Amarnath Yatra 2024: कैसे पड़ा बाबा बर्फानी की गुफा का नाम अमरनाथ, जानिए इसके पीछे की सारी कहानी
Amarnath Yatra 2024: सनातन धर्म में अमरनाथ यात्रा का विशेष महत्व है। अमरनाथ की गुफा में ही बाबा बर्फानी विराजमान होते हैं। आइए जानते हैं इसके पीछे की रोचक कहानी। कैसे पड़ा इस गुफा का नाम अमरनाथ।
Amarnath Yatra 2024
Amarnath Ke Kahani 2024: अमरनाथ की यात्रा हर साल आषाढ़ महीने में शुरू होती है और सावन की पूर्णिमा तक चलती है। इस साल 29 जून से ये यात्रा शुरू हो चुकी है। ये यात्रा 19 अगस्त 2024 तक चलेगी। अमरनाथ की यात्रा में हर साल लाखों की संख्या में भक्त भाग लेते हैं। अमरनाथ की कठिन यात्रा करके अमरनाथ की गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जाते हैं। बाबा बर्फानी के दर्शन करने से साधक को मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस चमत्कारी स्थल के दर्शन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। क्या आप जानते हैं बाबा बर्फानी का नाम अमरनाथ कैसे पड़ा। जानें इसके पीछे की सारी कहानी।
Amarnath Ke Kahani (अमरनाथ की कहानी)पौराणिक कथा के अनुसार एक समय की बात है। जब भगवान शिव ने माता पार्वती को मोक्ष का मार्ग बताया था। उन्होंने पार्वती से कहा था कि एक ऐसा मार्ग से जिसके रास्ते पर चलकर मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है। तब माता पार्वती ने शिव जी से उस मार्ग को जानने की इच्छा प्रकट की। उसके बाद भगवान शिव ने माता पार्वती को अमर कथा सुनाई थी। ये अमर कथा शिव जी ने कैलाश से बहुत दूर अमरनाथ की गुफा में ले जाकर सुनाई थी। जब भगवान शिव माता पार्वती को ये अमर कथा सुना रहे थे तो वहां पर उन दोनों के साथ- साथ दो कबूतर भी मौजूद थे। कथा सुनते- सुनते माता पार्वती सो गई पर दोनों कबूतर के जोड़ें ने ये अमर कथा सुन ली और वो अमर हो गए। अमरकथा का साक्षी होने के कारण इस गुफा का नाम अमरनाथ की गुफा पड़ गया। इस गुफा में आने से पहले भगवान शिव ने अपने पुत्र गणपति को विराजमान कर दिया। गुफा में जानें से पहले उन्होंने अपने वाहन नंदी को भी त्याग दिया था। जहां पर उन्होंने नंदी जी का त्याग किया था उस स्थान को पहलगांव के नाम से जाना जाता है। फिर उन्होंने चंद्रमा और सर्प का भी त्याग कर दिया। जहां उन्होंने गंगा त्याग किया था उस जगह का नाम पंचतरणी के नाम से जाना गया।
अमरनाथ यात्रा का महत्वशास्त्रों में अमरनाथ की यात्रा का खास महत्व बताया गया है। ये स्थान हिमालय की पर्वत शृंखलाओं में स्थित है। इस गुफा को ‘अमरेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। इस गुफा में बर्फ की शिवलिंग खुद ही बन जाती है। बर्फ की शिवलिंग बनने से इस कारण बाबा बर्फानी के नाम से जाना जाता है। इस गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन करने से साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है। अमरनाथ गुफा में स्थित पार्वती का 51 शक्तिपीठ भी है।
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