Bada Mangal Vrat Katha, Puja Vidhi: बड़ा मंगल की पूजा विधि, महत्व, इतिहास और कथा यहां जानिए

Bada Mangal Vrat Katha: बड़ा मंगल भगवान हनुमान जी को समर्पित है। कहते हैं जो व्यक्ति इस दिन व्रत रख विधि विधान हनुमान जी (Hanuman ji) की पूजा करता है उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। जानिए बड़ा मंगल और बुढ़वा मंगल की व्रत कथा (Budhwa Mangalwar Vrat Katha) और पूजा विधि।

Bada Mangal Vrat Ktha: बड़ा मंगल व्रत कथा

Bada Mangal 2023: ज्येष्ठ महीने में आने वाले मंगलवार को बड़ा मंगल और बुढ़वा मंगल (Budhwa Mangal 2023) के नाम से जाना जाता है। इस दिन बजरंगबली की पूजा का विशेष महत्व होता है। आज यानि 23 मई को तीसरा बड़ा मंगल है। कहते हैं बड़ा मंगलवार के दिन जो व्यक्ति सच्चे मन से बजरंगबली की भक्ति करता है उसके सारे दुख दूर हो जाते हैं। कई लोग बड़ा मंगल के व्रत भी रखते हैं। तो जानिए कैसे करें इस दिन हनुमान जी की पूजा और क्या है बड़ा मंगल की कथा।

बड़ा मंगल पूजा विधि (Bada Mangal Puja Vidhi)

इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद हनुमानजी की प्रतिमा के समक्ष दीपक जलाएं और उन्हें लाल फूल अर्पित करें। साथ ही हनुमानजी को लाल चंदन का टीका लगाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें। आप चाहें तो इस दिन सुंदरकांड का पाठ भी कर सकते हैं। इसके बाद शाम के समय हनुमान जी को चूरमा या बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं। इसके बाद व्रत का पारण कर लें।

बुढ़वा मंगल व्रत कथा (Bada Mangal Vrat Katha)

पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार बुढ़वा मंगल को मनाने की कथा महाभारत काल और रामायण काल से जुड़ा हुआ है। एक बार महाभारत काल में भीम को अपनी शक्तियों पर बहुत घमंड हो गया था। भीम के इस घमंड को तोड़ने के लिए हनुमानजी ने मंगलवार को बूढ़े बंदर का रूप धारण किया और भीम को हरा दिया। कहते हैं तभी से इस दिन को बुढ़वा मंगल के नाम से मनाया जाने लगा।

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