Ayodhya: नौतपा के चलते राम लला के भोग और पहनावे में आया बदलाव, फूल बिछाकर हो रही है आरती
Ayodhya: इस समय में उत्तर भारत गर्मी की भयंकर मार को झेल रहा है। सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही नौतपा लग गया है। इसके कारण तापमान 40 डिग्री से भी पार जा चुका है। नौतपा को देखते हुए रामलला के दिनर्चया में भी बदलाव किया गया है।
Ram Lala
Ayodhya: नई पीढ़ी को शायद ही नौतपा के बारे में पता हो , वही नौतपा जिसके कारण श्री राम जन्मभूमि मंदिर में विराजमान बाल राम लला की पूरी दिनचर्या बदल गई है । उनके खान पान से लेकर पहनावे तक में बदलाव कर दिया गया है । इसके पीछे के कारणों को समझने से पहले नौतपा को जानना जरूरी है और यह भी जानना जरूरी है की हर वर्ष में यह 9 दिन सबसे खास क्यों होते है।
नौतपा क्या होता हैहर वर्ष गर्मी के दिनों में 9 दिन की ऐसी अवधि होती है जब तापमान अपने चरम पर होता है । इन 9 दिनों को नौतपा कहा जाता है । नौतपा के इन दिनों में जब भीषण गर्मी से सभी बेहाल हो जाते हैं तो अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर में विराजमान रामलला की आयु तो महज 5 वर्षीय बालक की है , इसलिए उनके भोग के साथ -साथ उनके पहनावे में भी बदलाव किया गया है ।
रामलला के भोग में बदलावरामलला को भोग में शीतल व्यंजन दिए जा रहे हैं और उन्हें सूती वस्त्र पहनाए जा रहे हैं। सुबह पहले दीपों से आरती होती थी, अब चांदी की थाली में चारों तरफ फूल बिछाकर आरती की जा रही है। इसके साथ ही भोग में उन्हें सुबह और शाम दही दिया जाता है। इसके अलावा भोग में फलों का जूस व लस्सी और मौसमी फल भी शामिल किये गए हैं। किसी भी मूर्ति की विधि विधान से प्राण-प्रतिष्ठा होने के बाद माना जाता है कि वह जीवंत हो जाती है । जिस तरह आम मनुष्य मौसम के हिसाब से अपनी व्यवस्था करता है। उसी प्रकार भगवान की सेवा भी मौसम के अनुसार की जाती है।
रामलला को पहनाए जा रहे हैं सूती वस्त्रआचार्य सत्येंद्र दास के अनुसार भगवान की जिम्मेदारी पुजारी की होती है । पुजारी के द्वारा मौसम को ध्यान में रखकर भगवान के भोग राग , वस्त्र , की व्यवस्था की जाती है । इस कारण इस भीषण गर्मी में भगवान राम को सूती वस्त्र पहनाए गए हैं, ताकि उनके ऊपर गर्मी का कोई असर ना पड़े। इसके साथ ही गृभग्रह में कूलर लगाए गए हैं। भोग में दही का भोग लगाया जाता है, जूस का भोग लगाया जाता है। इसके साथ ही उनको ऐसा कोई भी वस्त्र ना पहनाएं जिससे 5 वर्षीय बालक स्वरूपी राम के गर्मी लग सके। इसी प्रकार आरती भी फूलों की हो रही है। जिससे उनको शीतलता प्रदान हो सके। हर दृष्टिकोण से भगवान राम को गर्मी से बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
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