जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता...यहां देखें सरस्वती माता की आरती के लिरिक्स
बसंत पंचमी के त्योहार पर मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित करने के बाद उनकी विधि विधान पूजा की जाती है। लेकिन माता की आरती के बिना ये पूजा अधूरी मानी जाती है। इसलिए हम आपके लिए लेकर आए हैं सरस्वती माता की आरती के लिरिक्स।

जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता...यहां देखें सरस्वती माता की आरती के लिरिक्स
मां सरस्वती की पूजा का सबसे बड़ा त्योहार बसंत पंचमी इस साल 2 और 3 फरवरी को मनाया जा रहा है। कहते हैं इस पवित्र दिन पर जो श्रद्धालु सच्चे मन से मां की उपासना करता है उसे जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। पंचांग अनुसार 3 फरवरी को सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह सूर्योदय से लेकर सुबह 11 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। अगर आप बसंत पंचमी पर्व मनाते हैं तो इस दिन पूजा के समय माता सरस्वती की आरती, मंत्रों, श्लोकों और चालीसा का पाठ जरूर करें। इससे माता की असीम कृपा प्राप्त होगी।
Saraswati Chalisa Lyrics
सरस्वती माता की आरती (Saraswati Mata Ki Aarti)
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता ।
सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
चन्द्रवदनि पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी ।
सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला ।
शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
देवी शरण जो आए, उनका उद्धार किया ।
पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
विद्या ज्ञान प्रदायिनि, ज्ञान प्रकाश भरो ।
मोह अज्ञान और तिमिर का, जग से नाश करो ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
धूप दीप फल मेवा, माँ स्वीकार करो ।
ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो ॥
॥ जय सरस्वती माता...॥
माँ सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे ।
हितकारी सुखकारी, ज्ञान भक्ति पावे ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ।
सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता ॥
सरस्वती वंदना लिरिक्स (Saraswati Vandana Lyrics)
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभि र्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥1॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सारपरमामाद्यां
जगद्व्यापिनींवीणापुस्तकधारिणीमभयदां।
जाड्यान्धकारापहाम्हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं
पद्मासने संस्थिताम्वन्दे तां परमेश्वरीं
भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥2॥
बसंत पंचमी की चालीसा, मंत्र, कथा, स्तोत्र, उपाय से जुड़ी जानकारी के लिए बने रहिए हमारे इस लाइव ब्लॉग पर...
Basant Panchami 2025 Puja Muhurat (बसंत पंचमी 2025 पूजा मुहूर्त)
- बसंत पंचमी सरस्वती पूजा मुहूर्त3 फरवरी 2025, सूर्योदय से लेकर सुबह 11 बजकर 45 मिनट तक
- पंचमी तिथि प्रारम्भ2 फरवरी 2025 को 12:45 PM बजे
