Shubh Muhurat: यह होता है प्रतिदिन का सबसे शुभ मुहूर्त, श्रीराम से है नाता, सफलता मिलता है शत-प्रतिशत

Abhijeet Muhurat Importance: ज्‍योतिष शास्‍त्र में शुभ मुहूर्त को बहुत महत्‍व दिया गया है। साल में कई ऐसे मुहूर्त होते हैं जब आंख बंद कर कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। इनमें से एक अभिजीत मुहूर्त है। इस मुहुर्त में किया काम शत-प्रतिशत सफलता प्रदान करता है। इसका नाता श्रीराम के जन्‍म से है।

अभिजीत मुहूर्त का महत्‍व

मुख्य बातें
  • अभिजीत मुहूर्त में हुआ था भगवान श्रीराम का जन्‍म
  • यह मुहूर्त रोजाना दोपहर 11.36 बजे से 12.24 बजे तक
  • 48 मिनट की यह मुहूर्त पूरे दिन का स्वयंसिद्ध मुहूर्त


Abhijeet Muhurat Importance: हिन्‍दू धर्म में ज्‍योतिष शास्‍त्र और शुभ मुहूर्त को बहुत महत्‍व दिया गया है। हिन्‍दू पंचांग के अनुसार साल में कई ऐसे मुहूर्त होते हैं जब आंख बंद कर कोई भी शुभ कार्य किया जा सकते हैं। इनमें एक ऐसा मुहूर्त भी है जिसे अभिजीत मुहूर्त कहा जाता है। इस मुहुर्त में किया काम शत-प्रतिशत सफलता प्रदान करता है। इसलिए ज्‍यादातर लोग कोई भी शुभ कार्य करने के लिए इस मुहूर्त के आने का इंतजार करते हैं। इस मुहूर्त का अर्थ प्रभु श्री राम से जुड़ा है। श्री राम ने अभिजीत मुहूर्त में जन्म लिया था और उन्‍हें अपने जीवन में कभी कोई असफलता नहीं मिली।
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इसलिए अभिजीत मुहूर्त को बहुत ही शुभ माना जाता है। तुलसी दास द्वारा रचित रामचरितमानस में श्रीराम के जन्‍म के बारे में कहा गया है कि, “नौमी तिथि मधुमास पुनीता, सुकल पच्छ अभिजित हरिप्रीता। मध्य दिवस अति सीत ना घामा, पावन काल लोक बिश्रामा।।” इस चौपाई से स्पष्ट हो जाता है कि श्रीराम का जन्‍म जन्म मधु मास में नवमी तिथि को अभिजीत मुहूर्त में हुआ था। जसकी वजह से यह बहुत ही शुभ मुहूर्त माना जाता है। नारद पुराण में इसे चक्र सुदर्शन मुहूर्त भी कहते हैं। यह मुहूर्त रोजाना दोपहर 11.36 बजे से 12.24 बजे तक रहता है। इस मुहूर्त की अवधि 48 मिनट रहती है। इसे पूरे दिन का स्वयंसिद्ध मुहूर्त माना जाता है। इस अवधि में शुरू किया गया कार्य असफल नहीं होता।
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