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अहोई अष्टमी के व्रत का पारण कैसे करें, जान लें व्रत खोलने की सही विधि, नियम और टाइमिंग

होई अष्टमी का व्रत माताएं अपनी संतान की लंबी आयु के लिए रखती हैं। इसे अहोई आठें के नाम से भी जाना जाता है। जानिए इस साल अहोई अष्टमी व्रत कब है, किस तारीख को है, इसकी पूजा विधि और शुभ मुहूर्त क्या है, जानिए हर एक जानकारी यहां।

अहोई अष्टमी के व्रत का पारण कैसे करें, जान लें व्रत खोलने की सही विधि, नियम और टाइमिंग

अहोई अष्टमी के व्रत का पारण कैसे करें, जान लें व्रत खोलने की सही विधि, नियम और टाइमिंग

अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। ये तिथि इस साल 24 अक्टूबर को 01:18 AM से 25 अक्टूबर को 01:58 AM तक रहेगी। उदया तिथि अनुसार अहोई अष्टमी व्रत 24 अक्टूबर को रखा जा रहा है। ये व्रत माताएं उषाकाल से लेकर गोधूली बेला तक रखती हैं। व्रत का पारण शाम में तारों के दर्शन करके किया जाता है। कुछ महिलाएं अहोई अष्टमी व्रत चंद्रमा के दर्शन करके खोलती हैं। चलिए आपको बताते हैं अहोई अष्टमी व्रत कैसे किया जाता है, इसकी पूजा विधि, सामग्री लिस्ट, कथा, मंत्र, आरती और शुभ मुहूर्त क्या है।

अहोई अष्टमी व्रत खोलने का समय 2024 (Ahoi Ashtami Vrat Kholne Ka Samay 2024)
अहोई अष्टमी व्रत खोलने का समय शाम 6.30 के बाद का है। कई महिलाएं अहोई व्रत तारों को अर्घ्य देकर खोलती हैं तो कुछ महिलाएं चांद को अर्घ्य देकर ये व्रत खोलती हैं।

अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त 2024 (Ahoi Ashtami Puja Muhurat 2024)
अहोई अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर की शाम 5 बजकर 42 मिनट से शाम 6 बजकर 59 मिनट तक रहेगा।

अहोई अष्टमी पर तारें निकलने का समय 2024 (Ahoi Ashtami Star Rise Time 2024)
अहोई अष्टमी पर तारें निकलने का समय शाम 6 बजकर 6 मिनट का है।

अहोई अष्टमी पर चंद्रोदय समय 2024 (Ahoi Ashtami 2024 Moon Rise Time)
अहोई अष्टमी पर चांद निकलने का समय रात 11 बजकर 55 मिनट का है।

अहोई अष्टमी राधा कुंड स्नान मुहूर्त 2024 (Ahoi Ashtami Radha Kund Snan Muhurat 2024)
अहोई अष्टमी पर राधा कुंड स्नान का मुहूर्त 24 अक्टूबर की रात 11 बजकर 38 मिनट से देर रात 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा।

अहोई माता कौन हैं (Ahoi Mata Kaun Hai)
अहोई माता को देवी पार्वती का ही अवतार माना जाता है। लोग उन्हें संतान की रक्षा करने और उत्तम स्‍वास्‍थ्‍य प्रदान करने के लिए पूजते हैं।

अहोई अष्‍टमी व्रत की पूजन विधि (Ahoi Ashtami Puja Vidhi In Hindi)

  • अहोई अष्‍टमी के दिन सुबह स्‍नान आदि से निवृत्त होकर अहोई माता के सामने व्रत का संकल्‍प लें।
  • फिर एक गेरु से अहोई माता का चित्र बनाएं या आप चाहें तो बाज़ार से भी अहोई माता का चित्र ला सकते हैं।
  • फिर सूर्यास्‍त के बाद तारे निकलने पर अहोई माता की पूजा करें।
  • इस पूजा में जल से भरे एक कलश, सफेद धातु या चांदी की अहोई, कुछ फूल, दूध, हलवा, उबले चावल और घी के दीपक की जरूरत होती है।
  • सबसे पहले अहोई माता को तिलक लगाया जाता है फिर उन्‍हें फूल अर्पित किए जाते हैं। माता के सामने घी का दीपक जलाया जाता है।
  • फिर अहोई माता को दूध और उबले चावल प्रसाद रूप में चढ़ाए जाते हैं।
  • इसके बाद गेहूं के सात दाने और साथ में दक्षिणा के लिए कुछ पैसे अपने हाथ में लें।
  • फिर सच्चे मन से अहोई माता की कथा सुनें।
  • कथा के बाद गेहूं के दाने और दक्षिणा अपनी सास को दें और फिर उनके पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें।
  • फिर तारों या फिर चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपना व्रत खोल लें।

अहोई अष्टमी के दिन राधा कुंड स्नान का महत्व (Ahoi Ashtami Par Radha Kund Snan Ka Mahatva)
कहते हैं जिन जोड़ों को संतान प्राप्ति में समस्या आ रही है उन्हें अहोई अष्टमी के दिन राधा कुंड में डुबकी लगाकर और इस पवित्र कुंड में खड़े होकर राधा रानी की पूजा करनी चाहिए। माना जाता है इससे संतान सुख अवश्य प्राप्त होता है। इसी मान्यता के कारण हर साल अहोई अष्टमी के दिन कई शादीशुदा जोड़े एक साथ रात में राधा कुंड के पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं।

अहोई अष्टमी के बारे सबकुछ जानें

Oct 24, 2024 | 06:49 PM IST

Ahoi Ashtami Vrat khone Ki Vidhi: अहोई अष्टमी व्रत कैसे खोलें

अहोई अष्टमी के दिन शाम के समय में पारण किया जाता है। पारण करने से व्रत का समापन होता है, इसलिए व्रत के पारण का खास महत्व होता है। व्रत के पारण से पहले तारों को अर्घ्य दिया जाता है पूजा के बाद सास को बायना दिया जाता है। तारों को अर्घ्य देने के लिए पानी के करवे में कुमकुम और अक्षत जरूर मिलाएं। पारण के समय में आप सबसे पहले सिंघाडा खाएं। अहोई अष्टमी के दिन प्रसाद में सिंघाडा जरूर चढ़ाया जाता है, इसलिए व्रत के पारण में इसे खाना जरूरी होता है।
Oct 24, 2024 | 06:45 PM IST

Ahoi Ashtami Vrat Kholne Ka Time And Vidhi: अहोई अष्टमी व्रत कब और कैसे खोला जाता है

अहोई अष्टमी का व्रत कुछ महिलाएं तारों को अर्घ्य देकर खोलती हैं तो कुछ चांद को अर्घ्य देकर ये व्रत खोलती हैं।
Oct 24, 2024 | 06:31 PM IST

Ahoi Ashtami Calendar With Katha: अहोई अष्टमी कैलेंडर

Ahoi Ashtami Calendar With Katha अहोई अष्टमी कैलेंडर
Oct 24, 2024 | 06:08 PM IST

Ahoi Mata Ki Aarti: अहोई माता की आरती

जय अहोई माता,जय अहोई माता।
तुमको निसदिन ध्यावतहर विष्णु विधाता॥
जय अहोई माता...॥
ब्रह्माणी, रुद्राणी, कमलातू ही है जगमाता।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावतनारद ऋषि गाता॥
जय अहोई माता...॥
माता रूप निरंजनसुख-सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावतनित मंगल पाता॥
जय अहोई माता...॥
तू ही पाताल बसंती,तू ही है शुभदाता।
कर्म-प्रभाव प्रकाशकजगनिधि से त्राता॥
जय अहोई माता...॥
जिस घर थारो वासावाहि में गुण आता।
कर न सके सोई कर लेमन नहीं धड़काता॥
जय अहोई माता...॥
तुम बिन सुख न होवेन कोई पुत्र पाता।
खान-पान का वैभवतुम बिन नहीं आता॥
जय अहोई माता...॥
शुभ गुण सुंदर युक्ताक्षीर निधि जाता।
रतन चतुर्दश तोकूकोई नहीं पाता॥
जय अहोई माता...॥
श्री अहोई माँ की आरतीजो कोई गाता।
उर उमंग अति उपजेपाप उतर जाता॥
जय अहोई माता...॥
Oct 24, 2024 | 05:53 PM IST

अहोई अष्टमी 2024 पूजा मुहूर्त (Ahoi Ashtami 2024 Puja Time)

अहोई अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05:42 से 06:59 बजे तक रहेगा। इस मुहूर्त की कुल अवधि 01 घण्टा 17 मिनट्स की होगी।
Oct 24, 2024 | 04:59 PM IST

अहोई अष्टमी माता की आरती (Ahoi Ashtami Mata Ki Aarti)

जय अहोई माता,
जय अहोई माता ।
तुमको निसदिन ध्यावत,
हर विष्णु विधाता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥
ब्रह्माणी, रुद्राणी, कमला,
तू ही है जगमाता ।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥
माता रूप निरंजन,
सुख-सम्पत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्यावत,
नित मंगल पाता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥
तू ही पाताल बसंती,
तू ही है शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव प्रकाशक,
जगनिधि से त्राता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥
जिस घर थारो वासा,
वाहि में गुण आता ।
कर न सके सोई कर ले,
मन नहीं घबराता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥
तुम बिन सुख न होवे,
न कोई पुत्र पाता ।
खान-पान का वैभव,
तुम बिन नहीं आता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥
शुभ गुण सुंदर युक्ता,
क्षीर निधि जाता ।
रतन चतुर्दश तोकू,
कोई नहीं पाता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥
श्री अहोई माँ की आरती,
जो कोई गाता ।
उर उमंग अति उपजे,
पाप उतर जाता ॥
ॐ जय अहोई माता,
मैया जय अहोई माता ।
Oct 24, 2024 | 04:44 PM IST

अहोई अष्टमी 2024 डेट और टाइम : Ahoi Ashtami 2024 Puja Time

अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त - शाम 05 बजकर 42 मिनट से शाम 06 बजकर 59 मिनट तक
तारों को देखने के लिए का समय - शाम 06 बजकर 06 मिनट तक
अहोई अष्टमी के दिन चंद्रोदय - रात्रि 11 बजकर 55 मिनट तक
Oct 24, 2024 | 04:43 PM IST

Ahoi Ashtami Kyun Manaya Jata Hai: अहोई अष्टमी क्यों मनाया जाता है

संतान की लंबी आयु के लिए अहोई अष्टमी व्रत किया जाता है। यह व्रत कार्तिक मास की अष्टमी को किया जाता है। अहोई अष्टमी आमतौर पर करवा चौथ के चार दिन बाद और दिवाली से आठ दिन पहले मनाई जाती है। संतान की लंबी आयु के लिए अहोई अष्टमी व्रत किया जाता है।
Oct 24, 2024 | 04:23 PM IST

Ahoi Ashtami Puja Samagri: अहोई अष्टमी पूजा सामग्री

अहोई अष्टमी की पूजा के लिए सामग्री के तौर पर माता अहोई की प्रतिमा, एक चौकी, लाल कपड़ा बिछाने के लिए, माता अहोई को चढ़ाने के लिए भोग में मिठाई और अन्य व्यंजन, माता को अर्पित करने के लिए सोलह श्रृंगार का सामान, आरती करने के लिए घी और मिट्टी का दीया आदि शामिल करें।

इसके अलावा अहोई अष्टमी की पूजा में कलावा, कच्चे अक्षत, गाय का दूध, सिंघाड़ा, अहोई अष्टमी की व्रत कथा की किताब, माता को चढ़ाने के लिए फल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य और कमल की माला आदि शामिल करें। इन सभी सामग्रियों को एक दिन पहले ही शुद्धता के साथ पूजा स्थल पर रख दें।
Oct 24, 2024 | 04:05 PM IST

Katha Time for ahoi ashtami: अहोई अष्टमी की कथा पढ़ने का समय

शाम 05 बजकर 42 मिनट से शाम 06 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। इस समय में अहोई अष्टमी की कथा का पाठ कर सकते हैं।
Oct 24, 2024 | 03:43 PM IST

