Ashadha Amavasya 2024: कब है आषाढ़ महीने की अमावस्या? जानें सही तिथि और शुभ मुहूर्त
Ashadha Amavasya 2024: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। अमावस्या की तिथि गंगा स्नान, दान और पितरों के तर्पण के लिए बहुत ही उत्तम मानी जाती है। आइए जानते हैं आषाढ़ महीने में अमावस्या तिथि कब पड़ेगी और स्नान का शुभ मुहूर्त।
Ashadha Amavasya
Ashadha Amavasya 2024: आषाढ़ का महीना हिंदी नववर्ष का चौथा महीना है। ये महीना भगवान श्री हरि की पूजा के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। आषाढ़ मास में पड़ने वाली अमावस्या को आषाढ़ अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस अमावस्या का अपना ही विशेष महत्व है। अमावस्या तिथि के दिन गंगा स्नान और पूर्वजों का श्राद्ध कर्म करने का विधान है। इस दिन भगवान विष्णु की भी पूजा की जाती है। अमावस्या पर पिंड दान और तर्पण करने से साधक को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनकी दया दृष्टि सदा परिवार पर बनी रहती है। ऐसे में आइए जानें इस साल कब है आषाढ़ अमावस्या और इसका महत्व।
Ashadha Amavasya 2024 Kab Hai (आषाढ़ अमावस्या कब है 2024)हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल आषाढ़ मास की अमावस्या तिथि की शुरुआत 5 जुलाई को प्रात: 04 बजकर 57 मिनट से होगी। वहीं इस तिथि का समापन अगले दिन 6 जुलाई को प्रात: 04 बजकर 26 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार आषाढ़ अमावस्या 5 जुलाई 2024 को मनाई जाएगी।
Ashadha Amavasya 2024 Snan Shubh Muhurat (आषाढ़ अमावस्या स्नान शुभ मुहूर्त 2024)इस साल आषाढ़ अमावस्या 5 जुलाई को पड़ रही है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह के 04:08 से लेकर 4:48 तक रहने वाला है। इस मुहूर्त में स्नान करना सबसे अधिक फलदायी होता है। आषाढ़ अमावस्या के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 58 मिनट से लेकर दोपहर के 12 बजकर 54 मिनट तक रहने वाला है। इस मुहूर्त में पूजा करना और स्नान करना भी शुभ होगा।
Ashadha Amavasya Puja Vidhi (आषाढ़ अमावस्या पूजा विधि)- आषाढ़ अमावस्या के दिन सुबह गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें।
- उसके बाद सूर्य देवता को जल अर्पित करें।
- फिर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करके और विधिवत पूजा करें।
- इसके दिन आप पितरों का तर्पण करें।
- इसके साथ ही पितरों की आत्मा की शांति के लिए ब्रह्मण भोजन और दान करें।
Ashadha Amavasya Importance (आषाढ़ अमावस्या महत्व)हिंदू धर्म शास्त्रों में आषाढ़ अमावस्या को बहुत ही खास माना गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अमावस्या तिथि के दिन भगवाव विष्णु की पूजा करने से साधक को कुंडली में मौजूद सारे ग्रह दोषों से मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ ही आषाढ़ अमावस्या पर पितरों की पूजा करने से और तर्पण करने से व्यक्ति को पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। अमावस्या पर कुछ चीजों का दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। आषाढ़ अमावस्या के दिन पितरों को शांत करने के लिए पितृ सूक्तम का पाठ करना बहुत ही लाभकारी माना जाता है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
बिहार के मधुबनी जिले से की रहने वाली हूं, लेकिन शिक्षा की शुरुआत उत्तर प्रदेश की गजियाबाद जिले से हुई। दिल्ली विश्वविद्यायलय से हिंदी ऑनर्स से ग्रेजुए...और देखें
Ganga Snan 2024 Date: कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान कब है 15 या 16 नवंबर, जानिए सही तारीख और मुहूर्त
Kartik Purnima Puja Vidhi: कार्तिक पूर्णिमा के दिन कैसे करें पूजा, जानिए स्टेप बाय स्टेप पूरी जानकारी
Baikuntha Chaturdashi Puja Vidhi: बैकुंठ चतुर्दशी पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व यहां जानें
Baikunth Chatudashi Ki Katha: भगवान विष्णु और शिव जी से जुड़ी है बैकुंठ चतुर्दशी की पौराणिक कथा
14 November 2024 Panchang: बैकुंठ चतुर्दशी के दिन क्या होगा पूजा का शुभ मुहूर्त, कब से कब तक रहेगा राहुकाल
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited