Dhoop Benefits: हर शाम करें घर में लोबान और गुग्गुल की धूप, हर परेशानी हो जाएगी दूर
Loban Dhoop Benefits: पूजा-पाठ में धूप जलाने का विशेष महत्व होता है। मंदिर से लेकर घर की पूजा में धूप जलाए जाते हैं। पूजा में लोबान और गुग्गुल धूप जलाने से नकारात्मक ऊर्जा का घर पर प्रवेश नहीं होता है।
घर में करें लोबान और गुग्गुल की धूप स्वच्छ होगा वातावरण
मुख्य बातें
- पूजा में जलाएं गुग्गुल धूप नकारात्मक ऊर्जा होगी दूर
- गुग्गुल धूप में पाए जाते हैं औषधीय गुण
- धार्मिक दृष्टिकोण से शुभ होता है पूजा में धूप जलाना
Loban and Guggul Dhoop Benefits on Puja:हिंदू धर्म में प्रतिदिन हर घर पर पूजा-पाठ किए जाते हैं। पूजा-पाठ में जिस प्रकार दीपक का महत्व होता है। ठीक उसी तरह से पूजा में धूप जलाने की भी परंपरा है। इससे मन को शांति मिलती है, नकारात्मक ऊर्जा दूर जाती है और घर पर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही इससे वातावरण भी शुद्ध होता है। इसलिए पूजा-पाठ धूप का प्रयोग जरूर करें। धूप को कई तरह से जलाया जा सकता है। संध्या पूजन में यदि आप लोबान या गुग्गुल के धूप जलाते हैं तो इससे लाभ होता है। जानते हैं लोबान और गुग्गुल धूप के लाभ के बारे में।संबंधित खबरें
हर शाम घर में जलाएं गुग्गुल के धूपसंबंधित खबरें
गुग्गुल को असरकारक और फायदेमंद औषधि के रूप में जाना जाता है। घर पर इसके नियमित इस्तेमाल से घर शुद्ध होता है। गुग्गुल का इस्तेमाल आमतौर पर इत्र में सुगंध के लिए और औषधीय के लिए किया जाता है। गुग्गुल औषधीय गुणों से इतनी भरपूर है कि इसके सुगंध मात्र से ही सर दर्द और सीने का दर्द दूर हो सकता है। गुग्गुल कि धूप को नियमित तौर पर घर पर जलाने से पारिवारिक क्लेश भी दूर होता है और इससे निकलने वाली मनमोहक सुगंध से शत्रुता का नाश होता है। प्रतिदिन संध्या में गुग्गुल धूप जलाने से घर पर देवी-देवताओं का भी वास होता है। घर के अलावा गुग्गुल धूप को देवालयों और मंदिरों में भी जलाया जाता है।संबंधित खबरें
लोबान के धूप है बेहद लाभकारी संबंधित खबरें
लोबान को कई जगह शलल्की नाम से भी जाना जाता है। आयुर्वेद में लोबान के औषधीय गुणों की चर्चा की गई है। घरों में नियमित तौर पर लोबान का धूप जलाने से मन शांत रहता है और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। घर पर नियमित लोबान का धूप जलाने से सांस और गले से संबंधित रोग भी दूर होते हैं।संबंधित खबरें
डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।संबंधित खबरें
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