Ahoi Mata Ki Katha: अहोई माता की कथा

पौराणिक कथा (Ahoi Mata Ki Katha) के अनुसार, एक समय की बात है एक नगर में एक साहूकार रहता था, जो अपने सात बेटे और पत्नी के साथ सुखी-सुखी रहता था। एक बार दीपावली से पहले साहूकार की पत्नी घर की लिपाई-पुताई के लिए खेत में मिट्टी लाने गई थी। खेत में पहुंचकर उसने कुदाल से मिट्टी खोदनी शुरू की मिट्टी इसी बीच उसकी कुदाल से अनजाने में एक साही (झांऊमूसा) के बच्चे की मौत हो गई। क्रोध में आकर साही की माता ने उस स्त्री को श्राप दिया कि एक-एक करके तुम्हारे भी सभी बच्चों की मृत्यु हो जाएगी। श्राप के चलते एक-एक करके साहूकार के सातों बेटों की मृत्यु हो गई और साहूकार के घर पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।
इतने बड़े दुख से घिरी साहूकार की पत्नी एक सिद्ध महात्मा के पास जा पहुंची, जिन्हें उसने पूरी घटना बताई। महात्मा तो दयालु होते हैं, तब उन्होंने साहूकार की पत्नी से कहा कि ''हे देवी तुम अष्टमी के दिन भगवती माता का ध्यान करते हुए साही और उसके बच्चों का चित्र बनाओ। इसके बाद उनकी आराधना करते हुए अपनी गलती के लिए क्षमा मांगो। मां भगवती (Ahoi Mata Ki Kahani) की कृपा से तुम्हे इस बड़े अपराध से मुक्ति मिल जाएगी।
साधु की कही गई बात के अनुसार, साहूकार की पत्नी ने कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को उपवास रखा और विधिवत अहोई माता की पूजा की। व्रत के प्रभाव से उसके सातों पुत्र पुनः जीवित हो गए और तभी संतान के लिए अहोई माता की पूजा और व्रत करने की परंपरा चली आ रही है।
Oct 24, 2024 | 03:20 PM IST

Ahoi Ashtami Moon Rise Time 2024: अहोई अष्टमी चंद्रोदय का समय 2024

अहोई अष्टमी के दिन चंद्रोदय - रात्रि 11 बजकर 55 मिनट तक
Oct 24, 2024 | 03:02 PM IST

अहोई अष्टमी पूजा विधि : Ahoi Ashtami Puja Vidhi

अहोई अष्टमी के दिन स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
सूर्य देव को जल देने के बाद व्रत का संकल्प लें।
दिनभर निर्जला व्रत रखें।
संध्याकाल में साफ स्थान पर अहोई माता का चित्र बनाएं।
शुभ मुहूर्त में दीपक जलाकर पूजा-अर्चना करें।
अहोई माता को फूल अर्पित करें।
व्रत कथा का पाठ और मंत्रों का जप करें।
अब आरती करें।
संतान के सफल जीवन के लिए कामना करें।
पूरी, हलवे, खीर, गुलगुले और मिठाई का भोग लगाएं।
रात्रि में तारे निकलने पर अर्घ्य देकर व्रत का पारण करें।
इस दिन दान जरूर करना चाहिए।
Oct 24, 2024 | 02:44 PM IST

Katha Time for ahoi ashtami: अहोई अष्टमी की कथा का टाइम

अहोई अष्टमी पूजन व व्रत कथा का पाठ करने के लिए शाम 05 बजकर 41 मिनट से शाम 06 बजकर 58 मिनट तक शुभ मुहू्र्त हैं।
Oct 24, 2024 | 02:23 PM IST

Ahoi Ashtami Vrat Vidhi: अहोई अष्टमी व्रत विधि

अहोई अष्टमी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान कर लें। इसके बाद पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध कर लें। फिर पूजा स्थल पर चौकी बिछाएं। चौकी पर लाला कपड़ा बिछाएं और माता अहोई की प्रतिमा या फोटो को स्थापित करें। इसके बाद माता अहोई का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें।

