Vastu Shastra Tips: वास्तु के अनुसार खाना परोसने और खाने के भी हैं कुछ नियम, इन्हें अपनाने से आती है खुशहाली

Vastu Shastra Tips: घर में सुख-समृद्धि लाने में मां अन्नपूर्णा की कृपा मानी जाती है। इनकी कृपा पाने के लिए रसोई घर में होने वाले सभी कार्यों को नियमानुसार करना जरूरी होता है। ऋग्वेदीय ब्रह्मकर्म समुच्चय ग्रंथ में खाना परोसने से लेकर खाना खाने तक के नियम बताए गए हैं। इन नियमों को अपनाने से घर में खुशहाली आती है।

vastu shastra tips

रसोई घर के इन नियमों को अपनाने से बरसती है मां अन्नपूर्णा की कृपा

मुख्य बातें
  • ऋग्वेदीय ब्रह्मकर्म समुच्चय ग्रंथ में बताया गया है खाना परोसने की विधि
  • रसोई के नियमों का पालन करने से मिलती है मां अन्नपूर्णा की कृपा
  • थाली में खाना परोसने से लेकर अन्‍न ग्रहण करने तक के हैं कई नियम
Vastu Shastra Tips: वास्तु शास्त्र से लेकर आयुर्वेद तक प्राचीन समय से ही हमारे जीवन का अहम हिस्सा रहा है। इसलिए तो सदियों से इन दोनों में बताए गए उपायों व निर्देश के अनुसार हमारे बड़े-बुजुर्ग हर तरह के कार्य करते आए हैं। शास्त्र में बताया गया है, अगर घर में सुख-समृद्धि लाने में मां अन्नपूर्णा की कृपा बहुत जरूरी होता है। इनकी कृपा पाने के लिए रसोई घर में होने वाले कार्यों को नियमानुसार करना जरूरी होता है। रसोई में किसी को भी खाना परोसते समय कुछ नियमों का ध्‍यान रखना बहुत जरूरी है। थाली में भोजन ठीक से परोसने से ही घर में खुशहाली आती है, घर में कभी दरिद्रता नहीं आती है। ऋग्वेदीय ब्रह्मकर्म समुच्चय ग्रंथ थाली परोसने की संपूर्ण विधि के बारे में विस्तार से बताया गया है।
भोजन को थाली में परसोने से पहले भूमि पर जल से एक मंडल बनाएं। उसके बाद उस पर थाली रखनी चाहिए। आप थाली को चौकी या पाट पर भी रख सकती हैं। इसके बाद थाली के मध्य भाग में सबसे पहले चावल, पुलाव, हलुवा आदि परोसें।ध्‍यान रखें की थाली के बाएं तरफ हमेशा चबाकर ग्रहण करने वाले खाद्य पदार्थ ही रखें और दाएं तरफ मीठा पदार्थ रखनी चाहिए।अगर आप जरूरत के अनुसार थाली में नमक रखना चाहती हैं तो उसे हमेशा थाली के ऊपर की तरफ रखें। इस नमक के बाएं ओर पापड़, नींबू, अचार, चटनी जैसी अन्य समाग्री रख सकती हैं। वहीं, इसके दाएं तरफ दाल, सब्‍जी, छाछ, दही, सलाद आदि रख दें।
थाली में खाना परोसते समय हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि थाली में कभी भूलकर भी तीन रोटी, पराठे या फिर पूड़ी न परोसें। थाली को व्‍यक्ति के सामने रखने के बाद उसके दाएं तरफ पानी से भरा गिलास रखना चाहिए।
भोजन करने के नियम
खाना ग्रहण करने वाले व्यक्ति को हमेशा सुखासन की अवस्था में बैठना चाहिए। भोजन को कभी भी खड़े होकर या फिर अन्य अवस्था में बैठकर नहीं ग्रहण करना चाहिए। यह सेहत के लिए हानिकारक होता है।
भोजन शुरू करने से पहले हाथ जोड़कर देवी-देवता का मनन करें और उन्‍हें उस भोजन के लिए शुक्रिया कहना न भूलें।
ध्‍यान रखें कि भोजन करने से पहले एक रोटी के तीन टुकड़े जरूर निकाल लें। इसे गाय, कुत्ते और कौवे को खिलाना चाहिए। सनातन धर्म में मान्‍यत है कि इन टुकड़ों को आप ब्रह्मा, विष्णु और महेश के नाम पर निकाल रहे हैं।
भोजन ग्रहण करने के दौरान कभी बात नहीं करना चाहिए। शांति के साथ भोजन करना चाहिए। साथ ही अपने हाथों को कभी भी थाली या पत्तल में नहीं धोना चाहिए।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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