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Ahoi Ashtami Vrat katha in Hindi, Kahani Live: अहोई अष्टमी के दिन जरूर करें इन कथाओं का पाठ, नहीं तो अधूरा रह जाएगा व्रत

Ahoi Ashtami Vrat katha in Hindi, Shyau Maiya ki katha likhit Mein स्याऊ माता की कहानी, Ahoi Mata ki kahani 2024, Puja Vidhi, Shubh Muhurath LIVE: अहोई अष्टमी व्रत की बड़ी महिमा बताई जाती है। कहते हैं जो माता सच्चे मन से ये व्रत रखती है उसकी संतान के जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है। इस दिन शाम की पूजा में अहोई साही और उसके बच्चों की कहानी जरूर सुननी चाहिए।

Ahoi Ashtami Vrat katha in Hindi, Kahani Live: अहोई अष्टमी के दिन जरूर करें इन कथाओं का पाठ, नहीं तो अधूरा रह जाएगा व्रत

Ahoi Ashtami Vrat katha in Hindi, Kahani Live: अहोई अष्टमी के दिन जरूर करें इन कथाओं का पाठ, नहीं तो अधूरा रह जाएगा व्रत

Ahoi Ashtami Vrat katha in Hindi, Shyau Maiya ki katha likhit Mein स्याऊ माता की कहानी, Ahoi Mata ki kahani 2024, Puja Vidhi, Shubh Muhurath LIVE: अहोई अष्टमी का व्रत महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। ये व्रत हर साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। इस व्रत में अहोई माता की पूजा की जाती है। कहते हैं जो माताएं अहोई अष्टमी व्रत का विधि विधान पालन करती हैं उनकी संतान के जीवन में सदैव खुशहाली और समृद्धि बनी रहती है। साथ ही उन्हें स्वस्थ और लंबे जीवन की भी प्राप्ति होती है। इस दिन अहोई माता की पूजा के साथ ही साही और उनके बच्चों की भी पूजा करनी चाहिए। चलिए आपको बताते हैं अहोई अष्टमी की व्रत कथा के बारे में।

Ahoi Ashtami 2024 Puja Vidhi And Shubh Muhurat

अहोई अष्टमी व्रत कथा (Ahoi Ashtami Vrat Katha In Hindi)
अहोई अष्टमी की कथा अनुसार प्राचीन काल में किसी नगर में एक साहूकार रहता था। उसके सात लड़के थे। दिवाली से पहले साहूकार की पत्नी घर की लीपापोती के लिए मिट्टी लेने खदान में गई और अपनी कुदाल से मिट्टी खोदने में लग गई। दैवयोग से उसी जगह एक सेह यानी साही की मांद थी। अनजाने में उस स्त्री के हाथ से कुदाल साही के बच्चों को लग गई और उस बच्चे की मृत्यु हो गई। अपने हाथ से हुए इस पाप के कारण साहूकार की पत्नी को बहुत दुख हुआ परन्तु अब वो क्या कर सकती थी। इसलिए वह शोकाकुल पश्चाताप करती हुई अपने घर लौट गई। लेकिन कुछ दिनों बाद साहूकार के बेटे का निधन हो गया। फिर इसके बाद उसके दूसरे, तीसरे और इस प्रकार साल भर के अंदर ही उसके सभी बेटों की आकस्मिक मृत्यु हो गई।

Ahoi Ashtami Calendar pdf

साहूकार की पत्नी अत्यंत दुखी रहने लगी। एक दिन उसने अपने आस-पड़ोस की महिलाओं को अपने दुख का कारण बताते हुए कहा कि उसने जानबूझ कभी किसी के साथ बुरा नहीं किया। लेकिन हां, एक बार जरूर उससे अनजाने में एक पाप हो गया। उसने महिलाओं को बताया कि एक बार वह खदान में मिट्टी खोदने के लिए गई थी जहां उसके हाथों से एक सेह के बच्चे की हत्या हो गई थी और शायद यही कारण है कि मेरे सातों बेटों की मृत्यु हो गई।

यह सुनकर पड़ोस की एक वृद्ध औरत ने उससे कहा कि यह बात बताकर तुमने जो पश्चाताप किया है उससे तुम्हारा आधा पाप खुद ही नष्ट हो गया है। अब तुम एक काम करो कि उसी अष्टमी तिथि को भगवती माता की शरण लेकर सेह और सेह के बच्चों का चित्र बनाकर उनकी पूजा-अर्चना करो और साथ में क्षमा-याचना करो। ईश्वर की कृपा से तुम्हारा ये पाप जरूर धुल जाएगा।

साहूकार की पत्नी ने ठीक वैसे ही किया। उसने हर साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को नियमित रूप से उपवास रख विधि विधान पूजन किया। तत्पश्चात् उसे सात पुत्र रत्नों की प्राप्ति हुई। कहते हैं तभी से अहोई व्रत रखने की परंपरा शुरू हो गई। बोलो अहोई माता की जय !

Oct 23, 2024 | 05:02 PM IST

अहोई अष्टमी की कथा: Ahoi Ashtami Ke Katha

पौराणिक कथा के अनुसार, एक समय की बात है एक नगर में एक साहूकार रहता था, जो अपने सात बेटे और पत्नी के साथ सुखी-सुखी रहता था। एक बार दीपावली से पहले साहूकार की पत्नी घर की लिपाई-पुताई के लिए खेत में मिट्टी लाने गई थी। खेत में पहुंचकर उसने कुदाल से मिट्टी खोदनी शुरू की मिट्टी इसी बीच उसकी कुदाल से अनजाने में एक साही (झांऊमूसा) के बच्चे की मौत हो गई। क्रोध में आकर साही की माता ने उस स्त्री को श्राप दिया कि एक-एक करके तुम्हारे भी सभी बच्चों की मृत्यु हो जाएगी। श्राप के चलते एक-एक करके साहूकार के सातों बेटों की मृत्यु हो गई और साहूकार के घर पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।
इतने बड़े दुख से घिरी साहूकार की पत्नी एक सिद्ध महात्मा के पास जा पहुंची, जिन्हें उसने पूरी घटना बताई। महात्मा तो दयालु होते हैं, तब उन्होंने साहूकार की पत्नी से कहा कि ''हे देवी तुम अष्टमी के दिन भगवती माता का ध्यान करते हुए साही और उसके बच्चों का चित्र बनाओ। इसके बाद उनकी आराधना करते हुए अपनी गलती के लिए क्षमा मांगो। मां भगवती की कृपा से तुम्हे इस बड़े अपराध से मुक्ति मिल जाएगी।
साधु की कही गई बात के अनुसार, साहूकार की पत्नी ने कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को उपवास रखा और विधिवत अहोई माता की पूजा की। व्रत के प्रभाव से उसके सातों पुत्र पुनः जीवित हो गए और तभी संतान के लिए अहोई माता की पूजा और व्रत करने की परंपरा चली आ रही है।
Oct 23, 2024 | 04:40 PM IST

24 अक्टूबर 2024 शुभ योग : 24 October 2024 Shubh Yoga

गुरु पुष्य योग- पूरे दिन

सर्वार्थ सिद्धि योग- पूरे दिन

अमृत सिद्धि योग- पूरे दिन
Oct 23, 2024 | 04:20 PM IST

अहोई अष्टमी के दिन चन्द्रोदय समय 2024 : Ahoi Ashtami 2024 Moon Rise Time

अहोई अष्टमी के दिन चांद निकलने का समय रात 11:55 का है।
Oct 23, 2024 | 04:03 PM IST

24 October 2024 Panchang (24 अक्टूबर 2024 पंचांग)

माह-कार्तिक ,कृष्ण पक्ष

तिथि- अष्टमी ,व्रत-अहोई अष्टमी व्रत,गुरु पुष्य योग

दिन- गुरुवार

सूर्योदय-06:25am

सूर्यास्त-06:01pm

नक्षत्र-- पुष्य

चन्द्र राशि -- कर्क,स्वामी-चन्द्रमा

सूर्य राशि- तुला,स्वामी ग्रह-शुक्र

करण- बालव01:33 pm तक फिर कौलव

योग- साध्य
Oct 23, 2024 | 03:40 PM IST

अहोई अष्टमी की कहानी: Ahoi Ashtami Ke kahani

कथा के अनुसार, एक समय की बात है. एक नगर में एक साहूकार रहता था, जिसके 7 बेटे और 7 बहुएं थी. उसकी एक बेटी थी, जिसका विवाह हो चुका था. दिवाली के दिन वह मायके आई थी. दिवाली के अवसर पर घर और आंगन को साफ सुथरा करने के लिए जंगल से मिट्टी लाने चली गईं, उनके साथ उनकी नदद भी थी.

