Paush Mass Importance: बेहद खास होता है पौष माह, जानिए धार्मिक मान्यताओं के अनुसार क्या करना है शुभ

Paush Mass Importance: हिन्‍दू पंचांग के अनुसार 9 दिसंबर से पौष माह की शुरुआत हो रही है। इस मास का हिन्‍दू धर्म में बहुत महत्व है, यह मास सूर्य को समर्पित है। पौष माह में नियमित रूप से सूर्यदेव को जल चढ़ाने पर संपन्नता आती है और मान-सम्मान में भी वृद्धि होती है। इस माह लोग हर रविवार को सूर्य देव का व्रत रखते और उन्‍हें अर्घ्य देकर तिल-चावल की खिचड़ी का भोग लगाते हैं।

paush mass importance.

पौष माह है सूर्य को समर्पित, जानिए इस मास क्‍या करना रहेगा शुभ

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • पौष मास का हिन्‍दू धर्म में है बहुत महत्‍व, सूर्य को समर्पित यह मास
  • सूर्यदेव की पूजा करने और जल चढ़ाने पर घर में आती है संपन्नता
  • रविवार को वर्त रखने से सूर्य देव से मिलती है लंबी उम्र का वरदान

Paush Mass Importance: साल 2022 का आखिरी माह दिसंबर शुरू हो चुका है। हिन्‍दू पंचांग के अनुसार 9 दिसंबर से पौष माह की शुरुआत हो रही है। सनातन धर्म में इस मास का बहुत महत्व है। पौष माह में नियमित रूप से सूर्यदेव को जल चढ़ाने पर संपन्नता आती है और मान-सम्मान में भी वृद्धि होती है। मान्‍यता है कि इस मास में नौकरी-व्यापार और रोजगार से जुड़ी परेशानियों का भी अंत होता है। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, पौष माह सूर्य को समर्पित है। इस मास में सूर्य की 11 हजार किरणें इंसान को ऊर्जा और स्वास्थ्य प्रदान करती हैं।

इस माह लोग हर रविवार को सूर्य देव का व्रत रखते और उन्‍हें अर्घ्य देकर तिल-चावल की खिचड़ी का भोग लगाते हैं। मान्यता है कि इससे लंबी उम्र का वरदान मिलता है और सूर्य देव की कृपा भी मिलती है। साथ ही जीवन में संपन्नता की कभी कोई कमी नहीं रहती। तो आइए जानते हैं शास्त्रों में इस दिन किन बातों का ख्याल रखना अधिक आवश्यक बताया गया है।

पौष मास में इन कार्यों से मिलता है शुभ फल

  • सनातन धर्म के अनुसार पौष मास में जातक को अरहर की दाल और चावल से बनी खिचड़ी में शुद्ध देसी घी मिलाकर गरीबों को दान करना चाहिए। इससे सुख समृद्धि आती है।
  • पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती है। मान्‍यता है कि इससे जीवन में आने वाली बाधाएं भी इससे दूर होती हैं।
  • इस मास की अमावस्या को पितृदोष और कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन कई तरह के पूजा-पाठ और उपाए किए जाते हैं।
  • पौष मास के दौरान जातक को प्रत्येक सोमवार को शिव जी की पूजा करनी चाहिए और इन पर बेलपत्र भी अर्पित करनी चाहिए। इस दौरान बेलपत्र की जड़ या लकड़ी को लाल धागे में गले में धारण करना चाहिए।
  • इस मास में नौकरी, व्यापार आदि से जुड़ी कोई दिक्कत आए तो सूर्यदेव को गुड़हल के फूल चढ़ाने चाहिए, इसके अतिरिक्त मान-सम्मान के लिए रोजाना सूर्य देव को कर्पूर और केसर अर्पित करें।
Vastu Shastra Tips: भूलकर भी किसी को न दें ये पांच वस्तुएं, आती है भयंकर दरिद्रता, मिलते हैं कष्ट

पौष मास में ही मकर संक्रान्ति के दिन से सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं। गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि जो व्यक्ति सूर्य के उत्तरायण में, शुक्ल पक्ष में अपने प्राण त्यागता है, वो मृत्यु लोक में लौट कर नहीं आता।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल author

अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited