Pitru Amavasya Daan Items: पितृ पक्ष अमावस्या पर इन चीजों का करें दान, पितरों की आत्मा को मिलेगी शांति

Pitru Amavasya Daan Items 2023: पितृ पक्ष अमावस्या ब्राह्मण को कुर्ता, धोती, गमछा, जूते-चप्पल और पैसों का दान करना चाहिए। मान्यता है इस दिन दान करने से पितरों की आत्मा तृप्त हो जाती है। यहां देखें पितृ अमावस्या दान समान।

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Adhik Maas Amavasya Daan List: अमावस्या पर क्या दान करें

Adhik Maas Amavasya Daan List 2023: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि पर दान करने का विशेष महत्व माना जाता है। मान्यता है इस दिन पितरों के नाम से दान करने से पितृ दोष से मुक्ति मिल जाती है। जिससे घर परिवार में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है। अमावस्या तिथि पितरों का दिन मानी गयी है ऐसे में इस दिन दान-पुण्य के काम जरूर करने चाहिए। अमावस्या पर वस्त्र, अन्न, जूते-चप्पल के अलावा काले तिलों का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। जानिए पितृ अमावस्या की पूजा विधि (Pitru Amavasya Puja Vidhi 2023) और दान (Amavasya Daan)।

पितृ अमावस्या पर क्या दान करना चाहिए (Pitru Amavasya Per Kya Daan Karna Chahiye)

  1. अमावस्या तिथि पर ब्राह्मण को वस्त्र दान करना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन किसी ब्राह्मण को कुर्ता, धोती और गमछा जरूर दान करना चाहिए।
  2. इसी के साथ इस दिन गुड़ और घी का दान भी अत्यंत शुभ फलदायी माना जाता है। कहते हैं इससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  3. अमावस्या पर जरूरतमंदों को जूते या चप्पल का दान करना भी शुभ होता है। मान्यता है इससे घर में खुशहाली बनी रहती है।
  4. इसके साथ ही इस दिन सोने या चांदी का दान भी कर सकते हैं। इससे मानसिक तनाव कम होता है।
  5. अमावस्या पर भूमि दान भी बहुत फलदायी माना जाता है।

अमावस्या के दिन सबसे बड़ा दान क्या है (Pitru Amavasya Daan)

हिंदू धार्मिक मान्यताओं अनुसार अमावस्या के दिन काले तिल का दान सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। कहते हैं अगर कोई व्यक्ति अमावस्या पर काले तिल का दान करता है तो उसे और उसके परिवार वालों पर पितरों की हमेशा कृपा बनी रहती है। इसके साथ ही काले तिल का दान करने से उस व्यक्ति को कई लाभ भी मिलते हैं। इस पवित्र दिन पर काले तिल का दान करने से पितरों की आत्मा तृप्त हो जाती है।

अमावस्या पूजा विधि (Amavasya Puja vidhi)

अमावस्या के दिन पवित्र नदी में या घर में ही नदी के जल से स्नान करना चाहिए। इसके बाद सूर्य और तुलसी को जल चढ़ाएं। फिर दोपहर में पितरों के निमित्त तर्पण और श्राद्ध कर्म करें। इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा भी जरूर करनी चाहिए। पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाकर उसकी परिक्रमा जरूर करें। पितरों के नाम से दान करें। शाम को घर में दक्षिण दिशा में सरसों के तेल का दीपक लगाएं। इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है। अमावस्या तिथि के समापन से पहले तुलसी की माला से 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करें।
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