Akshaya Tritiya Importance: अक्षय तृतीया का महत्व क्या है, जानिए क्यों मनाया जाता है ये त्योहार

Akshaya Tritiya Importance (अक्षय तृतीया का महत्व): अक्षय तृतीया के महत्व के बारे में बात करें तो ये दिन साल के उन साढ़े तीन मुहूर्त में से एक होता है जिन्हें सबसे शुभ दिन का दर्जा प्राप्त है। यही वजह है कि इस दिन किसी भी तरह के शुभ कार्य बिना मुहूर्त देखे किये जा सकते हैं। यहां जानिए अक्षय तृतीया का महत्व और इतिहास।

Akshaya Tritiya Importance

Akshaya Tritiya Signifcance: अक्षय तृतीया का महत्व

Akshaya Tritiya Singificance In Hindi (अक्षय तृतीया का महत्व): अक्षय तृतीया का त्योहार प्रत्येक वर्ष वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। ये दिन सभी तरह के मांगलिक कार्यों को करने के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन सोने की खरीदारी और दान का भी विशेष महत्व माना गया है। मान्यताओं अनुसार जो व्यक्ति अक्षय तृतीया पर कीमती वस्तुओं की खरीदारी करता है (Akshaya Tritiya Shopping) उसके जीवन में धनसंपदा की कभी कमी नहीं होती। यहां जानिए अक्षय तृतीया का महत्व, इतिहास और पौराणिक कहानी।

Significance OF Akshaya Tritiya In Hindi (अक्षय तृतीया का महत्व)

शास्त्रों में अक्षय तृतीया को स्वयंसिद्ध मुहूर्त माना गया है। ये दिन सभी तरह के मांगलिक कार्यों जैसे विवाह, गृह प्रवेश, नया काम शुरू करने, आभूषण खरीदने, गाड़ी खरीदने के लिए शुभ और फलदायी होता है। अक्षय तृतीया पर सूर्य और चंद्रमा उच्च राशि में रहते हैं। मान्ताओं अनुसार इस दिन जो भी काम किया जाता है उसमें बरकत होती है। यानी इस दिन जो भी अच्छा काम करेंगे उसका फल कभी समाप्त नहीं होगा।

Akshaya Tritiya Mahatva (इसलिए खास है अक्षय तृतीया)

अक्षय तृतीया पर ही भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन परशुराम जयंती भी मनाई जाती है। इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि इस दिन ही भगवान विष्णु के चरणों से धरती पर माता गंगा अवतरित हुई थीं। सतयुग, द्वापर युग व त्रेतायुग के प्रारंभ की गणना भी इसी दिन से होती है।अक्षय तृतीया का दिन अपने कर्मों को सही दिशा में प्रोत्साहित करने के लिए उत्तम माना जाता है। यही वजह है कि इस दिन दान करना अत्यंत शुभ होता है। हिंदू धर्म में दान कर्म का विशेष महत्व बताया गया है।

Akshaya Tritya Story (अक्षय तृतीया की कहानी)

भविष्य पुराण अनुसार शाकल नगर में एक वणिक नाम धर्मात्मा रहता था जो अक्षय तृतीया के दिन पूरी श्रद्धा से स्नान, ध्यान और दान किया करता था। कहते हैं इसी दान-पुण्य के कारण वणिक अगले जन्म में द्वारकानगरी में सर्वसुख संपन्न राजा के रूप में अवतरित हुए।

Akshaya Tritya Importance (अक्षय तृतीया पर दान का महत्व)

अक्षय तृतीया पर पवित्र नदियों में स्नान करके अपने सामर्थ्य अनुसार जल, अनाज, दही, सत्तू, गन्ना, फल, हाथ से बने पंखे, सुराही और वस्त्रादि का दान अवश्य करना चाहिए। कहते हैं इस दिन इन चीजों का दान करने से जाने अनजाने में हुए पापों से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन किए गए दान का फल अगले जन्म में भी मिलता है। अक्षय तृतीया पर जौ का दान स्वर्ण दान जितना फल देता है।

Akshaya Tritiya Par Pind Daan (अक्षय तृतीया पर पिंडदान का महत्व)

अक्षय तृतीया पर तीर्थ स्थान पर जाकर अपने पितरों के नाम से श्राद्ध और तर्पण जरूर करना चाहिए। इससे कुंडली में मौजूद पितृ दोष से लेकर अन्य दोषों से भी मु्क्ति मिल जाती है। पुराणों में वर्णन है कि अक्षय तृतीया के दिन किया गया पिण्डदान अक्षय फल प्रदान करता है।
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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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