- पंचमी तिथि समाप्त3 फरवरी 2025 को 11:48 AM बजे
सरस्वती पूजा (Saraswati Puja Date 2026 To 2036)
2026- 23 जनवरी2027- 11 फरवरी
2028- 31 जनवरी
2028- 19 जनवरी
2030- 7 फरवरी
2031- 27 जनवरी
2032- 15 फरवरी
2033- 4 फरवरी
2034- 24 जनवरी
2035- 12 फरवरी
2036- 2 फरवरी
सरस्वती अमृतवाणी I Saraswati Amritwani
सरस्वती आवाहन मंत्र
ॐ वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्।Basant Panchami Song: बसंत पंचमी के गाने
माँ शारदे, माँ शारदे,माँ शारदे, माँ शारदे,
ओ मैया हम तो हैं बालक तेरे माँ,
॥माँ शारदे माँ शारदे...॥
तू है दयालु बड़ी,
माँ वीणा पाणी,
करती दया हो सब पे,
अम्बे भवानी,
हो मैया विद्या का आके,
हमको भी भण्डार दे,
॥माँ शारदे, माँ शारदे...॥
करदो हमारी आज,
माँ पूरी आशा,
कब से है ‘शर्मा’ तेरे,
दर्शन का प्यासा,
ओ मैया दर्शन हमे भी,
आ के माँ एक बार दे,
॥माँ शारदे, माँ शारदे...॥
मांगे न ‘लक्खा’ तुमसे,
दौलत खजाना,
सात स्वरों का मुझको,
अमृत पिलाना,
ओ मैया मेरी ही माता के जैसा,
बस प्यार दे,
॥माँ शारदे, माँ शारदे...॥
माँ शारदे माँ शारदे,
मा शारदे माँ शारदे,
ओ मैया हम तो हैं बालक तेरे माँ,
॥माँ शारदे, माँ शारदे...॥
सरस्वती पुष्पांजलि मंत्र (Saraswati Mata Pushpanjali Mantra)
नमः भद्रकाल्यै नमो नित्यं सरस्वत्यै नमो नमःवेद-वेदांग-वेदान्त-विद्यास्थानेभ्य एव च
एश श चंदना पुष्पा बिलवा पत्रांजलि
ॐ ओयिंग श्री सरस्वत्यै नमः
नमः भद्रकाल्यै नमो नित्यं सरस्वत्यै नमो नमः
वेद-वेदांग-वेदान्त-विद्यास्थानेभ्य एव च
एश श चंदना पुष्पा बिलवा पत्रांजलि
ॐ ओयिंग श्री सरस्वत्यै नमः
नमः भद्रकाल्यै नमो नित्यं सरस्वत्यै नमो नमः
वेद-वेदांग-वेदान्त-विद्यास्थानेभ्य एव च
एश श चंदना पुष्पा बिलवा पत्रांजलि
ॐ ओयिंग श्री सरस्वत्यै नमः
नमः भद्रकाल्यै नमो नित्यं सरस्वत्यै नमो नमः
वेद-वेदांग-वेदान्त-विद्यास्थानेभ्य एव च
एश श चंदना पुष्पा बिलवा पत्रांजलि
ॐ ओयिंग श्री सरस्वत्यै नमः
नमः भद्रकाल्यै नमो नित्यं सरस्वत्यै नमो नमः
वेद-वेदांग-वेदान्त-विद्यास्थानेभ्य एव च
एश श चंदना पुष्पा बिलवा पत्रांजलि
ॐ ओयिंग श्री सरस्वत्यै नमः
हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनी - प्रार्थना (He Hans Vahini Gyan Dayini)
हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनीअम्ब विमल मति दे
अम्ब विमल मति दे
हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनी
अम्ब विमल मति दे
अम्ब विमल मति दे
जग सिरमौर बनाएँ भारत
वह बल विक्रम दे
वह बल विक्रम दे
हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनी
अम्ब विमल मति दे
अम्ब विमल मति दे
साहस शील हृदय में भर दे
जीवन त्याग-तपोमय कर दे
साहस शील हृदय में भर दे
जीवन त्याग-तपोमय कर दे
संयम सत्य स्नेह का वर दे
स्वाभिमान भर दे
संयम सत्य स्नेह का वर दे
स्वाभिमान भर दे।
हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनी
अम्ब विमल मति दे
अम्ब विमल मति दे
लव-कुश ध्रुव प्रहलाद बनें हम
मानवता का त्रास हरें हम
लव-कुश ध्रुव प्रहलाद बनें हम
मानवता का त्रास हरें हम
सीता सावित्री दुर्गा मां
फिर घर-घर भर दे
सीता सावित्री दुर्गा मां
फिर घर-घर भर दे।
हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनी
अम्ब विमल मति दे
अम्ब विमल मति दे
अम्ब विमल मति दे
Saraswati Mata Aarti Image: सरस्वती माता की आरती इमेज

Saraswati Chalisa Lyrics In Hindi: सरस्वती चालीसा लिरिक्स
॥ दोहा ॥जनक जननि पद कमल रज,निज मस्तक पर धारि।
बन्दौं मातु सरस्वती,बुद्धि बल दे दातारि॥
पूर्ण जगत में व्याप्त तव,महिमा अमित अनंतु।
रामसागर के पाप को,मातु तुही अब हन्तु॥
॥ चौपाई ॥
जय श्री सकल बुद्धि बलरासी।जय सर्वज्ञ अमर अविनासी॥
जय जय जय वीणाकर धारी।करती सदा सुहंस सवारी॥
रूप चतुर्भुजधारी माता।सकल विश्व अन्दर विख्याता॥
जग में पाप बुद्धि जब होती।जबहि धर्म की फीकी ज्योती॥
तबहि मातु ले निज अवतारा।पाप हीन करती महि तारा॥
बाल्मीकि जी थे बहम ज्ञानी।तव प्रसाद जानै संसारा॥
रामायण जो रचे बनाई।आदि कवी की पदवी पाई॥
कालिदास जो भये विख्याता।तेरी कृपा दृष्टि से माता॥
तुलसी सूर आदि विद्धाना।भये और जो ज्ञानी नाना॥
तिन्हहिं न और रहेउ अवलम्बा।केवल कृपा आपकी अम्बा॥
करहु कृपा सोइ मातु भवानी।दुखित दीन निज दासहि जानी॥
पुत्र करै अपराध बहूता।तेहि न धरइ चित सुन्दर माता॥
राखु लाज जननी अब मेरी।विनय करूं बहु भाँति घनेरी॥
मैं अनाथ तेरी अवलंबा।कृपा करउ जय जय जगदंबा॥
मधु कैटभ जो अति बलवाना।बाहुयुद्ध विष्णू ते ठाना॥
समर हजार पांच में घोरा।फिर भी मुख उनसे नहिं मोरा॥
मातु सहाय भई तेहि काला।बुद्धि विपरीत करी खलहाला॥
तेहि ते मृत्यु भई खल केरी।पुरवहु मातु मनोरथ मेरी॥
चंड मुण्ड जो थे विख्याता।छण महुं संहारेउ तेहि माता॥
रक्तबीज से समरथ पापी।सुर-मुनि हृदय धरा सब कांपी॥
काटेउ सिर जिम कदली खम्बा।बार बार बिनवउं जगदंबा॥
जग प्रसिद्ध जो शुंभ निशुंभा।छिन में बधे ताहि तू अम्बा॥
भरत-मातु बुधि फेरेउ जाई।रामचन्द्र बनवास कराई॥
एहि विधि रावन वध तुम कीन्हा।सुर नर मुनि सब कहुं सुख दीन्हा॥
को समरथ तव यश गुन गाना।निगम अनादि अनंत बखाना॥
विष्णु रूद्र अज सकहिं न मारी।जिनकी हो तुम रक्षाकारी॥
रक्त दन्तिका और शताक्षी।नाम अपार है दानव भक्षी॥
दुर्गम काज धरा पर कीन्हा।दुर्गा नाम सकल जग लीन्हा॥
दुर्ग आदि हरनी तू माता।कृपा करहु जब जब सुखदाता॥
नृप कोपित जो मारन चाहै।कानन में घेरे मृग नाहै॥
सागर मध्य पोत के भंगे।अति तूफान नहिं कोऊ संगे॥
भूत प्रेत बाधा या दुःख में।हो दरिद्र अथवा संकट में॥
नाम जपे मंगल सब होई।संशय इसमें करइ न कोई॥
पुत्रहीन जो आतुर भाई।सबै छांड़ि पूजें एहि माई॥
करै पाठ नित यह चालीसा।होय पुत्र सुन्दर गुण ईसा॥
धूपादिक नैवेद्य चढावै।संकट रहित अवश्य हो जावै॥
भक्ति मातु की करै हमेशा।निकट न आवै ताहि कलेशा॥
बंदी पाठ करें शत बारा।बंदी पाश दूर हो सारा॥
करहु कृपा भवमुक्ति भवानी।मो कहं दास सदा निज जानी॥
॥ दोहा ॥
माता सूरज कान्ति तव,अंधकार मम रूप।
डूबन ते रक्षा करहु,परूं न मैं भव-कूप॥
बल बुद्धि विद्या देहुं मोहि,सुनहु सरस्वति मातु।
अधम रामसागरहिं तुम,आश्रय देउ पुनातु॥
Saraswati Vandana: सरस्वती वंदना
Saraswati Mata Shlok: सरस्वती माता के श्लोक
वीणाधरे विपुलमङ्गलदानशीले भक्तार्तिनाशिनि विरिञ्चिहरीशवन्द्ये। कीर्तिप्रदेऽखिलमनोरथदे महार्हे विद्याप्रदायिनि सरस्वतिनौमि नित्यम्।।Basant Panchami 2025 Puja Muhurat (बसंत पंचमी 2025 पूजा मुहूर्त)
