नई दिल्ली: देवायानी एकादशी का व्रत मंगलवार को है और इसी दिन के साथ चतुर्मांस की शुरुआत भी होने जा रही है। इसके साथ ही शादी कार्यक्रम भी बंद होने जा रहे हैं और अब शादी की शहनाई हिंदू पंचांग के अनुसार नवंबर में ही बजेगी। नवंबर से पहले शादियों के लिए मुहूर्त का समापन हो चुका है। चतुर्मांस की वजह से 5 महीने के लिए शादी जैसे मांगलिक कार्य नहीं होंगे और जो भी शादियां चल रही थीं उनके लिए अंतिम लगन 30 जून मंगलवार को थी।
हमारे सहयोगी नवभारत टाइम्स के अनुसार, हिंदू सनातन धर्म परंपरा और पंचांग का ज्ञान रखने वाले आचार्य विशाल नारायण द्विवेदी ने बताया कि अधिमास की वजह से चतुर्मांस 5 महीने का होने जा रहा है और इस वजह से देवयानी एकादशी के बाद यह 25 नवंबर 2020 तक लागू रहेगा।
चले जाते हैं भगवान विष्णु:
आचार्य विशाल नारायण ने बताया कि एक मान्यता के अनुसार देवताओं के भी ईस्ट देव माने जाने वाले भगवान विष्णु चतुर्मास के दौरान क्षीर सागर चले जाते हैं और वह इस अवधि के दौरान शयन करते हैं। कई अन्य मतों के अनुसार भगवान राजा बलि के द्वार पर चले जाते हैं जिन्हें वामन अवतार के समय उन्होंने वरदान दिया था और पाताल में राजा के साथ वास करने के लिए चले गए थे।
अब कब होंगे विवाह कार्यक्रम:
एक जुलाई से चतुर्मांस की शुरुआत के साथ शुभ कार्य 5 महीने के लिए रुके रहेंगे। 30 जून को विवाह का अंतिम मुहूर्त था जोकि बीत चुका है। पंडित जी के अनुसार 25 नवंबर को देवोत्थान एकादशी होगी और इसके बाद नवंबर और दिसंबर में शादियों के लिए मुहूर्त हैं।
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