Akshaya Tritiya 2025 Date: अक्षय तृतीया 2025 में कब है, यहां नोट करें इसकी तारीख और समय
Akshaya Tritiya 2025 Date (अक्षय तृतीया 2025 डेट): अक्षय तृतीया को सनातन हिंदू धर्म में विशेष तिथि माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन किए गए कार्य का फल अनंत सुख देता है। इस नाते इस दिन विवाह, गृह प्रवेश, और निवेश आदि जैसे अनुष्ठान किए जाते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं अक्षय तृतीया 2025 की डेट और मुहूर्त के बारे में।

Akshaya Tritiya 2025 Date
Akshaya Tritiya 2025 Date (अक्षय तृतीया 2025 डेट): अक्षय तृतीया का हिंदू धर्म में खास महत्व माना जाता है। इसे हर साल वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाते हैं। कुछ जगहों पर इसे अखा तीज और युगादि तिथि भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा एवं उपासना का प्राचीन विधान होता है साथ ही तिथि इस दिन सोने या सोने से निर्मित आभूषण की खरीदारी भी की जाती है। शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया पर किया गया दान पुण्य और शुभ काम का फल जन्म जन्मांतर तक मिलता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान कृष्ण ने पांडवों को अक्षय पात्र दिया था, जो भोजन की असीम आपूर्ति प्रदान करता था। ऐसा माना जाता है कि सतयुग और त्रेतायुग की शुरुआत भी इसी तिथि से हुई थी। इस दिन भगवान विष्णु और उनके अवतारों की पूजा करना भी लाभकारी होता है।
अक्षय तृतीया 2025 डेट (Akshaya Tritiya 2025 Date)
अक्षय तृतीया हर साल वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाई जाती है। इस साल ये तिथि 30 अप्रैल को बुधवार के दिन पड़ेगी। ये पर्व हिंदू धर्म के मुख्य त्योहारों में से एक माना जाता है, जिसे विधिपूर्वक मनाया जाता है।
अक्षय तृतीया 2025 मुहूर्त (Akshaya Tritiya 2025 Muhurat)
हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 29 अप्रैल को शाम 05 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगी और 30 अप्रैल को दोपहर 02 बजकर 12 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि का महत्व होता है, इस नाते 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया मनाई जाएगी। इस दिन पूजा का समय सुबह 05 बजकर 41 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।
अक्षय तृतीया का महत्व (Akshaya Tritiya ka Mahatva)
अक्षय तृतीया का महत्व हिंदू धर्म में इस नाते क्योंकि इसकी महत्ता भगवान विष्णु से जुड़ी है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। साथ ही दस महा विद्याओं में से नौवीं महा विद्या मां मातंगी का अवतार भी अक्षय तृतीया पर हुआ माना जाता है। भगवान नर नारायण और हयग्रीव भगवान की जयंती भी अक्षय तृतीया को मनाई जाती है। अक्षय तृतीया के दिन ही चार धाम की यात्रा शुरू होती है और इस दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट भी खुल जाते हैं।
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हरियाणा की राजनीतिक राजधानी रोहतक की रहने वाली हूं। कई फील्ड्स में करियर की प्लानिंग करते-करते शब्दों की लय इतनी पसंद आई कि फिर पत्रकारिता से जुड़ गई।...और देखें

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