3 फरवरी को बसंत पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त सूर्योदय से लेकर सुबह 11 बजकर 45 मिनट तक रहेगा।सरस्वती माता की आरती से पहले करें गणेश जी की आरती
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
भगवान गणेश की जय, पार्वती के लल्ला की जय
Maa Saraswati Aarti Video: मां सरस्वती की आरती
Saraswati Mata Ki Photo: सरस्वती माता की फोटो

बसंत पंचमी पर देवी सरस्वती की इस मंत्र से करें वंदना
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥1॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं।
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्॥
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्।
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥2॥
Basant Panchami Puja Vidhi At Home (बसंत पंचमी पूजन विधि)
- बसंत पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर पीले वस्त्र धारण करें।
- फिर पूजा स्थल पर एक चौकी रखकर पीला वस्त्र बिछाएं और उस पर माता सरस्वती का चित्र या प्रतिमा रखें।
- इसके बाद कलश, भगवान गणेश और नवग्रह का पूजन कर मां सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा करें।
- फिर माता के मंत्र और श्लोकों का जाप करें।
- इस दिन सरस्वती चालीसा और सरस्वती वंदना पढ़ना बेहद शुभ माना जाता है।
- माता को पीले मिष्ठान का भोग जरूर लगाएं।
- इसके बाद आरती करके प्रसाद सभी में बांट दें।
Basant Puja Mantra: बसंत पंचमी पूजा मंत्र
सरस्वती नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणी,विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु में सदा।
बसंत पंचमी पर होता है अबूझ मुहूर्त
हिंदू धर्म में शुभ एवं मांगलिक कार्यों के लिए मुहूर्त को महत्वपूर्ण माना जाता है इसलिए कोई भी शुभ कार्य करने से पहले मुहूर्त देखा जाता है। इसी क्रम में, सनातन धर्म में ढाई अबूझ मुहूर्त के बारे में बताया गया है जिनमें बसंत पंचमी का दिन भी शामिल होता है। बसंत पंचमी पर एक विशेष मुहूर्त होता है और इस तिथि पर किसी भी शुभ कार्य को बिना मुहूर्त के संपन्न किया जा सकता है क्योंकि इस दिन ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति अनुकूल होती है।Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी पर दो शुभ योगों का हुआ निर्माण
बसंत पंचमी 2025 बेहद ख़ास होने वाला है क्योंकि इस दिन एक नहीं अनेक शुभ योगों का निर्माण हो रहा है जिसमें शिव योग, सिद्ध योग और बुधादित्य जैसे योग शामिल हैं। बता दें कि शिव योग और सिद्ध योग को बेहद शुभ माना जाता है।सरस्वती माता की स्तुति
'या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृताया वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥'
इसका अर्थ है: जो कुंद के फूल, चंद्रमा और बर्फ के हार के समान श्वेत हैं, जो श्वेत वस्त्र पहनती हैं, जो हाथों में वीणा धारण किए हैं और श्वेत कमलों के आसन पर विराजमान हैं, ब्रह्मा, विष्णु, महेश आदि देवता जिनकी सदा स्तुति करते हैं, जो हर प्रकार की जड़ता हर लेती हैं, वह सरस्वती हम सबों का उद्धार करें.
