Roti ke Upay: इन खास मौकों पर रोटी बनाना होता है अशुभ, नियम तोड़ने पर जिंदगी बन जाती है नरक
Roti ke Upay: जिस तरह से एकादशी पर चावल बनाने व खाने की मनाही होती है, उसी तरह से कई ऐसे मौके भी होते हैं, जब घर में रोटी नहीं बनानी चाहिए। ज्योतिष शास्त्र में इन नियमों के बारे में विस्तार से बताया गया है। इस नियम का पालन न करने वाले लोगों से मां अन्नपूर्णा नाराज हो जाती हैं और घर की बरकत और संपन्नता खोने लगती है।
रोटी के उपाय
- ज्योतिष शास्त्र में दी गई है रोटी बनाने के नियम की जानकारी
- मां लक्ष्मी से संबंधित त्योहारों पर रोटी बनाना होता है वर्जित
- नाग पंचमी पर तवा को चूल्हे पर रखना ही होता है वर्जित
Kis Din Nahi Banayen Roti: आपने एकादशी पर चावल न बनाने और न खाने के नियम के बारे में सुना ही होगा। ज्योतिष शास्त्र में खाना बनाने को लेकर इस तरह के कई शास्त्रीय नियमों के बारे में बताया गया है। अगर इन नियमों का सही से पालन नहीं किया जाए तो जीवन में परेशानियां बढ़ जाती हैं। जिस तरह से एकादशी पर चावल नहीं बनता है, उसी तरह कई मौकों पर रोटी बनाना भी पूरी तरह से वर्जित होता है। इन मौकों पर भूलकर भी रोटी नहीं बनानी चाहिए। इस नियम का पालन न करने वाले लोगों से मां अन्नपूर्णा नाराज हो जाती हैं और घर की बरकत और संपन्नता खोने लगती है। आईये जानते हैं इन खास दिनों के बारे में।
त्योहारों पर रोटी नहीं बनाना वर्जित
मां लक्ष्मी से संबंधित किसी भी त्योहार के मौके पर घर में रोटी नहीं बनानी चाहिए, इससे मां लक्ष्मी नाराज होती हैं। इसकी जगह पकवान बनाना चाहिए। यानी इन खास मौकों पर पूरी-हलवा, पूरी-खीर जैसे पकवान बनाने चाहिए।
नाग पंचमी पर तवा चूल्हे पर रखना वर्जित
नाग पंचमी त्योहार के दिन घर में चूल्हे पर तवा रखना ही पूरी तरह वर्जित माना जाता है। ऐसे में रोटी बनाना पूरी तरह मना होता है। शास्त्रों के अनुसार, तवे को नाग के फन का प्रतीक माना गया है। इसलिए नाग पंचमी को चूल्हे पर तवा नहीं चढ़ाया जाता। इस दिन रोटी के अलावा कोई भी व्यंजन बना सकते हैं।
मृत्यु शोक में रोटी वर्जित
हिन्दू धर्म में जब किसी की मौत हो जाती है तो उस घर में रोटी समेत किसी तरह के भोजन नहीं बनते हैं। शास्त्रों के अनुसार, मृतक के शुद्धक के बाद ही घर में रोटियां बनाई जानी चाहिए। ऐसा न करना बहुत ही अशुभ माना जाता है।
शरद पूर्णिमा और शीतला अष्टमी पर रोटी नहीं बनती
शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं में दक्ष होते हैं। इस दिन शाम के समय घर में पकवान बनाना चाहिए। साथ ही खीर बनाकर चांद की रोशनी में रखनी चाहिए। फिर सुबह उसका सेवन करना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन आसमान से अमृत की वर्षा होती है, इसलिए रोटी नहीं बनानी चाहिए। इसी तरह शीतला अष्टमी पर बासी खाने का भोग लकागर मां शीतला की पूजा की जाती है। इस दिन घर में रोटी बनाने पर मनाही होती है।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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