Basant Panchami 2023: वृंदावन का टेढ़े खंभे वाला मंदिर, जिसका एक कमरा खुलता है बस साल में दो बार

Basant Panchami 2023: राजस्थानी, इटालियन और बेल्जियम शैली में बना है वृंदावन का शाहजी मंदिर। मंदिर में प्रवेश द्वार पर बने खंभाें की विशेषता है कि ये सभी टेढ़े हैं। बसंत पंचमी और सावन मास के अंत में त्रयोदशी और चतुर्दशी को ही इस कमरे को भक्तों के लिए खोला जाता है। आप भी पढ़िये कि इस मंदिर के बसंती कमरे की खास बात जिसकी वजह से ये वर्ष में सिर्फ दो बार ही खुलता है।

Basant Panchami 2023_ वृंदावन का टेढ़े खंभे वाला मंदिर, जिसका एक कमरा खुलता है बस साल में दो बार

शाहजी मंदिर का बसंती कमरा

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • 155 वर्ष पुराना है वृंदावन का शाहजी मंदिर
  • बसंत पंचमी और सावन के अंत में खुलता है कमरा
  • बसंती कमरा सजा है बेहद सुंदर झाड़ फानूस से
Basant Panchami 2023: कृष्ण धाम वृंदावन अपने आप में ही विविध रहस्यों और प्राचीन इतिहास से परिपूर्ण है। यहां स्थित हजारों मंदिरों का ही अपना अलग इतिहास है। इन्हीं मंदिरों में से एक मंदिर है शाहजी मंदिर। इस मंदिर की वास्तुशैली जितनी अनूठी है उतना ही रोचक है मंदिर के एक कमरे का इतिहास।
शाहजी मंदिर, वृंदावन का करीब 155 वर्ष पुराना मंदिर है। ठाकुर बांके बिहारी मंदिर से कुछ किमी की दूरी पर ही ये मंदिर स्थित है। इस मंदिर की वास्तुशैली जितना अधिक दूर से ही आकर्षित करती है वहीं अंदर से इस मंदिर की भव्यता और सुंदरता जैसे गोलोक का दर्शन करवाती है। बसंत पंचमी इस मंदिर के लिए विशेष होती है, क्योंकि इस मंदिर में बना बसंती कमरा इस दिन भक्तों के लिए खोला जाता है। ये कमरा अत्याधिक सुंदर झाड़ फानूस से सजा है। बसंत पंचमी पर इस मंदिर की हर वस्तु बसंती रंग में डूबी होती है। बसंती कमरे में साेने− चांदी एवं रत्नों से जड़ित सिंहासन पर ठाकुर राधा रमण लाल जू भक्तों को दर्शन देते हैं। इस वर्ष 26 जनवरी, बसंत पंचमी पर बसंती कमरे को खाेला जाएगा।
शाहजी मंदिर का इतिहास
तीर्थ नगरी वृंदावन में शाहजी मंदिर अपनी असाधारण सुंदरता एवं अनूठी वास्तुकला के लिए विख्यात है। 19 वीं शताब्दी में मंदिर का निर्माण हुआ था। मंदिर का निर्माण 1868 में शाह कुंदन लाल और शाह फुंदन लाल दो भाइयों ने कराया था। मंदिर निर्माण में आठ वर्ष का समय लगा था। मंदिर की वास्तुशैली राजस्थानी, इटालियन औ बेल्जियम कला पर आधारित है। मंदिर की अंदरूनी एवं बाहरी दीवारों पर बहुत ही सुंदर नक्काशी और चित्रकारी हो रही है। मंदिर में 15 फीट ऊंचे टेढ़े खंभे, दरबार हॉल, बेल्जियम ग्लास के झूमर अपनी ओर आकर्षित करते हैं। मंदिर के दाहिने बरामदे में संस्थापकों एवं उनके परिजनों के चित्र फर्श पर बने हुए हैं। गर्भगृह के निचले भाग में पांच फीट ऊंचे 14 पैनल हैं। पैनल पर गोपिकाओं की आकृतियां बनी हैं।
बसंती कमरे की भव्य है सुंदरता
अब बात करते हैं शाहजी मंदिर के बसंती कमरे की। ये कमरा बसंत पंचमी के अलावा सावन की त्रयोदशी एवं चतुर्दशी पर भक्तों के लिए खाेला जाता है। कमरे में हल्के पीले रंग के झूमर लगे हैं, जिनका व्यास 12 फीट है। जब वृंदावन में बिजली नहीं थी तब इनमें मोमबत्तियां जलती थीं। वर्तमान में मोमबत्तियाें की जगह बिजली के बल्वों ने लेली है। कमरे के केंद्र में तीन फव्वारे लगे हैं।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

लेटेस्ट न्यूज

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल author

अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited