Ekadashi Vrat June 2023: जून में एकादशी कब है, जानिए देवशयनी एकादशी की पूजा विधि और मुहूर्त

Ekadashi Vrat June 2023, Ashadhi Ekadashi 2023: आषाढ़ महीने में आने वाली एकादशी को ही आषाढ़ी एकादशी (Ashadi Ekadashi) कहते हैं। मान्यता है इस दिन से भगवान विष्णु और सभी देवताओं का शयन काल शुरू हो जाता है इसलिए इसे देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2023) या हरिशयनी एकादशी (Harishayani Ekadashi) कहते हैं। जानिए देवशयनी एकादशी या आषाढ़ी एकादशी की डेट और मुहूर्त।

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Ashadhi Ekadashi 2023 Date And Time, Devshayani Ekadashi Kab Hai

Ekadashi Vrat June 2023, Ashadhi Ekadashi (Devshayani Ekadashi) 2023: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत (Ekadashi Vrat) का खास महत्व माना जाता है। हर महीने में दो एकादशी तिथि पड़ती हैं। आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को आषाढ़ी एकादशी (Ashadhi Ekdashi Kab Hai) कहा जाता है। इसे देवशयनी एकादशी, हरिशयनी एकादशी (Harishayani Ekadashi) और पद्मा एकादशी आदि नामों से भी जाना जाता है। आषाढ़ी एकादशी से ही भगवान विष्णु का शयन काल शुरू हो जाता है। इस दिन से श्रीहरि विष्णु चार महीनों के लिए क्षीरसागर में योग निद्रा के लिए चले जाते हैं और फिर प्रबोधिनी एकादशी (Prabodhini Ekadashi 2023) के दिन जागते हैं। इस अवधि को चातुर्मास (Chaturmas 2023) के नाम से जाना जाता है। जानिए 2023 में देवशयनी एकादशी कब है और क्या है इसका महत्व।

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देवशयनी एकादशी या आषाढ़ी एकादशी कब है 2023 (When is Devshayani Ekadashi or Ashadhi Ekadashi 2023)

आषाढ़ी एकादशी को ही देवशयनी एकादशी कहा जाता है। इस साल ये एकादशी 29 जून, गुरुवार को पड़ रही है। आषाढ़ी एकादशी तिथि की शुरुआत 29 जून को 03:18 AM से होगी और इसकी समाप्ति 30 जून को 02:42 AM पर होगी। एकादशी व्रत का पारण 30 जून शुक्रवार को 01:48 PM से 04:36 PM के बीच कर सकेंगे।

एकादशी व्रत 2023 (Ekadashi Vrat 2023)

एकादशी व्रत 2023 डेटएकादशी व्रत नाम
29 जून 2023, गुरुवारदेवशयनी एकादशी
13 जुलाईकामिका एकादशी
29 जुलाई 2023, शनिवारपद्मिनी एकादशी
12 अगस्तपरम एकादशी
27 अगस्तश्रावण पुत्रदा एकादशी
10 सितंबरअजा एकादशी
25 सितंबरपरिवर्तिनी एकादशी
10 अक्टूबरइन्दिरा एकादशी
25 अक्टूबरपापांकुशा एकादशी
09 नवंबररमा एकादशी
23 नवंबरदेवुत्थान एकादशी
08 दिसंबरउत्पन्ना एकादशी
23 दिसंबरमोक्षदा एकादशी
आषाढ़ी एकादशी कथा (Ashadhi Ekadashi Katha)

सतयुग में मान्धाता नामक चक्रवर्ती सम्राट था। उनके शासनकाल में प्रजा बहुत सुख और आनंद से रहती थी। उस राज्य में एक समय ऐसा आया जब राज्य में लगातार 3 वर्षों तक बारिश नहीं हुई। ये देख राजा और प्रजा व्याकुल हो गई, चारों तरफ त्राहिमाम मच गया। ये देखकर राजा बहुत दुःखी हुए वो समाधान ढूंढने के लिए जंगल की तरफ निकल पड़े। जंगल में भटकते-भटकते वो अंगिरा ऋषि के आश्रम पहुंचे। राजा ने सारी बात ऋषि को बता दी और उन्होंने इस समस्या का समाधान पूछा। जिस पर अंगिरा ऋषि ने कहा कि राज्य में जाकर सच्चे मन और विधि विधान से देवशयनी एकादशी का व्रत रखो इस व्रत के प्रभाव से राज्य में वर्षा जरूर होगी। राजा ने विधि विधान ये व्रत रखा। जिसके प्रभाव से पूरे राज्य में अच्छी बरसात हुई। कहते हैं तभी से इस व्रत का महत्व बढ़ गया।

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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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