Chanakya Niti for Life: जीवन को बर्बाद कर देती हैं ये तीन घटनाएं, बदल जाता है पूरा जीवन
Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य के जीवन चक्र में भाग्य और दुर्भाग्य आते रहते हैं, लेकिन जीवन में कुछ ऐसी घटनाएं होती हैं, जो पूरे जीवन को बदल देती हैं। आचार्य चाणक्य ने ऐसे ही तीन घटनाओं का जिक्र करते हुए इसे मनुष्य जीवन का सबसे दर्दनाक और जीवन को बर्बाद कर देने वाली घटना बताया है।
मनुष्य जीवन को पूरी तरह बर्बाद कर देती हैं ये तीन घटनाएं
मुख्य बातें
- जीवन की ये तीन घटनाएं छीन लेती हैं सबकुछ
- जीवन के आखिरी पड़ाव में जीवनसाथी का साथ खोना दर्दनाक
- जीवन भर की कमाई का लुट जाना कर देता है जीवन को बर्बाद
Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्य को राजनीति और अर्थशास्त्र का पंडित माना जाता है। चाणक्य ने अनुभवों व विचारों को नीतिशास्त्र में समाहित किया है। इसमें उन्होंने जीवन के कई अहम पहलुओं के बारे में विस्तार से बताया है। इसें आचार्य चाणक्य ने जीवन को सुखी व आसान बनाने के कई उपाय भी बताएं हैं। आचार्य कहते हैं कि, जीवन में सुख-दुख दोनों ही लगे रहते हैं। जीवन में होने वाले इन बदलावों को लेकर व्यक्ति को हमेशा खुद को मजबूत बनाए रखना चाहिए। चाणक्य नीति में ऐसी कई घटनाओं का उल्लेख किया गया है, जो व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य को दुर्भाग्य में बदल सकती है। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि इसी घटनाएं मानव जीवन को दुखों से भर देती हैं।
जीवनसाथी का साथ छूट जाना
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि, पति-पत्नी एकदूसरे के जीवनसाथी होते हैं। यह एक ऐसा रिश्ता है जो जीवन भर साथ निभाता है। अगर उम्र के आखिरी पड़ाव में इनमें से कोई दुनिया छोड़ जाता है तो जीवित रहने वाले का बचा हुआ जीवन कष्टों और दुखों से भर जाता है। बगैर जीवनसाथी के वृद्धावस्था गुजारना बहुत मुश्किल होता है। यह स्थिति लोगों को बहुत दुख देती है।
जीवन भर की जमा पूंजी लुटना
आचार्य चाणक्य का मानना है कि, जीवन को आसान व सुखमय बनाने के लिए धन का होना बहुत जरूरी है। जीवनभर कड़ी मेहनत से कमाया गए धन को अगर कोई लूट ले जाए तो जीवन में दुखों का पहाड़ टूट पड़ता है। ऐसी अवस्था में पीड़ित व्यक्ति को अपना पूरा जीवन तबाह लगने लगता है। व्यक्ति से जब उसके जीने का मुख्य साधन छिन जाए तो वह बर्बादी के कगार पर पहुंच जाता है।
दूसरे के घर में रहना
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि, किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे बुरी स्थिति तब होती है, जब उसे किसी कारणवश दूसरे के घर में रहना पड़ जाए। यह स्थिति हर किसी के लिए बहुत ही दुर्भाग्य की बात होती है। दूसरे के घर में रहने पर वह व्यक्ति न केवल दूसरे लोगों पर निर्भर हो जाता है, बल्कि वह सभी के नजर में दया का पात्र बन जाता है। ऐसी स्थिति व्यक्ति का आत्मसम्मान खत्म कर देती है।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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