Chanakya Niti: इन चार परिस्थिति में फंसने पर मौका मिलते ही भाग लें, यहां जीवन पड़ सकता है खतरे में

Chanakya Neeti in Hindi: आचार्य चाणक्य अपने नीति शास्‍त्र से लोगों को हर मुश्किल परिस्थिति का सामना का डट कर सामने करने की सीख देते हैं। हालांकि आचार्य ने लोगों को चार ऐसे हालात भी बताए हैं, जिससे समय रहते भागना ही सबसे बेहतर होता है। ऐसी जगहों पर रूकने से सिर्फ नुकसान ही होता है।

Chanakya Niti इन चार परिस्थिति में फंसने पर मौका मिलते ही भाग लें, यहां जीवन पड़ सकता है खतरे में

इन चार परिस्थिति से रहें हमेशा दूर, जीवन के लिए हैं बेहद घातक

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • हिंसा या दंगा वाली जगहों से हमेशा रहें दूर
  • अकारण युद्ध क्षेत्र में रहना हो सकता है जानलेवा
  • चरमराती अर्थव्यवस्था से समय रहते हो जाएं दूर

Chanakya Neeti in Hindi: आचार्य चाणक्य की नीतियां हमेशा लोगों को मुश्किल हालात से बाहर निकलने का रास्ता दिखाती हैं। आचार्य ने अपने नीति शास्‍त्र में सफलता और आर्थिक तरक्‍की पाने के भी कई उपाय बताए हैं। आचार्य कहते हैं कि व्‍यक्ति को हर तरह की परिस्थिति का सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। लोगों को विपरीत परिस्थितियों और मुश्किल हालातों से मुंह मोड़ने की बजाय उसका डट कर सामना करना चाहिए। इसके साथ ही आचार्य ने चार ऐसे हालात भी बताए हैं, जहां से मौका मिलते ही भागना सबसे बेहतर होता है। आचार्य कहते हैं कि यह ऐसी परिस्थिति होती है, जिसमें साहस और दिमाग काम नहीं करता है। अगर कोई व्‍यक्ति इन परिस्थितियों का सामना करने की कोशिश करता है तो वह बुरी तरह से फंस सकता है। ऐसी जगहों पर लोगों को जान का भी खतरा हो सकता है।

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हिंसा और दंगा से रहें दूर

आचार्य चाणक्य कहते है कि अगर कहीं रास्‍ते में हिंसा या दंगा भड़क जाए, तो वहां से तुरंत भाग जाना चाहिए। क्‍योंकि इस तरह की जगहों पर भीड़ बेकाबू होकर किसी पर भी हमला बोल सकती है। भीड़ किसी को पहचानती नहीं है, भीड़ का हमला बहुत ही जानलेवा होता है। इसलिए ऐसी जगहों से जान बचाकर भाग जाने में ही भलाई है। ऐसी जगहों पर रूकने पर आप कानूनी कार्यवाही में भी फंस सकते हैं।

युद्ध स्‍थल से दूरी

आचार्य चाणक्य के अनुसार, जब दो देश या सेना के बीच युद्ध शुरू हो जाए तो युद्ध स्‍थल से मौका मिलते ही निकल जाइये। वरना युद्ध के चपेट में आकर आपको भारी नुकसान हो सकता है। आचार्य कहते हैं कि, किसी भी व्‍यक्ति का बगैर किसी रणनीति या बचाव के युद्ध स्‍थल या उसके आसपास रहना जानलेवा हो सकता है।

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गिरती अर्थव्यवस्था से दूरी

आचार्य का मानना है कि जहां की अर्थव्यवस्था चरमरा रही हो वहां से समय रहते अपने परिवार के साथ निकल जाना चाहिए। क्‍योंकि ऐसी जगह रहने पर आपको आगे चलकर खाने-पीने और रहने के संसाधनों के लिए तरसना पड़ सकता है। साथ ही भारी आर्थिक नुकसान का भी सामना करना पड़ सकता है। ऐसी जगह रहने पर सिर्फ हानि ही होती है।

अपराधी व्‍यक्ति से दूरी

आचार्य चाणक्‍य के अनुसार, अगर आपके आसपास कोई अपराधी व्यक्ति आ जाए तो वहां से तुरंत ही निकल जाएं। क्‍योंकि ऐसे लोग अपने अपराध से आपको भी कानूनी झमेले में फंसा सकते हैं। ऐसे लोगों से भूलकर भी बातचीत न करें। इनसे आपको सिर्फ नुकसान ही हो सकता है। आपको जीवन भर पछताना पड़ सकता है।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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