जंगल में साहूकार की बेटी जिस जगह पर मिट्टी खोद रही थी, वहां पर स्याहु यानी साही अपने बेटों के साथ रहती थी. मिट्टी काटते समय साहूकार की बेटी की खुरपी से स्याहु का एक बच्चा मर गया. इससे स्याहु दुखी हो गई. उसने गुस्से में साहूकार की बेटी से कहा कि तुम्हारी कोख बांध दूंगी.उसकी बात सुनकर साहूकार की बेटी डर जाती है और वह अपनी सभी भाभी से एक-एक करके कहती है कि वे उसके बदले अपनी कोख बंधवा लें. सबसे छोटी भाभी इसके लिए तैयार होती है. इस घटना के कुछ समय बाद जब उसकी छोटी भाभी के बच्चे होते हैं तो वे 7 दिन बाद मर जाते हैं. ऐसे करके उसके 7 संतानों की मृत्यु हो जाती है. तब उसने एक पंडित से घटना बताई और उपाय पूछा. पंडित ने कहा कि एक सुनहरी गाय की सेवा करो.

पंडित के सुझाव के अनुसार ही वह एक सुनहरी गाय की सेवा करती है. वह गाय उससे खुश हो जाती है और उसे स्याहु के पास ले जाती है. रास्ते में दोनों थक गए तो एक जगह आराम करने लगते हैं और सो जाते हैं. अचानक साहूकार की छोटी बहू की आंख खुलती है तो वह देखती है कि एक सांप गरुड़ पंखनी के बच्चे को डसने जा रहा होता है
Oct 23, 2024 | 03:21 PM IST

अहोई अष्टमी व्रत के नियम: Ahoi Ashtami Vrat niyam

अहोई अष्टमी की पूजा कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन प्रदोषकाल मे की जाती है। इस दिन महिलाएं अन्न और जल कुछ भी ग्रहण नहीं करतीं और शाम में शुभ मुहूर्त में अहोई भगवती की पूजा करती हैं। अहोई अष्टमी व्रत संतान की दीर्घायु और निरोगी काया के लिए रखा जाता है। इस दिन सभी माताएं सूर्योदय से पहले जागकर स्नान कर अहोई माता की पूजा करती हैं और इस दौरान व्रत का संकल्प भी लेती हैं। पूजा के लिए अहोई माता की आठ कोने वाली तस्वीर पूजा स्थल पर रखी जाती है। ध्यान रखें कि माता अहोई के साथ साही की भी तस्वीर जरूर होनी चाहिए। बता दें साही कांटेदार स्तनपाई जीव होता है। ये पूजा शाम को प्रारंभ होती है।
Oct 23, 2024 | 03:03 PM IST

अहोई अष्टमी के दिन चन्द्रोदय समय 2024 (Ahoi Ashtami 2024 Moon Rise Time)

अहोई अष्टमी के दिन चांद निकलने का समय रात 11:55 का है।
Oct 23, 2024 | 02:08 PM IST

Ahoi Ashtami Par Radha Kund Snan Ka Mahatva: अहोई अष्टमी के दिन राधा कुंड स्नान का महत्व

कहते हैं जिन जोड़ों को संतान प्राप्ति में समस्या आ रही है उन्हें अहोई अष्टमी के दिन राधा कुंड में डुबकी लगाकर और इस पवित्र कुंड में खड़े होकर राधा रानी की पूजा करनी चाहिए। माना जाता है इससे संतान सुख अवश्य प्राप्त होता है। इसी मान्यता के कारण हर साल अहोई अष्टमी के दिन कई शादीशुदा जोड़े एक साथ रात में राधा कुंड के पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं।
Oct 23, 2024 | 01:18 PM IST

Ahoi Mata Kaun Hai: अहोई माता कौन हैं

अहोई माता को देवी पार्वती का ही अवतार माना जाता है। लोग उन्हें संतान की रक्षा करने और उत्तम स्‍वास्‍थ्‍य प्रदान करने के लिए पूजते हैं।
Oct 23, 2024 | 01:17 PM IST

Ahoi Ashtami Radha Kund Snan Muhurat 2024: अहोई अष्टमी राधा कुंड स्नान मुहूर्त 2024

अहोई अष्टमी पर राधा कुंड स्नान का मुहूर्त 24 अक्टूबर की रात 11 बजकर 38 मिनट से देर रात 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा।
Oct 23, 2024 | 01:17 PM IST

Ahoi Ashtami 2024 Moon Rise Time: अहोई अष्टमी पर चंद्रोदय समय 2024

अहोई अष्टमी पर चांद निकलने का समय रात 11 बजकर 55 मिनट का है।
Oct 23, 2024 | 01:17 PM IST

Ahoi Ashtami Star Rise Time 2024: अहोई अष्टमी पर तारें निकलने का समय 2024

अहोई अष्टमी पर तारें निकलने का समय शाम 6 बजकर 6 मिनट का है।
Oct 23, 2024 | 01:17 PM IST

Ahoi Ashtami Vrat: अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त 2024

अहोई अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर की शाम 5 बजकर 42 मिनट से शाम 6 बजकर 59 मिनट तक रहेगा।

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