Basant Panchami Vrat Paran Time (बसंत पंचमी व्रत पारण टाइम)
हिंदू पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी की पंचमी तिथि की शुरुआत 2 फरवरी, रविवार को सुबह 9 बजकर 14 मिनट पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन 3 फरवरी, सोमवार को सुबह 6 बजकर 52 मिनट पर होगा। बसंत पंचमी पर माता सरस्वती की पूजा का मुहूर्त 2 फरवरी, रविवार को सुबह 7 बजकर 09 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। ऐसे में जो लोग बसंत पंचमी का व्रत रख रहे हैं वो 3 फरवरी, सोमवार को इसका पारण करेंगे।Basant Panchami Rituals (बसंत पंचमी की परंपराएं)
बसंत पंचमी के दिन पूजा के स्थान पर वाद्य यंत्र और किताबों को रखें। इस दिन बच्चों को पूजा स्थल पर बैठाकर माता सरस्वती के किसी न किसी मंत्र का जाप जरूर कराएं। इस दिन देवी सरस्वती को गुलाब अर्पित जरूर करना चाहिए और इसके अलावा गुलाल से एक-दूसरे को टीका जरूर लगाना चाहिए।Basant Panchami Saraswati Puja Samagri List In Hindi (बसंत पंचमी सरस्वती पूजा सामग्री)
- पीले रंग के फूल
- लकड़ी की चौकी
- पीले रंग के फूलों की माला
- पीले रंग का कपड़ा बिछाने के लिए
- पके हुए केले की फली का पिष्टक
- गाय का घी
- भोग के लिए मालपुआ
- दूध से बनी बर्फी
- एक कलश
- पीले रंग की साड़ी और चुनरी
- खोया का श्वेत मिष्ठान
- अक्षत
- पीले वस्त्र
- सफेद तिल के लड्डू
- रोली
- सिंदूर
- आम के पत्ते
- कुमकुम
- इत्र
- धूपबत्ती
- हल्दी
Saraswati Mata Ki Aarti: मां सरस्वती की आरती
जय सरस्वती माता,मैया जय सरस्वती माता ।
सदगुण वैभव शालिनी,
त्रिभुवन विख्याता ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
चन्द्रवदनि पद्मासिनि,
द्युति मंगलकारी ।
सोहे शुभ हंस सवारी,
अतुल तेजधारी ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
बाएं कर में वीणा,
दाएं कर माला ।
शीश मुकुट मणि सोहे,
गल मोतियन माला ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
देवी शरण जो आए,
उनका उद्धार किया ।
पैठी मंथरा दासी,
रावण संहार किया ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
विद्या ज्ञान प्रदायिनि,
ज्ञान प्रकाश भरो ।
मोह अज्ञान और तिमिर का,
जग से नाश करो ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
धूप दीप फल मेवा,
माँ स्वीकार करो ।
ज्ञानचक्षु दे माता,
जग निस्तार करो ॥
॥ जय सरस्वती माता...॥
माँ सरस्वती की आरती,
जो कोई जन गावे ।
हितकारी सुखकारी,
ज्ञान भक्ति पावे ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
जय सरस्वती माता,
जय जय सरस्वती माता ।
सदगुण वैभव शालिनी,
त्रिभुवन विख्याता ॥
बसंत पंचमी पर पीले रंग का क्या है महत्व? (Yellow Color Significance On Basant Panchami 2025)
बसंत पंचमी के दिन पीले रंग के कपड़े पहनना बेहद शुभ माना गया है। लेकिन पीले रंग और बसंत पंचमी का क्या संबंध है? इस बारे में कम ही लोग जानते हैं। तो आपको बता दें पीला रंग हिंदू धर्म में बहुत ही शुभ माना गया है। इसके अलावा ये रंग माता सरस्वती का भी प्रिय होता है। इसलिए ही सरस्वती माता को पीली चीजों का भोग लगाना शुभ माना जाता है। इसके अलावा लोग बसंत ऋतु का स्वागत करने के लिए भी बसंत पंचमी के दिन पीले वस्त्र पहनते हैं। यह रंग बसंत ऋतु की सुंदरता और ताजगी का प्रतीक है। पीला रंग समृद्धि का भी सूचक माना गया है।Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी पर केसर हलवा कैसे बनाएं
