Basant Panchami song In Hindi: मां शारदे कहा तू बिना बजा रही है...मां सरस्वती के लोकप्रिय भजन यहां देखें

Saraswati Puja Ka Gana: इस साल बसंत पंचमी यानी सरस्वती पूजा का त्योहार 14 फरवरी को मनाया जायेगा। इस शुभ अवसर पर माता सरस्वती के भजनों की काफी धूम रहती है। इसलिए यहां हम आपके लिए लेकर आए हैं सरस्वती पूजा के भजनों का कलेक्शन।

maa saraswati bhajan

Basant Panchami Bhajan

Saraswati Puja Ka Gana (सरस्वती माता के भजन): भारत में सरस्वती पूजा का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन स्कूलों और कॉलेजो में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन होता है। जिसमें कोई बच्चा मां सरस्वती की वंदना गाता है तो कोई उनके भजनों को गुनगुनाता है। तो कोई माता के श्लोक सुनाता है तो कुछ बच्चे मां सरस्वती के भजनों पर डांस करते हैं। यहां हम आपके लिए लेकर आए हैं बसंत पंचमी के स्पेशल भजन और गीत। जो सरस्वती पूजा त्योहार में चार चांद लगा देंगे।

मां सरस्वती वंदना भजन (Maa Saraswati Vandana Bhajan Lyrics)

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभि र्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥1॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सारपरमामाद्यां
जगद्व्यापिनींवीणापुस्तकधारिणीमभयदां।
जाड्यान्धकारापहाम्‌हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं
पद्मासने संस्थिताम्‌वन्दे तां परमेश्वरीं
भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्‌॥2॥

हे सरस्वती मां ज्ञान की देवी किरपा करो (Hey Saraswati Maa Gyan Ki Devi Kirpa Karo)

हे सरस्वती माँ ज्ञान की देवी किरपा करो
देकर वरदान हे मात मेरा अज्ञान हरो
करुनामई है तू वरदानी कमल तेरे कर साजे है
आनंद मंगल कर देती है जिस घर मात विराजे है,
ज्ञान से तेरे सरस्वती माँ अँध्यारो का नाश हुआ
समृधि आई उस घर माँ जिस घर तेरा वास हुआ
अपनी महिमा से घर मेरा खुशियों से भरो
देकर वरदान हे मात मेरा अज्ञान हरो
सात सुरों की देवी हो तुम सात सुरों में वास तेरा
सरगम से गूंजे ये धरती सरगम से आकाश तेरा
तेरी किरपा से सरस्वती माँ मंगल सब हो जाता है
जिसके कंठ विराजे माता बिगड़ा भग्य बन जाता है
मेरे भी सारे काज मात तूम पूरण करो
देकर वरदान हे मात मेरा अज्ञान हरो
वीणा धारनी विपदा हारनी कितनी पावन हो माता
देव ऋषि तुम्हे नमन करे माँ दर्शन तेरा मन भाता
गुनी जनों की हो हित कारी सब को शरण लगाती हु
जिसकी वाणी में बस जाओ माला माल बनाती हो
हम दीं हीन पे मात मेरी तुम ध्यान धरो
देकर वरदान हे मात मेरा अज्ञान हरो

माता सरस्वती की आरती (Maa Saraswati Aarti)

जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता ।
सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
चन्द्रवदनि पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी ।
सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला ।
शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
देवी शरण जो आए, उनका उद्धार किया ।
पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
विद्या ज्ञान प्रदायिनि, ज्ञान प्रकाश भरो ।
मोह अज्ञान और तिमिर का, जग से नाश करो ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
धूप दीप फल मेवा, माँ स्वीकार करो ।
ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो ॥
॥ जय सरस्वती माता...॥
माँ सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे ।
हितकारी सुखकारी, ज्ञान भक्ति पावे ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ।
सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता ॥

मां शारदे कहां तू, वीणा बजा रही हैं (Maa Sharde Kaha Tu Veena Baja Rahi Hain)

