Baisakhi 2024: बैसाखी क्या होती है? जानिए क्यों और कैसे मनाया जाता है ये पर्व
About Baisakhi Festival In Hindi: इस साल बैसाखी का त्योहार 13 अप्रैल को मनाया जा रहा है। इस पर्व की खास रौनक पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में देखने को मिलती है। यह त्योहार खालसा के गठन का प्रतीक माना जाता है। यहां जानिए बैसाखी पर्व के बारे में सबकुछ।
Baisakhi Festival In Hindi
बैसाखी 2024 तिथि व समय (Baisakhi 2024 Date And Time)
इस साल बैसाखी का त्योहार 13 अप्रैल 2024 रविवार के दिन मनाया जाएगा। पंचांग अनुसार इस दिन सौभाग्य योग का निर्माण हो रहा है। ये योग 27 योगों में सबसे माना जाता है। इस योग में सभी प्रकार के शुभ कार्य किए जा सकते हैं। बैसाखी संक्रांति क्षण: 13 अप्रैल की रात 09 बजकर 15 बजे तक।
बैसाखी पर्व क्यों मनाया जाता है (Baisakhi Festival Significance)
बैसाखी का त्योहार मुख्य रूप से सिख धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाता है। यह त्योहार खालसा के गठन का प्रतीक माना जाता है। कहते हैं गुरु गोविंद सिंह ने 1699 में बैसाखी के दिन ही खालसा की स्थापना की थी। इस दिन उन्होंने सभी जातियों के बीच के भेदभाव समाप्त कर हर एक मनुष्यों को एक समान घोषित किया था। तो वहीं दूसरी तरफ ये त्योहार इसलिए भी मनाया जाता है क्योंकि वैशाख महीने तक रबी की फसलों की कटाई शुरू कर दी जाती है। किसान इस दिन पूरे साल में हुई फसल के लिए ईश्वर का आभार व्यक्त करते हैं और नई फसल से निकले पहले अन्न के दाने को इस दिन भगवान को अर्पित करते हैं।
Baisakhi Photo
कैसे मनाते हैं बैसाखी का पर्व (How To Celebrate Baisakhi Festival)
- इस दिन सूर्योदय से पहले उठे और सभी कार्यों से फ्री होकर स्नान करें और रंग बिरंगे कपड़े पहनकर ईश्वर की पूजा करें।
- इस दिन गुरुद्वारे में गुरु ग्रंथ साहिब जी के स्थान को जल और दूध से शुद्ध किया जाता है।
- इस दिन लंगर का आयोजन भी किया जाता है, जहां हर वर्ग के लोग एक साथ भोजन करते हैं।
- इसके अलावा इस दिन लोग शाम को इकठ्ठा होकर गिद्दा और भांगड़ा भी करते हैं।
- सिख समुदाय के लोग अपने घर में विभिन्न प्रकार के व्यंजन तैयार करता है। इस दिन का मुख्य भोजन मक्की दी रोटी, आलू की सब्जी, पूरी, सब्जी पकोड़े, सरसों का साग, पनीर टिक्का है।
बैसाखी त्योहार किस राज्य में मनाया जाता है (Baisakhi Festival Is Celebrated In Which State)
इस त्योहार को मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। पश्चिम बंगाल में इसे नबा बर्शा या बंगाली नव वर्ष के नाम से भी जाना जाता है।
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