Ahoi Ashtami Vrat Me Kya Khaye: अहोई अष्टमी के व्रत में क्या खाएं क्या नहीं, जानिए नियम
Ahoi Ashtami Vrat Me Kya Khaye: अहोई अष्टमी का व्रत संतान सुख के लिए होता है। इस दिन माताएं सुबह से लेकर शाम तक व्रत रखती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं अहोई अष्टमी के दिन क्या खाएं और क्या नहीं। यहां जानिए नियम।
Ahoi Ashtami Vrat Me Kya Khaye
Ahoi Ashtami Vrat Me Kya Khaye: अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर रखा जाता है। ये व्रत इस साल आज यानि 24 अक्तूबर 2024 को रखा जा रहा है। इस दिन माताएं अपने संतान की दीर्घ आयु के लिए निर्जला होकर उपवास रखती हैं। इस दिन शाम को तारों को देखकर व्रत का पारण किया जाता है। कहीं-कहीं पर चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद इस व्रत को खोलती हैं। यदि आप भी अहोई अष्टमी का व्रत रखती हैं तो यहां जानिए इस व्रत में क्या खा सकते हैं और क्या नहीं। जानिए इस व्रत के नियम।
Ahoi Ashtami Vrat Me Kya Khaye (अहोई अष्टमी व्रत में क्या खाएं)
अहोई अष्टमी का व्रत माताएं भूखे, प्यासे रहकर करती हैं। इस दिन माता पार्वती और शिव जी की पूजा करती हैं। इस दिन तारों को अर्घ्य देने के बाद ही अन्न और जल ग्रहण किया जाता है। इस दिव आप व्रत के पारण सिंघाड़े जरूर शामिल करें। इस दिन माता अहोई को सिंघाडे का भोग जरूर लगाएं। वहीं भोग आप पारण के समय में खाएं। इस दिन आप व्रत खोलने के बाद गन्ने का रस पीएं और खाने में हलवा और चना शामिल करें। अगर कोई महिला इस दिन निर्जला व्रत रखने में सक्षम नहीं हैं तो वो फलहार करके भी अपना व्रत पूरा कर सकती हैं।
Ahoi Ashtami Vrat Me Kya Nahi Khana Chahiye (अहोई अष्टमी व्रत में क्या ना खाएं)
अहोई अष्टमी के दिन लहसुन, प्याज का सेवन करने से बचना चाहिए। हिंदू धर्म में व्रतों को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है, इसलिए इस दिन आप भूलकर नॉनवेज ना खाएं और ना ही मदिरा का सेवन करें। इस दिन व्रत खोलने के बाद ज्यादा मसालेदार भोजन ना करें।
Ahoi Ashtami Vrat Mahatav (अहोई अष्टमी व्रत का महत्व)
अहोई अष्टमी के व्रत का सनातन परंपरा में बहुत ही विशेष महत्व है। ये व्रत निःसंतान स्त्रियों के लिए और माताओं को लिए खास माना जाता है। अहोई अष्टमी व्रत माताएं अपने संतान की लंबी उम्र के लिए करती हैं और जिन महिलाओं की संतान नहीं होती है वो ये व्रत संतान की प्राप्ति के लिए इस व्रत को रखती हैं। अहोई अष्टमी व्रत रखने से संतान सुख के साथ- साथ संतान को तरक्की भी मिलती है। इस व्रत को करने से संतान को हर तरह से रोग और कष्ट से छुटकारा मिलता है।
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जयंती झा author
बिहार के मधुबनी जिले से की रहने वाली हूं, लेकिन शिक्षा की शुरुआत उत्तर प्रदेश की गजियाबाद जिले से हु...और देखें
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