माँ शारदे कहाँ तू, वीणा बजा रही है,
किस मंजु ज्ञान से तू, जग को लुभा रही हैं ॥
किस भाव में भवानी, तू मग्न हो रही है,
विनती नहीं हमारी, क्यों माँ तू सुन रही है । ..x2
हम दीन बाल कब से, विनती सुना रहें हैं,
चरणों में तेरे माता, हम सर झुका रहे हैं,
हम सर झुका रहे हैं ।
मां शारदे कहां तू, वीणा बजा रही हैं,
किस मंजु ज्ञान से तू, जग को लुभा रही हैं ॥
अज्ञान तुम हमारा, माँ शीघ्र दूर कर दो,
द्रुत ज्ञान शुभ्र हम में, माँ शारदे तू भर दे । ..x2
बालक सभी जगत के, सूत मात हैं तुम्हारे,
प्राणों से प्रिय है हम, तेरे पुत्र सब दुलारे,
तेरे पुत्र सब दुलारे ।
मां शारदे कहां तू, वीणा बजा रही हैं,
किस मंजु ज्ञान से तू, जग को लुभा रही हैं ॥
हमको दयामयी तू, ले गोद में पढ़ाओ,
अमृत जगत का हमको, माँ शारदे पिलाओ । ..x2
मातेश्वरी तू सुन ले, सुंदर विनय हमारी,
करके दया तू हर ले, बाधा जगत की सारी,
बाधा जगत की सारी ।
मां शारदे कहां तू, वीणा बजा रही हैं,
किस मंजु ज्ञान से तू, जग को लुभा रही हैं ॥
मां शारदे कहाँ तू, वीणा बजा रही हैं,
किस मंजु ज्ञान से तू, जग को लुभा रही हैं ॥

सरस्वती अमृतवाणी (Saraswati Amritwani)

सुरमय वीणा धारिणी, सरस्वती कला निधान,
पावन आशीष से करदे, जन जन का कल्याण ।
विद्या बोध स्वरूपिणी, मन मोहक तेरा रूप,
हर ले निशा अज्ञान की, ज्ञान की देकर दूप ।
शारदे माँ सुरेस्वारी, कर दुखों का अंत,
ज्योतिर्मय है जगत में, महिमा तेरी अंनत ।
त्रिभुवन में है गूंजता, मधुर तेरा संगीत,
दिव्य आकर्षण है लेता, शत्रु का मन जीत ।
जय सरस्वती माँ, जय हो सरस्वती माँ..
देवी ज्ञान विज्ञान की, कष्ट हरण तेरा जाप,
तेरे उपासक को छुवे, कभी न दुःख संताप ।
कला निधि करुनेस्वरी, करुणा करदे आपार,
कलह कलेश न हो यहाँ, सुखमय हो संसार ।
सात सुरों के स्वामिनी, सातों रंग तेरे पास,
अपने साधक की करना, पूर्ण हर एक आश ।
श्री नारायण की प्रिय, प्रीत की पुस्तक खोल,
पीड़ित पा जाए शांति, वाणी मनोहर बोल ।
जय सरस्वती माँ, जय हो सरस्वती माँ..
बुद्धि और विवेक का, दे सबको उपहार,
सर्व कलाओं से मैया, भरे तेरे भण्डार ।
परम योग स्वरूपिणी, मोडक मन की हर,
सर्व गुणों के रत्नों से, घर साधक का भर ।
कला में दे प्रवीणता, जग में बढ़ा सम्मान,
तेरे अनुग्रह से बनते, अनपढ़ भी विद्वान ।
भगतों के मन पटल पर, अंकित हो तेरा नाम,
हर एक कार्य का मिले, मन बांछित परिणाम ।
जय सरस्वती माँ, जय हो सरस्वती माँ..
तेरी अनुकम्पा से होता, प्रतिभा का विकाश,
ख्याति होती विश्व में, जीवन आता रास ।
हंस के वाहन बैठ के, प्रिये जगत में घूम,
दशों दिशाओं में मची, तेरे नाम की धूम ।
स्मरण शक्ति दे हमें, जग की श्रृजन हार,
तेरे कोष में क्या कमी, तूम हो अपरंपार ।
श्वेत कमल के आसन पर, मैया रही विराज,
तेरी साधना जो करे, सिद्ध करे उनके काज ।

सरस्वती पूजा 2024 (Saraswati Puja 2024)

सरस्वती पूजा का त्योहार इस साल 14 फरवरी 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन सरस्वती पूजा मुहूर्त सुबह 07:01 से 12:35 बजे तक रहेगा। पंचमी तिथि का प्रारंभ 13 फरवरी 2024 की दोपहर 02:41 से होगा और इसकी समाप्ति 14 फरवरी 2024 की दोपहर 12:09 बजे होगी।
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    TNN अध्यात्म डेस्क author

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