काम के तनाव से बचाता है भगवद् गीता का जाप, विवेक से उठाएं हर कदम: पुण्डरीक महाराज

जीवन की तमाम परेशानियों का सार श्री कृष्ण के उपदेशों में छिपा है जो भी भगवद् गीता के रूप में हमारे पास है। जब कभी कठिन फैसला करना हो तो इसमें अपने विवेक की मदद लेनी चाहिए।

Bhagwad Gita Path: भगवान श्री कृष्ण ने भगवद् गीता में जीवन और इसमें आने वाले कठिनाइयों को सुलझाने का सार भगवद् गीता में बताया है। गीता का हर अध्याय जीवन के प्रति हमारा दृष्टिकोण स्पष्ट करता है और बताता है कि कठिन परिस्थितियों में फंसने पर हमें हमेशा अपने विवेक से काम करना चाहिए। जीवन में जब कभी भी मन और विवेक में द्वन्द हो तो विवेक को आगे रखें, यही सफलता का सूत्र है।

पुण्डरीक महाराज गोस्वामी महाराज कहते हैं कि गीता में बताया गया है कि जगत परिवर्तनशील है यह जैसा है इसे वैसा स्वीकार करें इसके लिए हमें अपने विवेक को समर्थवान बनाने की जरूरत है. इसके अलावा, कर्म की शक्ति को भी पहचानना होगा। आपके द्वारा किया गया कर्म अगर आपकी अध्यात्मिक उन्नति के लिए है और कर्तापन से रहित है तो वह कर्म यज्ञस्वरूप है जोकि श्रेष्ठ कर्म है।

यहां जानें भगवद् गीता का कुछ ज्ञान जो हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में बहुत काम आएगा :

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