Chanakya Niti: मनुष्य जीवन में यह तीन चीजें सबसे अहम, मिल जाए तो धरती बन जाए ‘स्वर्ग’
Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्य ने जीवन से जुड़े हर एक पहलू पर विस्तार से जिक्र किया है। साथ ही श्लोक के माध्यम से मनुष्य जीवन की परेशानियों को दूर करने के कई उपाय भी बताए हैं। आचार्य कहते हैं कि हर मनुष्य की कुछ गुण और कुछ इच्छाएं होती हैं, अगर वे पूरी हो जाए तो इनके लिए धरती ही स्वर्ग बन जाती है।
मनुष्य जीवन की ये तीन चीज सबसे अहम, मिल जाए तो ‘स्वर्ग’
मुख्य बातें
- पारोपकरी व्यक्ति कभी विपत्तियों का सामना नहीं करता
- पतिव्रता पत्नी, गुणवान पुत्र-पौत्र और धन बनाते हैं घर को स्वर्ग
- धर्म-कर्म-नैतिक गुण व आचरण मनुष्य को बनाता है पशु से श्रेष्ठ
Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में जीवन जीने की कला के बारे में विस्तार से बताया है। जीवन की से जुड़े हर एक पहलू का जिक्र करते हुए आचार्य ने अपनी नीतियों व श्लोक के माध्यम से परेशानियों को दूर करने के कई उपाय भी बताए हैं। आचार्य कहते हैं कि हर मनुष्य में गुण और अवगुण होता है। ये गुण ही मनुष्य और पशु के बीच अंतर पैदा करते हैं। अपने श्लोक के माध्यम से चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य के अंदर कुछ ऐसे गुण होते हैं, जो उसके साथ दूसरे के जीवन को भी स्वर्ग बना देते हैं। वहीं, कुछ ऐसे अवगुण होते हैं, जो इसी धरती को उनके लिए नर्क बना देते हैं।संबंधित खबरें
परोपकरणं येषां जागर्ति हृद्ये सताम् |संबंधित खबरें
नश्यन्ति विपदस्तेषां संपदः स्यु पदे पदे ||संबंधित खबरें
आचार्य चाणक्य इस श्लोक के माध्यम से कहते हैं कि हर इंसान में परोपकार की भावना होनी चाहिए। जिनका हृदय परोपकार से भरा रहता है, भगवान उसका हमेशा साथ देता है। ऐसे लोग कभी भी विपत्तियों का सामना नहीं करना पड़ता। इनके मार्ग में आने वाली हर बाधा अपने आप दूर हो जाती हैं। ऐसे लोग कदम-कदम पर सफलता प्राप्त करते हैं। परोपकार से युक्त व्यक्ति दु:ख रहित होकर जीवन व्यतीत करता है।संबंधित खबरें
यदि रामा यदि च रमा अहितनयो विनयगुणोपेतः। संबंधित खबरें
यदि तनये तनयोत्पतिः सुखमिन्द्रे किमाधिक्यम् ।।संबंधित खबरें
आचार्य चाणक्य इस श्लोक के माध्यम से कहते हैं कि, इंसानी जीवन के लिए तीन चीज सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। अगर किसी को पतिव्रता पत्नी, गुणवान पुत्र-पौत्र और जरूरत के हिसाब से धन मिल जाए तो उसके लिए उसका घर और परिवार ही स्वर्ग बन जाता है। ऐसे लोगों यहीं पर हर खुश पा जाते हैं। संबंधित खबरें
आहरनिद्रामय मैथुननानि, समानि चैतानि नृणा पशूनाम।संबंधित खबरें
ज्ञानपं नराणामधिको विशेषो ज्ञानेन हीना: पशुभि: समाना:।।संबंधित खबरें
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हर इंसान अन्य दूसरे जीवों की तरह भोजन, निद्रा, संभोग और संतानोप्ति जैसी सभी क्रियाएं करता है। ऐसे में अगर देखा जाए इंसान और पशुओं के बीच सिर्फ शारीरिक संरचना का ही अंतर रह जाता है। लेकिन इसके बाद भी इंसानों का उनका अचरण पशुओं से श्रेष्ठ बनाती है। जो व्यक्ति धर्म-कर्म-नैतिक गुणों से युक्त होते हैं, वहीं लोग असल में इंसान होते हैं। बाकि के लोग पशु के समान होते हैं। संबंधित खबरें
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)संबंधित खबरें
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