कुबेर जी के इस मंदिर में सिक्का चढ़ाने से दूर होती है आर्थिक तंगी, तिजोरी में रखी जाती है गर्भ गृह की मिट्टी

Kuber Temple of Almora Uttarakhand: देवभूमि उत्तराखंड स्थित जागेश्वर मंदिर में भगवान कुबेर का भी मंदिर है। मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में दर्शन करने से श्रद्धालुओं के आर्थिक तंगी से जुड़े सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। जानिए देवभूमि स्थित इस मंदिर से जुड़ी मान्यताएं और कैसे करें इस मंदिर के दर्शन।

Jageshwar-temple

Jageshwar Temple

मुख्य बातें
  • अल्मोड़ा स्थित जागेश्वर मंदिर को उत्तराखंड का पांचवां धाम कहा जाता है।
  • जागेश्वर मंदिर में भगवान कुबेर का भी एक मंदिर है।
  • इस मंदिर में दर्शन करने से दूर होती है आर्थिक तंगी।
Kuber Temple of Uttarakhand: उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है। इस राज्य में स्थित कई मंदिर हैं, जो अपने अंदर कुछ रहस्यों को समेटे हुए हैं। कई मंदिरों में जहां भक्त अपनी शिकायत और मन्नत लेकर आते हैं। वहीं, राज्य में कुछ ऐसे मंदिर हैं जहां पर केवल दर्शन करने मात्र से ही आपकी सारी मन की मुरादें पुरी हो जाती है। उत्तराखंड की सांस्कृतिक राजधानी अल्मोड़ा में स्थित जागेश्वर मंदिर को पांचवा धाम भी कहा जाता है। इस मंदिर में धन के देवता भगवान कुबेर का भी मंदिर है।
जागेश्वर स्थित ये मंदिर कुबेर देवता का छठा मंदिर है। यहां पर एक मुखी शिवलिंग है, जिस पर भगवान कुबेर विराजमान हैं। मान्यताओं के अनुसार कुबेर देवता स्थित मंदिर में दर्शन करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती है। खासकर वह लोग जो आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं। इस मंदिर में चांदी के सिक्के को पीले वस्त्र में चढ़ाया जाता है। सिक्का चढ़ाने से पहले मंत्र भी पढ़ा जाता है। श्रद्धालु इस मंदिर के गर्भ गृह की मिट्टी ले जाकर अपनी तिजोरी में भी रखते हैं। ऐसा करने से घर में धन की कमी बिल्कुल भी नहीं होती है।
लगाया जाता है खीर का भोग
कुबेर मंदिर में आपकी मन्नत पूरी होने के बाद भगवान को खीर का भोग लगाने की मान्यता है। धनतेरस और दिवाली के मौके पर मंदिर पर विशेष पूजा होती है। इस दौरान मंदिर को भी सजाया जाता है, जिससे यह और भी खूबसूरत लगता है। मंदिर की इतिहास की बात करें तो इसे लेकर दो तरह की मान्यताएं हैं। पहली मान्यता के अनुसार इसका निर्माण नौवीं शताबदी में हुआ था। वहीं, दूसरी मान्यताओं के अनुसार इसका निर्माण सातवीं सदी से 14वीं सदी के बीच कत्यूरी शासकों ने करवाया था।
अल्मोड़ा के जागेश्वर मंदिर आने के लिए आपको दिल्ली से काठगोदाम के लिए ट्रेन लेनी होगी। इसके बाद आपको ड्राइव करके अल्मोड़ा आना होगा। काठगोदाम से अल्मोड़ा की दूरी लगभग 81.9 किमी है। यदि आप फ्लाइट के जरिए आ रहे हैं तो आप पंतनगर हवाई अड्डे तक आ सकते हैं। इसके बाद आपको ड्राइव करके अल्मोड़ा जाना होगा। पंतनगर से अल्मोड़ा की दूरी लगभग 116 किमी है।
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शिवम पांडे author

शिवम् पांडे सिनेमा के आलावा राजनीति, व्यापार और अंतरराष्ट्रीय सम्बन्धों में खास रुचि है। पत्रकारिता में लगभग सात साल का अनुभव रखने वाले शिवम् पांडे बॉ...और देखें

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