केसर हलवा बसंत पंचमी के दिन बनाया जाने वाला काफी लोकप्रिय व्यंजन है। भारतीय घरों में मीठे में हलवा बनाना और खाना काफी पसंद किया जाता है। केसर हलवा सूजी, घी और गुड़ से तैयार किया जाता है। इसे काजू किशमिश जैसे सूखे मेवों से सजाकर पेश किया जाता है।मां सरस्वती के मंत्र (Maa Saraswati Ke Mantra)
1. ‘ॐ शारदा माता ईश्वरी मैं नित सुमरि तोय हाथ जोड़ अरजी करूं विद्या वर दे मोय।’2. सरस्वती गायत्री मंत्र : ‘ॐ वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्।’
3. नमस्ते शारदे देवी, काश्मीरपुर वासिनी,
त्वामहं प्रार्थये नित्यं, विद्या दानं च देहि में,
कंबू कंठी सुताम्रोष्ठी सर्वाभरणंभूषिता,
महासरस्वती देवी, जिव्हाग्रे सन्नी विश्यताम् ।।
शारदायै नमस्तुभ्यं , मम ह्रदय प्रवेशिनी,
परीक्षायां समुत्तीर्णं, सर्व विषय नाम यथा।।
4. सरस्वती ध्यान मंत्र
ॐ सरस्वती मया दृष्ट्वा, वीणा पुस्तक धारणीम् ।
हंस वाहिनी समायुक्ता मां विद्या दान करोतु में ॐ ।।
5. सरस्वती बीज मंत्र- ॐ ऎं सरस्वत्यै ऎं नमः
6. सरस्वती मंत्र बिद्यार्थियों के लिए-
सरस्वति नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि ।
विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा ॥
6. महासरस्वती मंत्र
ॐ ऐं महासरस्वत्यै नमः |
7. सरस्वती मंत्र बुद्धि वृद्धि के लिए
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वाग्देव्यै सरस्वत्यै नमः ।
8. सरस्वती मंत्र धन और बुद्धि के लिए
ॐ अर्हं मुख कमल वासिनी पापात्म क्षयम् कारी वद वद वाग्वादिनी सरस्वती ऐं ह्रीं नमः स्वाहा।
9. ज्ञान बढ़ाने के लिए सरस्वती मंत्र
सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने ।
विद्यारूपे विशालाक्षि विद्यां देहि नमोस्तुते ॥
10. सरस्वती पुराणोक्ता मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु विद्या-रूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
बसंत पंचमी पर नॉनवेज खा सकते हैं या नहीं (Basant Panchami Par Non Veg Kha Sakte Hai Ya Nahi)
बसंत पंचमी एक बेहद ही पवित्र और महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है इसलिए इस दिन भूलकर भी नॉनवेज का सेवन नहीं करना चाहिए।हे सरस्वती माँ ज्ञान की देवी किरपा करो (Hey Saraswati Maa Gyan Ki Devi Kirpa Karo)
हे सरस्वती माँ ज्ञान की देवी किरपा करोदेकर वरदान हे मात मेरा अज्ञान हरो
करुनामई है तू वरदानी कमल तेरे कर साजे है
आनंद मंगल कर देती है जिस घर मात विराजे है,
ज्ञान से तेरे सरस्वती माँ अँध्यारो का नाश हुआ
समृधि आई उस घर माँ जिस घर तेरा वास हुआ
अपनी महिमा से घर मेरा खुशियों से भरो
देकर वरदान हे मात मेरा अज्ञान हरो
सात सुरों की देवी हो तुम सात सुरों में वास तेरा
सरगम से गूंजे ये धरती सरगम से आकाश तेरा
तेरी किरपा से सरस्वती माँ मंगल सब हो जाता है
जिसके कंठ विराजे माता बिगड़ा भग्य बन जाता है
मेरे भी सारे काज मात तूम पूरण करो
देकर वरदान हे मात मेरा अज्ञान हरो
वीणा धारनी विपदा हारनी कितनी पावन हो माता
देव ऋषि तुम्हे नमन करे माँ दर्शन तेरा मन भाता
गुनी जनों की हो हित कारी सब को शरण लगाती हु
जिसकी वाणी में बस जाओ माला माल बनाती हो
हम दीं हीन पे मात मेरी तुम ध्यान धरो
देकर वरदान हे मात मेरा अज्ञान हरो
Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी पर इस मंत्र का जरूर करें जाप

Saraswati Vandana: सरस्वती वंदना
Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी पर कौन से शुभ कार्य कर सकते हैं?