फिर माता अहोई को वस्त्र के रूप में कलावा धारण कराएं। माता का सोलह श्रृंगार करें। माता अहोई को कमल के फूल की माला पहनाएं। इसके बाद माता को कच्चे अक्षत, गाय का दूध, सिंघाड़ा, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य आदि चढ़ाएं। माता को भोग लगाएं। मंत्रों का जाप करें और अंत में आरती गाएं।
Oct 24, 2024 | 02:03 PM IST

Star rise time today: तारों को देखने का समय

तारों को देखने का समय - शाम 06 बजकर 06 मिनट तक
Oct 24, 2024 | 01:42 PM IST

Ahoi Ashtami Puja Timing: अहोई अष्टमी पूजा टाइमिंग 2024

अहोई अष्टमी का पूजा मुहूर्त - शाम 05 बजकर 42 मिनट से शाम 06 बजकर 59 मिनट तक
Oct 24, 2024 | 01:22 PM IST

अहोई अष्टमी व्रत के नियम: Ahoi Ashtami Vrat ke niyam

अहोई अष्टमी का व्रत सूर्योदय के साथ ही शुरू हो जाता है और इसका समापन अपनी अपनी परंपरा के अनुसार तारे या चांद के दर्शन कर, अर्घ्य देने के बाद होता है. कुछ लोग इस व्रत को तारे को देखकर और कुछ लोग चांद को देखकर खोलते हैं.
अहोई अष्टमी का व्रत भी करवा चौथ के व्रत की तरह निर्जला रखा जाता है.
अहोई अष्टमी के व्रत में किसी भी तरह के फल, अन्न या मिठाई का सेवन नहीं किया जाता है. इस दिन दूध या दूध से बनी चीजों का सेवन भी नहीं किया जाता है.
इस दिन शाम के समय अहोई माता की पूजा अर्चना करने का विधान है. इसलिए अहोई अष्टमी के दिन शाम के समय अहोई माता की तस्वीर की स्थापना करें और धूप और दीपक जलाकर पूजा अर्चना करें.
अहोई अष्टमी के दिन शाम की पूजा के समय अहोई माता को 8 पूड़ी, 8 मालपुआ या गुलगुले, दूध और चावल का भोग लगाएं. इस दिन पूजा के समय एक कटोरी में गेहूं भी रखें. इस दिन अहोई अष्टमी व्रत की कथा का पाठ जरूर करें. बिना कथा के ये व्रत अधूरा माना जाता है.
Oct 24, 2024 | 12:59 PM IST

Ahoi Ashtami Puja ka Shubh Muhurat: अहोई अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त

अहोई अष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर, दिन गुरुवार को शाम 5 बजकर 42 मिनट से शुरू हो रहा है। वहीं, इसका समापन 6 बजकर 58 मिनट पर होगा। ऐसे में पूजा के लिए कुल अवधि लगभग 1 घंटा 16 मिनट है।
Oct 24, 2024 | 12:46 PM IST

Ahoi Ashtami Vrat Me Kya Khana Chahiye: अहोई अष्टमी व्रत में क्या खाना चाहिए

अहोई अष्टमी व्रत में कुछ भी नहीं खाया जाता क्योंकि ये व्रत निर्जला रखा जाता है। लेकिन गर्भवती महिलाओं या बीमार महिलाओं को ये व्रत निर्जला नहीं रखना चाहिए। आप इस व्रत में फलाहार ले सकती हैं।
Oct 24, 2024 | 12:29 PM IST

अहोई अष्टमी को क्या दान करें (Ahoi Ashtami Ke Din Kya Daan kare)

इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और धन का दान करना भी विशेष फलदायी होता है। अहोई अष्टमी पर किया गया दान पुण्य प्राप्ति और संतान के अच्छे भविष्य के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
Oct 24, 2024 | 11:43 AM IST

ये शुभ योग बढ़ाएंगे अहोई अष्टमी का महत्व

साल 2024 में अहोई अष्टमी का व्रत बेहद शुभ संयोगों में किया जाएगा जिससे इस व्रत के परिणामों में कई गुना वृद्धि होगी। इस दिन सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। सिद्धि योग बेहद शुभ योग है और यह योग निश्चित नक्षत्र के संयोग से बनता है। इस योग में पूजा करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है।
Oct 24, 2024 | 10:54 AM IST

