Sawan Shivratri 2023 Puja Vidhi: सावन शिवरात्रि की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, महत्व और उपाय यहां जानें
Sawan Shivratri 2023 Kab Hai, Date And Time: अधिक मास की सावन शिवरात्रि 14 अगस्त को मनाई जाएगी। खास बात ये है कि इस दिन सावन सोमवार व्रत (Sawan Somvar Vrat) का शुभ संयोग भी बन रहा है। जिस वजह से इस शिवरात्रि का महत्व कई गुना बढ़ गया है। जानिए अधिकमास की शिवरात्रि की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, महत्व और उपाय।
Adhik Maas Shivratri 2023, Sawan Shivratri Kab Hai
Sawan Shivratri Puja Vidhi And Time 2023: शिवरात्रि प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आती है। इस दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। 14 अगस्त को अधिक मास की शिवरात्रि (Adhik Sawan Shivratri 2023) है। इस शिवरात्रि पर बेहद शुभ संयोग बन रहा है। दरअसल इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा साथ ही सावन सोमवार व्रत (Sawan Somvar Vrat 2023) भी रखा जाएगा। जिस वजह से इस शिवरात्रि का महत्व कई गुना बढ़ गया है। जानिए अधिक मास की सावन शिवरात्रि की पूजा विधि (Sawan Shivratri Puja Vidhi) और शुभ मुहूर्त (Shivratri Shubh Muhurat)।
Sawan Shivratri Vrat katha In Hindi
अधिक मास की शिवरात्रि तिथि और मुहूर्त (Adhik Maas Ki Shivratri 2023 Date And Muhurat)
अधिक मास की शिवरात्रि 2023 कब है | 14 अगस्त 2023, सोमवार |
अधिक मास की शिवरात्रि कब शुरू होगी | 14 अगस्त 2023 को 10:25 |
अधिक मास की शिवरात्रि कब खत्म होगी | 15 अगस्त 2023 को 12:42 |
अधिक मास की शिवरात्रि का सबसे शुभ मुहूर्त | 12:14 AM से 12:57 AM तक (15 अगस्त 2023) |
अधिक मास की शिवरात्रि प्रथम पहर पूजा | शाम 07:17 से रात्रि 09:54 तक |
अधिक मास की शिवरात्रि द्वितीय प्रहर पूजा | रात 09:54 से मध्य रात्रि 12:37 तक |
अधिक मास की शिवरात्रि तृतीय प्रहर पूजा | 14 अगस्त की रात 12:37 से 15 अगस्त प्रातः 03:00 तक |
अधिक मास की शिवरात्रि चतुर्थी प्रहर पूजा | 15 अगस्त की सुबह 03:00 बजे से सुबह 05:33 तक |
गंगाजल और गाय का दूध शिवलिंग का अभिषेक करने के लिए, चंदन, वस्त्र या मौली, भस्म, फूल, जनेऊ, माला आदि चीजें श्रृंगार के लिए, बेलपत्र, भांग, धतूरा, फल, शहद, धूप, दीप, शमी के पत्ते, आक के फूल, गंध चीजें भगवान शिव को अर्पित करने के लिए, भगवान शिव की प्रतिमा पूजा के लिए।
अधिक मास सावन शिवरात्रि पूजा विधि (Adhik Maas Sawan Shivratri Puja Vidhi)
सावन शिवरात्रि के दिन सुबह स्नान करके भगवान शिव की पूजा का संकल्प लें। भगवान का जलाभिषेक करें और पंचोपचार पूजन करें। फिर शिवजी के मंत्रों का जाप करें। शिव चालीसा पढ़ें। शिवरात्रि की व्रत कथा करें। शिव जी को सभी सामग्री एक-एक करके अर्पित करें। रुद्राष्टक या फिर शिव स्तुति का पाठ करें। जो लोग इस दिन पर चार पहर की पूजा करते हैं वो पहले पहर में दूध से पूजा करें, दूसरे पहर में दही से, तीसरे पहर में घी और चौथे पहर में शहद से पूजा करें। लेकिन ध्यान रखें कि हर पहर में जल का प्रयोग अवश्य करें। इस विधि से शिव की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होगा।
शिवरात्रि पर विवाह संबंधी परेशानियों से मुक्ति पाने का महाउपाय (Adhik Maas Sawan Shivratri Upay)
जो लोग अविवाहित हैं और अपनी मर्जी से विवाह करना चाहते हैं वह शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर कच्चा दूध, शहद और सुगंधित वस्तु चढ़ाएं।
अगर कुंडली में किसी दोष की वजह से आपका विवाह नहीं हो पा रहा है तो सावन शिवरात्रि पर स्नान ध्यान करें। फिर सफेद रंग के वस्त्र धारण करें और जल में काले तिल, कुमकुम, शहद और सुगंध मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें।
सावन शिवरात्रि का महत्व (Sawan Shivratri Significance)
शिवरात्रि का अर्थ है शिव को समर्पित रात। पौराणिक मान्यताओं अनुसार जब श्रावण महीने में सृष्टि की रक्षा और कल्याण के लिए भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकले विष का पान कर लिया था तब वो विष उनके कंठ में जाकर रुक गया था। कंठ में विष की गर्मी और उसके जहरीले प्रभाव को कम करने के लिए सभी देवी देवताओं ने भगवान शिव का जल से अभिषेक किया। कहते हैं तभी से ही श्रावण के महीने में महादेव का जलाभिषेक की परंपरा की शुरू हो गई।
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