बसंत पंचमी पर आप गृह प्रवेश, शाही, नया व्यापार शुरू करने समेत कई शुभ कार्य कर सकते हैं।बसंत पंचमी के दिन क्या करते हैं, कैसे मनाते हैं ये पर्व
बसंत पंचमी के दिन श्रद्धालु गंगा नदी या किसी भी अन्य पवित्र नदी में डुबकी लगाते हैं और इसके बाद मां सरस्वती की पूजा अर्चना करते हैं।श्री गणेश आरती (Shri Ganesh Aarti)
जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
'सूर' श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
Saraswati Mata Bhajan: सरस्वती माता के भजन
हे सरस्वती माँ ज्ञान की देवी किरपा करोदेकर वरदान हे मात मेरा अज्ञान हरो
करुनामई है तू वरदानी कमल तेरे कर साजे है
आनंद मंगल कर देती है जिस घर मात विराजे है,
ज्ञान से तेरे सरस्वती माँ अँध्यारो का नाश हुआ
समृधि आई उस घर माँ जिस घर तेरा वास हुआ
अपनी महिमा से घर मेरा खुशियों से भरो
देकर वरदान हे मात मेरा अज्ञान हरो
सात सुरों की देवी हो तुम सात सुरों में वास तेरा
सरगम से गूंजे ये धरती सरगम से आकाश तेरा
तेरी किरपा से सरस्वती माँ मंगल सब हो जाता है
जिसके कंठ विराजे माता बिगड़ा भग्य बन जाता है
मेरे भी सारे काज मात तूम पूरण करो
देकर वरदान हे मात मेरा अज्ञान हरो
वीणा धारनी विपदा हारनी कितनी पावन हो माता
देव ऋषि तुम्हे नमन करे माँ दर्शन तेरा मन भाता
गुनी जनों की हो हित कारी सब को शरण लगाती हु
जिसकी वाणी में बस जाओ माला माल बनाती हो
हम दीं हीन पे मात मेरी तुम ध्यान धरो
देकर वरदान हे मात मेरा अज्ञान हरो
Maa Sharde Kaha Tu Veena Baja Rahi Hain: माँ शारदे कहाँ तू, वीणा बजा रही हैं
सरस्वती नमस्तुभ्यं, वरदे कामरूपिणी,विद्यारम्भं करिष्यामि, सिद्धिर्भवतु मे सदा
माँ शारदे कहाँ तू,
वीणा बजा रही हैं,
किस मंजु ज्ञान से तू,
जग को लुभा रही हैं ॥
किस भाव में भवानी,
तू मग्न हो रही है,
विनती नहीं हमारी,
क्यों माँ तू सुन रही है । ..x2
हम दीन बाल कब से,
विनती सुना रहें हैं,
चरणों में तेरे माता,
हम सर झुका रहे हैं,
हम सर झुका रहे हैं ।
माँ शारदे कहाँ तू,
वीणा बजा रही हैं,
किस मंजु ज्ञान से तू,
जग को लुभा रही हैं ॥
अज्ञान तुम हमारा,
माँ शीघ्र दूर कर दो,
द्रुत ज्ञान शुभ्र हम में,
माँ शारदे तू भर दे । ..x2
बालक सभी जगत के,
सूत मात हैं तुम्हारे,
प्राणों से प्रिय है हम,
तेरे पुत्र सब दुलारे,
तेरे पुत्र सब दुलारे ।
माँ शारदे कहाँ तू,
वीणा बजा रही हैं,
किस मंजु ज्ञान से तू,
जग को लुभा रही हैं ॥
हमको दयामयी तू,
ले गोद में पढ़ाओ,
अमृत जगत का हमको,
माँ शारदे पिलाओ । ..x2
मातेश्वरी तू सुन ले,
सुंदर विनय हमारी,
करके दया तू हर ले,
बाधा जगत की सारी,
बाधा जगत की सारी ।
माँ शारदे कहाँ तू,
वीणा बजा रही हैं,
किस मंजु ज्ञान से तू,
जग को लुभा रही हैं ॥
माँ शारदे कहाँ तू,
वीणा बजा रही हैं,
किस मंजु ज्ञान से तू,
जग को लुभा रही हैं ॥
Basant Panchami Color: बसंत पंचमी के दिन किस रंग के कपड़े पहनने चाहिए
बसंत पंचमी के दिन पीले रंग के कपड़े पहनने चाहिए। कहते हैं इससे माता सरस्वती शीघ्र ही प्रसन्न हो जाती हैं।Mahishasura Mardini Stotram - Aigiri Nandini
महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् - अयि गिरिनन्दिनिबसंत पंचमी के दिन क्या करते हैं, कैसे मनाते हैं ये पर्व
बसंत पंचमी के दिन श्रद्धालु गंगा नदी या किसी भी अन्य पवित्र नदी में डुबकी लगाते हैं और इसके बाद मां सरस्वती की पूजा अर्चना करते हैं।

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