अहोई अष्टमी 2024 पूजा मुहूर्त (Ahoi Ashtami 2024 Puja Time)

अहोई अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05:42 से 06:59 बजे तक रहेगा। इस मुहूर्त की कुल अवधि 01 घण्टा 17 मिनट्स की होगी।
Oct 24, 2024 | 10:14 AM IST

Ahoi Ashtami Star Rise Time 2024: अहोई अष्टमी पर तारों के निकलने का समय

गोरखपुर में आज तारों के निकलने का समय- 05:43 पी एम
वाराणसी में आज तारों के निकलने का समय- 05:46 पी एम
जयपुर में आज तारों के निकलने का समय- 06:14 पी एम
भोपाल में आज तारों के निकलने का समय- 06:10 पी एम
चंडीगढ़ में आज तारों के निकलने का समय- 06:06 पी एम
रांची में आज तारों के निकलने का समय- 05:38 पी एम
जम्मू में आज तारों के निकलने का समय- 06:12 पी एम
Oct 24, 2024 | 09:33 AM IST

अहोई अष्टमी का महत्व (Ahoi Ashtami Ka Mahatva)


अहोई अष्टमी का सनातन धर्म में विशेष महत्व है, खासकर महिलाओं के लिए। यह व्रत संतान की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य के लिए किया जाता है। इस व्रत का मुख्य उद्देश्य संतान की लंबी आयु, समृद्धि और सुख-शांति की कामना करना है।
Oct 24, 2024 | 08:44 AM IST

Ahoi Ashtami Images: अहोई अष्टमी की फोटो

Ahoi Ashtami Images अहोई अष्टमी की फोटो
Oct 24, 2024 | 08:03 AM IST

अहोई अष्टमी पर तारों के दर्शन करने का समय

शाम 06 बजकर 18 मिनट पर
Oct 24, 2024 | 08:01 AM IST

गणेश जी की कहानी (Ganesh Ji Ki Kahani)

एक बुढ़िया अपने बेटे-बहू के साथ छोड़े से घर में रहती थी। बुढ़िया माई हर रोज़ गणेश जी की विधि विधान पूजा करती थी। गणेश जी रोजाना बुढ़िया से कहते- बुढ़िया माई! कुछ मांग ले। बुढ़िया कहती- मैं क्या मांगू? तब एक दिन गणेश जी बोले- अपने बेटे से पूछ ले कि उसे क्या चाहिए। तो बेटा बोला- मां! धन मांग ले। बहू से पूछने लगी तो बहू ने पोता मांगने की बात कही। बुढ़िया ने सोचा कि ये दोनों तो अपने मतलब की मांग रहे हैं सो पड़ोसन से जाकर पूछें। फिर वह पड़ोसन से जाकर बोली कि वो क्या मांगे। तो पड़ोसन बोली- पगली! क्यों तो धन मांगे? क्यों पोता मांगे? थोड़े ही दिन की जिंदगी बची है। इसलिए तू अपनी सुन्दर काया मांग ले। घर आकर बुढ़िया सोचने लगी कि ऐसी चीज मांगनी चाहिए जिसस बेटा-बहू भी खुश हों। दूसरे दिन गणेशजी जी फिर आकर बोले- बुढ़िया माई! कुछ मांग लो। बुढ़िया ने कहा- मुझे सुन्दर काया दे, सोने के कटोरे में पोते को दूध पीता देखूं, अमर सुहाग दे, निरोगी काया दे, भाई दे, भतीजे दे, सारा परिवार दे, सुख दे, मोक्ष दे। बुढ़िया के मुख से ये बातें सुनकर गणेशजी ने कहा- बुढ़िया माई! तूने तो मुझे ठग लिया। लेकिन अब जैसा बोला है वैसा ही हो जायेगा और गणेशजी ने बुढ़िया को वरदान दे दिया। अब बुढ़िया माई के यहां सब कुछ वैसा ही हो गया। हे गणेशजी महाराज! जैसा बुढ़िया माई को सबकुछ दिया वैसा सब किसी को देना।
Oct 24, 2024 | 07:30 AM IST

अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त

24 अक्टूबर 2024, गुरुवार की शाम 05 बजकर 50 मिनट से शाम 07 बजकर 06 मिनट तक
Oct 24, 2024 | 06:25 AM IST

Ahoi Ashtami 2024 Moon Rise Time: अहोई अष्टमी पर चंद्रमा निकलने का समय

अहोई अष्टमी के दिन चंद्रोदय मुहूर्त: शाम 22 बजकर 52 मिनट
अहोई अष्टमी के दिन चन्द्रास्त का समय: मध्य रात्रि 12 बजकर 37 मिनट
Oct 23, 2024 | 10:01 PM IST

अहोई अष्टमी व्रत की विधि- Ahoi Ashtami Vrat Vidhi

अहोई अष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें।
इसके बाद अहोई माता के सामने व्रत का संकल्प लें।
पूजा स्थल पर अहोई माता की पूजा के लिए गेरू से दीवार पर उनका चित्र और साथ में साही और उसके सात पुत्रों की तस्वीर जरूर बनाएं।
अगर चित्र नहीं बना सकते तो बाजार से बनी बनाई अहोई माता की फोटो ले आएं।
अहोई माता के सामने घी का दीपक जलाएं और एक कटोरी में चावल, मूली, सिंघाड़ा आदि चीजें पूजा में जरूर रखें।
विधि विधान पूजा करने के बाद अष्टोई अष्टमी की व्रत कथा सुनें या सुनाएं।
अहोई अष्टमी की सुबह पूजा करते समय एक लोटे में पानी और उसके ऊपर करवे में पानी रखते हैं।
शाम के समय अहोई माता की विधि विधान पूजा करके कथा सुनी जाती है।
लोटे के पानी से ही शाम को चावल के साथ तारों को अर्घ्य दिया जाता है।
अहोई पूजा में चांदी की अहोई बनाई जाती है जिसे स्याहु (साही) कहते हैं।
स्याहु की पूजा रोली, अक्षत, दूध और भात से किए जाने की परंपरा है।
Oct 23, 2024 | 09:41 PM IST

अहोई अष्टमी कौन सी तारीख की है: Ahoi Ashtami Tarikh 2024

स व्रत को कार्तिक माह में करवा चौथ के चौथे दिन और दीपावली से आठ दिन पहले किया जाता है। अहोई अष्टमी का व्रत 24 अक्टूबर 2024,बृहस्पतिवार के दिन किया जाएगा।
Oct 23, 2024 | 09:21 PM IST

अहोई अष्टमी की फोटो: Ahoi Ashtami Photo

अहोई अष्टमी की फोटो Ahoi Ashtami Photo
Oct 23, 2024 | 08:58 PM IST

Ahoi Ashtami Shubh Muhurat: अहोई अष्टमी शुभ मुहूर्त

अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त - शाम 05 बजकर 42 मिनट से शाम 06 बजकर 59 मिनट तक
तारों को देखने के लिए सांझ का समय - शाम 06 बजकर 06 मिनट तक
अहोई अष्टमी के दिन चंद्रोदय - रात्रि 11 बजकर 55 मिनट तक
Oct 23, 2024 | 08:26 PM IST

अहोई अष्टमी में क्या करना चाहिए: Ahoi ashtami me kya karna chaiye

अहोई अष्टमी का व्रत निर्जला रखा जाता है।
सूर्योदय के साथ ही अहोई अष्टमी का व्रत आरंभ हो जाता है।
अहोई अष्टमी व्रत की पूजा शाम के समय की जाती है।
इसके बाद अहोई माता को 8 पूड़ी, 8 मालपुआ, दूध, चावल का भोग लगाया जाता है।
Oct 23, 2024 | 08:01 PM IST

