Ahoi Ashtami 2023 Puja Vidhi, Muhurat: अहोई अष्टमी की पूजा विधि स्टेप बाय स्टेप यहां देखें
Ahoi Ashtami 2023 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Vrat Katha, Samagri, Mantra, Aarti in Hindi: अहोई अष्टमी व्रत महिलाएं संतान सुख पाने और संतान की लंबी आयु की कामना के लिए रखती हैं। इस व्रत में अहोई माता की पूजा की जाती है।
Ahoi Ashtami Puja Vidhi And Muhurat: अहोई अष्टमी की पूजा विधि
Ahoi Ashtami 2023 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Samagri, Mantra, Ahoi Mata Ji Ki Aarti: इस बार अहोई अष्टमी व्रत 5 नवंबर 2023, रविवार के दिन रखा जाएगा। वहीं अहोई माता की पूजा का मुहूर्त शाम 05:34 से 06:53 तक रहेगा। जबकि तारों के उदय होने का समय शाम 05:59 का है। अहोई अष्टमी तिथि 4 नवंबर की 12:59 से शुरू होकर 5 नवंबर की देर रात 03:18 तक रहेगी। इस दिन महिलाएं संतान की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। यहां जानिए अहोई अष्टमी की पूजा विधि, सामग्री लिस्ट, मंत्र, कथा और आरती।
Ahoi Ashtami Puja Samagri List In Hindi (अहोई अष्टमी पूजा सामग्री लिस्ट)
अहोई माता मूर्ति, दीपक, श्रृंगार का सामान, बयाना, पूजा रोली, अक्षत, दूब, माला, सिंघाड़े, मूली, फल, करवा, चावल की कटोरी, श्रीफल, पानी का कलश, कलावा, सात्विक भोजन, चौदह पूरी और आठ पुओं का भोग, खीर, दूध व भात, वस्त्र, दान दक्षिणा।
Ahoi Ashtami Puja Vidhi (अहोई अष्टमी पूजा विधि)
- अहोई अष्टमी वाले दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लें।
- इसके बाद व्रत का संकल्प लें।
- फिर गेरु से अहोई माता की तस्वीर और साथ में साही और उसके सात पुत्रों की तस्वीर भी बनाएं। या फिर बाज़ार से अहोई माता की तस्वीर ले आएं।
- सूर्यास्त के बाद तारे निकलने पर पूजा शुरू करें।
- माता के सामने चावल की कटोरी, मूली, सिंघाड़ा, हलवा, दूध आदि चीजें रखें।
- इसके बाद घी का दीपक जलाएं।
- माता को रोली का तिलक लगाएं और उन्हें फूल अर्पित करें।
- फिर हाथ में गेहूं के सात दाने और दक्षिणा के लिए कुछ पैसे लेकर अष्टोई अष्टमी व्रत की कथा सुनें या सुनाएं।
- कथा समाप्त करने के बाद गेहूं के दाने और दक्षिणा अपनी सांस को दे दें। साथ ही उनके पैर छूकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
- अब चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपने व्रत का पारण करें।
Ahoi Mata Ki Aarti (अहोई माता की आरती)
जय अहोई माता, जय अहोई माता!
तुमको निसदिन ध्यावत हर विष्णु विधाता। टेक।।
ब्राहमणी, रुद्राणी, कमला तू ही है जगमाता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत नारद ऋषि गाता।। जय।।
माता रूप निरंजन सुख-सम्पत्ति दाता।।
जो कोई तुमको ध्यावत नित मंगल पाता।। जय।।
तू ही पाताल बसंती, तू ही है शुभदाता।
कर्म-प्रभाव प्रकाशक जगनिधि से त्राता।। जय।।
जिस घर थारो वासा वाहि में गुण आता।।
कर न सके सोई कर ले मन नहीं धड़काता।। जय।।
तुम बिन सुख न होवे न कोई पुत्र पाता।
खान-पान का वैभव तुम बिन नहीं आता।। जय।।
शुभ गुण सुंदर युक्ता क्षीर निधि जाता।
रतन चतुर्दश तोकू कोई नहीं पाता।। जय।।
श्री अहोई माँ की आरती जो कोई गाता।
उर उमंग अति उपजे पाप उतर जाता।। जय।।
Ahoi Ashtami Mantra (अहोई अष्टमी मंत्र)
अहोई अष्टमी से 45 दिनों तक 'ॐ पार्वतीप्रियनंदनाय नमः' मंत्र की 11 माला जाप करें। इससे संतान से संबंधित सारे कष्ट मिट जाते हैं।
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