Agni Nakshatram 2023: अग्नि नक्षत्रम 2023 कब है, जानें इस प्रसिद्ध पर्व की डेट व महत्व

Agni Nakshatram 2023 Date (अग्नि नक्षत्रम 2023 में कब है): अग्नि नक्षत्रम भगवान मुरुगन को समर्पित तमिलनाडु में मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध त्योहार है। यह मई महीने में सेलिब्रेट किया जाने वाला 14 दिवसीय पर्व है। भक्त इस दौरान भगवान मुरुगन की दिव्य कृपा पाने के लिए उनकी पूजा करते हैं।

अग्नि नक्षत्रम 2023 में कब है

When is Agni Nakshatram 2023 in India

Agni Nakshatram 2023 Date, Rituals, Significance (अग्नि नक्षत्रम 2023 में कब है): अग्नि नक्षत्रम भगवान मुरुगन को समर्पित प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य में अत्यधिक उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है। यह मुख्य रूप से तिरुत्तानी, पलानी, पलामुथिरसोलई के मुरुगन भगवान की मंदिरों में पूरी भव्यता से मनाया जाता है।

पंचांग के अनुसार, प्रत्येक नक्षत्र की 4 तिमाहियां होती हैं और अग्नि नक्षत्र तब सेलिब्रेट किया जाता है जब सूर्य कृतिका नक्षत्र से होकर गुजरता है। साथ ही सूर्य भरणी नक्षत्र के तीसरे और चौथे चरण से गुजरकर जब रोहिणी नक्षत्र के पहले चरण में प्रवेश करता है, तब इस त्योहार की शुरुआत होती है। अग्नि नक्षत्रम 14-दिवसीय उत्सव है, जो मई के महीने में मनाई जाती है। इसी के साथ आइए इस त्योहार के डेट व महत्व को जान लेते हैं।

When Is Agni Nakshatram Festival? (अग्नि नक्षत्रम कब से कब तक है)

तमिल नाडु का अग्नि नक्षत्रम त्यौहार 14 दिनों तक मनाया जाता है। इस बार यह पावन पर्व 4 मई, गुरुवार से शुरू हो रहा है। इसका समापन 29 मई, सोमवार को होगा। अग्नि नक्षत्रम इकलौता त्योहार है, जो हिंदुओं द्वारा मई के सबसे गर्म महीने में मनाया जाता है।

Rituals during Agni Nakshatram:

अग्नि नक्षत्रम मुख्य रूप से भगवान मुरुगन के मंदिरों में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। अग्नि नक्षत्रम काल में भक्त भगवान मुरुगन की असीम कृपा पाने के लिए पूरी श्रद्धा से पूजा करते हैं। इस दौरान पवित्र पहाड़ी गिरि वालम की सुबह-शाम 'प्रदक्षिणा' करने का विधान है। कहते हैं ऐसा करने से यहां पर उगने वाली औषधीय जड़ी-बूटियों की सुगंध अच्छे स्वस्थ के साथ मन को शांति प्रदान करती है। प्रदक्षिणा के दौरान महिलाएं वहां पाए जाने वाले भगवान मुरुगन के प्रिय फूल यानी कदंब के फूलों को सजाती हैं। इसके अलावा अग्नि नक्षत्रम के समय हर दिन मंदिर में भगवान मुरुगन का प्रतिदिन जल से 'अभिषेक' किया जाता है। इस जल को एकत्र करके अंतिम दिन, सभी भक्तों के बीच इसे बांटा जाता है। साथ ही इस जल को मंदिरों और कुओं में गिराना बेहद शुभ माना जाता है। हालांकि कुछ भक्त इस तीर्थ जल को अपने घर भी ले जाते हैं।

अग्नि नक्षत्रम का महत्व (Importance Of Agni Nakshatram)

अग्नि नक्षत्रम का त्योहार भगवान मुरुगन के भक्तों के लिए काफी महत्व रखता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान मुरुगन देवी पार्वती और भगवान शिव के पुत्र हैं। उन्हें योद्धा भगवान के रूप में भी जाना जाता है। भगवान मुरुगन को हिंदू धर्म में 'स्कंद', 'कार्तिकेय' और 'सुब्रह्मण्यम' आदि कई नामों से जाना जाता है। इस दौरान मुरुगन भगवान की आराधना करने से समृद्धि, कल्याण और सफलता का आशीर्वाद मिलता है। हालांकि कुछ लोग इस अवधि को अशुभ भी मानते हैं। ऐसे में कोई भी शुभ काम करने, यात्रा करने या पैसे की लेनदेन से बचने की कोशिश करते हैं।

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