08:23am तक, फिर मूल
- चन्द्र राशि - वृश्चिक,
- स्वामी- मंगल 08:22 प्रातःकाल तक, फिर धनु
- स्वामी ग्रह - गुरु
- सूर्य राशि - मेष
- करण - तैतिल 05:05 pm तक फिर गरज
- योग - परिघ
18 अप्रैल 2025 का शुभ मुहूर्त
- अभिजीत मुहूर्त - 11:56 am से 12:48 pm तक
- विजय मुहूर्त - 02:22pm से 03:26pm तक
- गोधुली मुहूर्त - 06:24pm से 07:23pm तक
- ब्रह्म मुहूर्त- 4:03m से 05:03am तक
- अमृत काल - 06:07am से 07:44am तक
- निशीथ काल मुहूर्त - रात्रि 11:42से 12:20तक रात
- संध्या पूजन - 06:27pm से 07:02pm तक
दिशा शूल- पश्चिम दिशा।इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशाशूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं,यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।
अशुभ मुहूर्त - राहुकाल-प्रातःकाल 10:30 बजे से दोपहर 12 बजे तक
क्या करें - परम पवित्र वैशाख माह दिन शुक्रवार दिवस खष्ठी है। आज वैभव लक्ष्मी व्रत है। श्री सूक्त का पाठ करें। नियमित वैभव लक्ष्मी व्रत भी रह सकते हैं। वैशाख माह का हर दान व पुण्य प्राप्ति का सुअवसर देता है। शुक्र के बीज मंत्र का जप करें। आज फलों का दान करना बहुत फलित होता है। अपने घर के मंदिर में भगवान विष्णु जी के सामने अखण्ड दीप जलाइए व कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें। श्री विष्णुसहस्रनाम का 09 पाठ बहुत फ़लदायी होता है। मन का निर्मल व सात्विक होना बहुत ही आवश्यक है। इस माह मंदिरों में भंडारे व अन्न दान की व्यवस्था कराएं। विहंगों को दाना-पानी दें। श्री कृष्ण उपासना करें।
क्या न करें - मन में किसी के प्रति द्वेष व ईर्ष्या मत रखें। शुक्र पत्नी व प्रेम का कारक ग्रह है। जीवनसंगिनी से कटु वाणी मत बोलें।
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सुजीत जी महाराज ज्योतिष और वास्तु विज्ञान एक्सपर्ट हैं जिन्हें 20 वर्षों का ज्योतिष, तंत्र विज्ञान का अनुभव हासिल हैं। 25000 से ऊपर लेख देश के कई बड़...और देखें

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