Bhadrapada 2023: कब से शुरू हो रहा भाद्रपद मास ? जानें इसका महत्व
Bhadrapada 2023: सावन का पवित्र महीना जल्द ही खत्म होने वाला है। इस महीने के समाप्त होते ही भाद्रपद महीने की शुरुआत हो जाएगी। सनातन धर्म में इस महीने का विशेष महत्व होता है। कब से शुरू हो रहा भाद्रपद मास। भादो का महीना क्यों महत्वपूर्ण है। भादव महीने का नियम। यहां जानें सारी जानकारी।
Bhadrapada 2023
Bhadrapada 2023 Date : सनातन धर्म में हर एक महीने का खास महत्व होता है। सावन का महीना जल्द ही समाप्त होने वाला है। सावन पूर्णिमा के बाद भाद्रपद महीने की शुरुआत हो जाएगी। इस बार अधिकमास के कारण सावन पूरे 2 महीने का रहा। 31 अगस्त 2023 को सावन का महीना खत्म हो जाएगा और भादव मास का आरंभ हो जाएगा। शास्त्रों में भाद्रपद महीने को बहुत ही खास मना गया है। इस महीने में जगत के पालनहार भगवान विष्णु ने अपना आठवां अवतार भगवान कृष्ण के रूप में धरती पर जन्म लिया। भगवान के जन्म लेने के कारण वैष्णव संप्रदाय के लोगों के लिए ये महीना और भी ज्यादा खास हो जाता है। इस बार भादो का महीना Bhadrapad 2023 kab hai 1 सितंबर 2023, शुक्रवार से शुरू हो जाएगा। इस महीने में अनेक व्रत त्योहार पड़ते हैं। श्री कृष्ण जन्म से लेकर गणेश जन्म तक का उत्सव भाद्रपद महीने में ही मनाया जाता है।
कब तक रहेगा भादो का महीनाहिंदू पंचाग के अनुसार भादव साल का छठा महीना होता है। शास्त्रों में इस महीने का उत्तम फल देने वाला महीना माना गया है। भाद्रपद महीने को भादव या भादो के नाम से भी जाना जाता है। इस बार इस महीने की शुरुआत 1 सितंबर 2023 शुक्रवार के दिन से होगी । इस बार इस महीने का समापन 29 सितंबर को होगा। अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से भाद्रपद का महीना और सितंबर के बीच पड़ता है। ये महीना श्री कृष्ण और गणेश भक्तों के लिए शुभ फल देने वाला होता है। इसी महीने में श्री कृष्ण जन्माष्टमी और गणेश चतुर्थी जैसे त्योहार मनाये जाते हैं।
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भाद्रपद महीने का महत्वशास्त्र में भाद्रपद महीने का बहुत महत्व बताया गया है। ये पूजा- पाठ के लिए उत्तम होता है। इस महीने में श्री कृष्ण की भक्ति करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। जो भी साधक इस महीने में श्री कृष्ण की सच्चे मन से भक्ति करता है उसकी सारी मनोकामना पूरी होती है। इस महीने में पवित्र नदियों में स्नान या गंगा नदी में स्नान का अत्यधिक महत्व है। इस महीने में दान पुण्य करने से भी साधक को शुभ फल प्राप्त होता है। भाद्रपद महीने में भगवान कृष्ण को हर रोज तुलसी दल और माखन का भोग लगाएं। ऐसा करना बेहद ही शुभ माना जाता है।
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