Akshaya Tritiya 2023: अक्षय तृतीया क्यों मनाई जाती है, जानिए इस पर्व का इतिहास
Akshaya Tritiya 2023 Date, Time, Puja Muhurat: अक्षय तृतीया का दिन बेहद शुभ माना जाता है। इसे आखा तीज (Akha Teej 2023) भी कहते हैं। इस दिन कोई भी शुभ काम बिना मुहूर्त देखे किया जा सकता है। इस साल अक्षय तृतीया 22 अप्रैल को मनाई जाएगी।
Akshaya Tritiya 2023 Muhurat: अक्षय तृतीया 2023 पूजा का शुभ मुहूर्त 22 अप्रैल को 07:49 ए एम से 12:37 पी एम तक रहेगा
Akshaya Tritiya 2023 Puja Muhurat: अक्षय तृतीया का दिन साल के उन साढ़े तीन मुहूर्त में से एक होता है जिन्हें सबसे शुभ दिन का दर्जा प्राप्त है। इस दिन कोई भी शुभ कार्य बिना सोचे विचारे किए जा सकते हैं। इस साल अक्षय तृीताय 22 अप्रैल 2023, शनिवार को मनाई जाएगी। इसी के साथ इस दिन परशुराम जयन्ती (Parshuram Jayanti date 2023) भी मनाई जाएगी। अक्षय तृतीया का दिन पितृ दोष से मुक्ति के लिए भी उत्तम माना गया है। इस दिन पितरों के नाम से श्राद्ध और तर्पण करने से व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष का प्रभाव कम होने लगता है। जानिए अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त और महत्व।
Akshaya Tritya 2023 Date And Shubh Muhurat
अक्षय तृतीया 2023 | 22 अप्रैल, शनिवार |
अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त 2023 | 07:49 AM से 12:37 PM |
अक्षय तृतीया 2023 मुहूर्त अवधि | 04 घण्टे 48 मिनट |
अक्षय तृतीया 2023 सोने की खरीदारी का मुहूर्त (22 अप्रैल 2023) | 07:49 AM से पूरे दिन |
अक्षय तृतीया 2023 पर सोना खरीदने का समय (23 अप्रैल 2023) | 06:16 AM से 07:47 AM |
अक्षय तृतीया 2023 प्रारम्भ | 22 अप्रैल 2023 को 07:49 AM बजे |
अक्षय तृतीया 2023 समाप्त | 23 अप्रैल 2023 को 07:47 AM बजे |
प्रातः मुहूर्त (शुभ) | 07:52 AM से 09:27 AM |
अपराह्न मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) | 12:37 PM से 05:23 PM |
सायाह्न मुहूर्त (लाभ) | 06:58 PM से 08:23 PM |
रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) | 09:47 PM से 02:02 AM, अप्रैल 23 |
उषाकाल मुहूर्त (लाभ) | 04:51 AM से 06:16 AM, अप्रैल 23 |
धार्मिक मान्यताओं अनुसार युधिष्ठिर ने भगवान श्री कृष्ण से अक्षय तृतीया का महत्व जानने की इच्छा जताई थी। तब भगवान श्री कृष्ण ने बताया कि ये परम पुण्यमयी तिथि है। इस दिन दोपहर से पूर्व स्नान, जप, तप, होम (यज्ञ), स्वाध्याय, पितृ-तर्पण और दानादि करने वाले व्यक्ति को अक्षय पुण्यफल की प्राप्ति होती है। प्राचीन काल में एक गरीब, सदाचारी और देवताओं में विश्वास रखने वाला वैश्य रहता था। उसे किसी ने इस व्रत को करने की सलाह दी। उसने इस पर्व वाले दिन गंगा में स्नान कर विधिपूर्वक देवी-देवताओं की पूजा की और जरूरतमंदों को दान दिया। मान्यता अनुसार वैश्य अगले जन्म में कुशावती का राजा बना। अक्षय तृतीया की ही पूजा और इस दिन किए जाने वाले दान के प्रभाव से वह वैश्य बहुत धनी और प्रतापी बना।
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अक्षय तृतीया कैसे मनाते हैं (How Akshaya Tritiya 2023 Is Celebrated)
इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इसके बाद जरूरतमंदों को दान दिया जाता गै। इसके अलावा इस दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति को उसके सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। अक्षय तृतीया के दिन श्राद्ध तर्पण करने का भी विशेष महत्व बताया गया है। इसके अलावा इस दिन सोने की खरीदारी शुभ मानी गई है। अन में सुख-समृद्धि का वरदान प्राप्त कर सकते हैं।
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लवीना शर्मा author
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 सा...और देखें
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