Chanakya Niti For Success: चाणक्‍य के ये 5 मूलमंत्र हैं बहुत काम के, जीवन के हर कार्य में दिलाएंगे सफलता

Chanakya Neeti in Hindi: आचार्य चाणक्य ने अपने जीवन के अनुभवों और ज्ञान को नीति शास्त्र में समाहित किया है। आचार्य ने जीवन को सफल बनाने और सफलता हासिल करने के लिए पांच ऐसे मंत्र बताए हैं, जिसे मूलमंत्र कहा जाता है। इन्‍हें अपनाने वाला व्‍यक्ति बड़े से बड़े बाधा को पार कर सफलता हासिल कर सकता है।

Chanakya Success Mantra

चाणक्‍य के ये पांच मूलमंत्र दिलाते हैं हर कार्य में सफलता

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • व्‍यक्ति को रखनी चाहिए आमदनी और खर्चे की पूरी जानकारी
  • शारीरिक व बौद्धिक क्षमताओं के अनुसार करें सभी कार्य
  • शुभचिंतकों और विरोधियों की पहचान करना बेहद जरूरी

Chanakya Neeti in Hindi: आचार्य चाणक्य ने नीति शास्‍त्र में अपने अनुभवों और जीवन के रहस्‍यों को बड़ी सरलता और व्‍यवहारिक तरीके से बताया है। आचार्य की इन नीतियों को अपनाकर कोई भी व्‍यक्ति जीवन में आने वाली चुनौतियों और मुश्किलों से लड़ सकता है। बताए गए चाणक्‍य मंत्र लोगों को सफलता के मार्ग पर ले जाने का काम करती हैं। आचार्य चाणक्‍य ने नीति शास्‍त्र में पांच ऐसे नीतियों का जिक्र किया है, जिसे चाणक्‍य का मूलमंत्र भी कहा जाता है। इन मंत्रों को अपनाने वाला जीवन के हर क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकता है।

पहला मूलमंत्र

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि सभी लोगों को अपनी कमाई के साथ खर्चे की पूरी जानकारी रखनी चाहिए। इससे वे जीवन में होने वाले आर्थिक उतार चढ़ाव के साथ बजट का प्रबंधन कर सके। यदि व्यक्ति अपनी आमदनी से ज्यादा खर्चा करेगा तो उसे भविष्‍य में आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए धन संचय बेहद आवश्यक है।

दूसरा मूलमंत्र

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि, मनुष्य को अपनी शारीरिक व बौद्धिक क्षमताओं का सही आभास होना बहुत जरूरी है। अगर व्‍यक्ति को अपनी क्षमताओं के बारे में पता होगा तो वह उसी के अनुसार कार्य कर सफलता हासिल कर सकते हैं। इसलिए किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले अपनी क्षमताओं का आंकलन जरूर करें।

तीसरा मूलमंत्र

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्‍यक्ति अगर सफलता हासिल करना चाहता है तो उसे हमेशा वर्तमान स्थिति को ध्‍यान में रखकर फैसला करना चाहिए। जिस व्‍यक्ति को समय का आकलन कर फैसले लेने की समझ होती है, उसकी सफलता की संभावना बढ़ जाती है।

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चौथा मूलमंत्र

चाणक्‍य नीति कहते हैं कि, व्‍यक्ति को यह ज्ञान अवश्‍य होना चाहिए कि उसके रहने के लिए किस तरह की जगह उचित और उसे किन लोगों के बीच रहना चाहिए। यानी कहां पर आपको सुख-सुविधा मिलेगा और कहां पर आपको रोजगार के भरपूर अवसर मिल सकते हैं।

पांचवा मूलमंत्र

चाणक्य कहते हैं कि हर व्‍यक्ति को अपने दुश्‍मनों और शुभचिंतकों के बारे में बेहतर जानकारी होना जरूरी है। इससे आप किसी कार्य को करने में जहां अपने शुभचिंतकों की मदद लेकर सफलता हासिल कर सकते हैं, वहीं विरोधी या दुश्‍मनों की पहचान कर उनसे समय रहते दूरी बना सकते हैं। इन दोनों के बीच के अंतर को पहचानने वाला व्‍यक्ति हर मुश्किल को पार कर लेता है।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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