अहोई अष्टमी का व्रत कैसे करें: Ahoi Ashtami Vrat kaise karen

अहोई अष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें.
एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर माता अहोई की मूर्ति या चित्र स्थापित करें.
मूर्ति को गंगाजल से स्नान कराएं और नए वस्त्र पहनाएं.
मूर्ति के सामने दीपक जलाएं और धूप बत्ती दिखाएं.
रोली, चंदन, फूल आदि चढ़ाएं.
अहोई अष्टमी की कथा सुनें और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य दें
Oct 23, 2024 | 07:39 PM IST

Ahoi Ashtami Vrat vidhi: अहोई अष्टमी व्रत विधि

अहोई अष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठें और दिन की शुरुआत देवी-देवता के ध्यान से करें।
अहोई अष्टमी के दिन सुबह स्नान करें।
इसके बाद साफ वस्त्र धारण करें और सूर्य देव को जल अर्पित करें।
पूजा-अर्चना करें और व्रत का संकल्प लें।
घर में साफ स्थान पर अहोई माता का चित्र बनाएं।
संध्याकाल में विधिपूर्वक अहोई माता की उपासना करें।
माता को कुमकुम लगाएं और फूल माला अर्पित करें।
देसी घी का दीपक जलाएं और अहोई माता की आरती करें।
फल, मिठाई, पूरी और सब्जी समेत आदि चीजों का भोग लगाएं।
व्रत कथा का पाठ करें।
तारों को अर्घ्य दें और व्रत का पारण करें।
Oct 23, 2024 | 07:21 PM IST

अहोई माता आरती : Ahoi Mata Aarti

जय अहोई माता,
जय अहोई माता ।
तुमको निसदिन ध्यावत,
हर विष्णु विधाता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥

ब्रह्माणी, रुद्राणी, कमला,
तू ही है जगमाता ।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥

माता रूप निरंजन,
सुख-सम्पत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्यावत,
नित मंगल पाता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥

तू ही पाताल बसंती,
तू ही है शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव प्रकाशक,
जगनिधि से त्राता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥

जिस घर थारो वासा,
वाहि में गुण आता ।
कर न सके सोई कर ले,
मन नहीं घबराता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥

तुम बिन सुख न होवे,
न कोई पुत्र पाता ।
खान-पान का वैभव,
तुम बिन नहीं आता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥

शुभ गुण सुंदर युक्ता,
क्षीर निधि जाता ।
रतन चतुर्दश तोकू,
कोई नहीं पाता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥

श्री अहोई माँ की आरती,
जो कोई गाता ।
उर उमंग अति उपजे,
पाप उतर जाता ॥

ॐ जय अहोई माता,
मैया जय अहोई माता ।
Oct 23, 2024 | 07:00 PM IST

अहोई अष्टमी पूजा सामग्री (Ahoi Ashtami Puja Samagri)

अहोई माता का चित्र
जल का कलश
गंगाजल
करवा
धूपबत्ती
दीपक
गाय का घी
शृंगार का सामान जैसे - काजल, बिंदी, चूड़ी, लाल चुनरी, साड़ी या सूट आदि
फूल
रोली
कलावा
अक्षत
सूखा आटा (चौक के लिए)
गाय का दूध
Oct 23, 2024 | 06:40 PM IST

अहोई अष्टमी व्रत के नियम: Ahoi Ashtami Vrat niyam

अहोई अष्टमी की पूजा कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन प्रदोषकाल मे की जाती है। इस दिन महिलाएं अन्न और जल कुछ भी ग्रहण नहीं करतीं और शाम में शुभ मुहूर्त में अहोई भगवती की पूजा करती हैं। अहोई अष्टमी व्रत संतान की दीर्घायु और निरोगी काया के लिए रखा जाता है। इस दिन सभी माताएं सूर्योदय से पहले जागकर स्नान कर अहोई माता की पूजा करती हैं और इस दौरान व्रत का संकल्प भी लेती हैं। पूजा के लिए अहोई माता की आठ कोने वाली तस्वीर पूजा स्थल पर रखी जाती है। ध्यान रखें कि माता अहोई के साथ साही की भी तस्वीर जरूर होनी चाहिए। बता दें साही कांटेदार स्तनपाई जीव होता है। ये पूजा शाम को प्रारंभ होती है।

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