Chanakya Niti: ये कार्य पहली बार करना ही अच्छा, दूसरी बार करने में खत्म हो जाता है महत्व, मिलती है तकलीफ
Chanakya Niti in Hindi: नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य ने समय को महत्व देते हुए ऐसे कार्यों का जिक्र किया है जो मानव जीवन के लिए महत्वर्पूण होते हैं। आचार्य ने चार ऐसे कार्यों का भी जिक्र किया है, जिसे जीवन में एक बार ही करना बेहतर होता है। अगर इन कोर्यों को दोबारा करना पड़े तो इसका महत्व खत्म हो जाता है।
चाणक्य की जीवन सीख
- घर के मुखिया के आदेश का न हो पालन तो सम्मान खत्म
- मंत्रों का उच्चारण एकबार में सुनने पर ही मिलता है फल
- कन्या दान है महादान, लेकिन इसे एक बार करना ही उचित
Chanakya Niti in Hindi: मनुष्य अपने कार्य व व्यक्तित्व के आधार पर अपने जीवन और समाज में सम्मान व तरक्की पाता है। अगर व्यक्ति समय के महत्व को समझ सही कर्म कर रहा है तो उसे सफलता जरूर मिलती है। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि इस पृथ्वी पर जीवन का सारा खेल समय चक्र के अनुसार चलता है। जो व्यक्ति समय के महत्व को नहीं पहचान पाता उसे हर कार्य में असफलता मिलती है। आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में कुछ ऐसे कार्यों के बारे में बताया है, जिसे समय के साथ एक ही बार में पूरा करना जरूरी होती है। आचार्य कहते हैं कि अगर ये कार्य एक बार में न हों तो या उसे करने के लिए दोबारा मौका नहीं मिलता या फिर उसे दोबारा करना निरर्थक होता है। आइये जानते हैं इन कार्यों के बारे में-
मुखिया का आदेश
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि राजा हो या फिर घर के मुखिया, उसका आदेश पहली बार में ही सार्थक होता है। अगर पहली बार में उस आदेश का पालन न हो तो उस आदेश का महत्व और सम्मान खत्म हो जाता है। इसका अर्थ कि आदेश देने वाले का अब कोई महत्व नहीं रह गया है। ऐसे लोगों को अपने पद का परित्याग कर देना चाहिए।
मंत्रोच्चारण
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि वैदिक मंत्रों के उच्चारण को पहली बार में ही अच्छे से सुन और समझ लेना चाहिए, क्योंकि इन मंत्रों की प्रतिज्ञा दृढ़ रहती है। मंत्रों को अगर दोबारा से दोहराना पड़े तो उनके अर्थ बदल जाते है। ऐसे मंत्र पूरी तरह महत्वहीन हो जाते हैं।
कन्या दान
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कन्या दान करना बहुत ही शुभ कार्य होता है और सभी को करना चाहिए। क्योंकि शास्त्रों में इसे सबसे बड़ा दान माना गया है। लेकिन इस दान को एक बार किया जाए तो ही बेहतर है। अगर किसी पिता को अपनी उसी बेटी का दोबारा से विवाह और कन्यादान करना पड़े तो वह उसके लिए बेहद तकलीफदेह होगा।
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मानव जन्म
चाणक्य कहते हैं कि मानव जीवन अच्छे कर्मों के कारण एक बार ही मिलता है। इसलिए इसे कभी भी व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए। अच्छे इंसान बन अपने मेहनत व कर्म से इस जीवन को सार्थक बनाना चाहिए। अपने जीवन में सभी को दान-पुण्य के साथ दूसरों की मदद करने जैसे कार्य करने चाहिए। जिससे मृत्यु के बाद कर्म के आधार पर स्वर्ग मिल सके।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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