Bhai Dooj 2022 Date, Puja Muhurat: शाम के समय जलाएं दक्षिणमुखी दीपक, होगा चमत्कार
मान्यता है कि, इस दिन बहन के घर जाकर तिलक करवाने व भोजन आदि करने से जीवन में आने वाली सभी विपदाओं का अंत होता है। वहीं इस दिन यमदेव की पूजा का भी विधान है। मान्यता है कि यमद्वितीया के दिन मृत्यु के देवता यमदेव की विधिवत पूजा अर्चना करने से आकस्मिक निधन व अकाल मृत्यु का भय खत्म होता है।
पुराणो में वर्णित कथा के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यमदेवता अपनी बहन यमुना के घर गए थे। यमुना ने यमदेव को तिलक आदि कर उनका स्वागत किया था। इस दिन से प्रत्येक वर्ष भाईदूज मनाया जाता है। इसे भाई टीका, यमद्वितीया और भातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। इस बार लोग यम द्वितीया की तिथि को लेकर असमंज में हैं। ऐसे में टाइम्स नाउ नवभारत के इस ब्लॉग में हम आपको भाईदूज की सही तारीख, शुभ मुहूर्त, तिलक का मुहूर्त, पूजन विधि व पौराणिक कथाओं से लेकर संपूर्ण जानकारी देंगे। इसके लिए आप हमारे इस ब्लॉग से जुड़े रहें।
Bhai Dooj 2022 - यमदेव की पूजा करना ना भूलें
इस बार भैयादूज का पर्व 26 और 27 दो दिन मनाया गया है। बता दें इस बार उदयातिथि होने के कारण आज यानी 27 अक्टूबर को भाईदूज का पर्व मनाना सबसे उत्तम है। ध्यान रहे भाई का टीका आदि करने के बाद, शाम के समय यमदेव की पूजा अर्चना करना ना भूलें।Bhai Dooj 2022 - दीर्घायु की होती है प्राप्ति
भाईदूज के दिन भाई को टीका लगाने से पहले आरती जरूर करें। इसके बाद मृत्यु के देवता यमराज की पूजा करें। कहा जाता है कि, इस दिन यमराज स्वंय अपनी बहन छाया से मिलने उसके घर गए थे। मान्यता है कि, यदि बहन विवाहित हो तो उसके घर जाकर तिलक करवाने व भोजन करने से दीर्घायु की प्राप्ति होती है।Bhai Dooj 2022 - दक्षिणमुखी दीपक जलाएं
भाईदूज के दिन दक्षिणमुखी दीपक जलाना काफी शुभ माना जाता है। मान्यता है कि, इस दिन दक्षिणमुखी दीपक जलाने से भाई व बहन की समस्त परेशानियां खत्म होती है। संभव हो तो तिल के तेल या सरसो के तेल का दीप जलाएं।Bhai Dooj 2022 - कमल के फूल की पूजा
बता दें भाईदूज के दिन कमल के फूल की पूजा करना शुभ माना जाता है। इस दिन पूजा करते समय अपनी सामाग्री में कमल के फूल को अवश्य शामिल करें। वहीं इस दिन कमल के फूल को उपहार स्वरूप भी देना शुभ होता है।Bhai Dooj 2022 - तिलक के बाद यमदेव की पूजा
सनातन धर्म में भाईदूज के पावन पर्व का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से यमदेव की पूजा अर्चना करने से दीर्घायु की प्राप्ति होती है तथा सभी कष्टों का निवारण होता है। ऐसे में इस दिन भाई के तिलक व आरती के बाद यमदेव की पूजा अर्चना करना ना भूलें।Bhai Dooj 2022 - तिलक व पूजन शुभ मुहूर्त
ज्योतिषशास्त्रों के अनुसार भाईदूज के दिन शुभ मुहूर्त में तिलक व पूजन करना अधिक फलदायी होता है। ऐसे में शुभ मुहूर्त देखकर ही तिलक व पूजन करें। इसके लिए आप टाइम्स नाउ नवभारत के आध्यात्म में विजिट करें। यहां आपको शहर के अनुसार शुभ मुहूर्त की सूची मिल जाएगीBhai Dooj 2022 - रक्षाबंधन की तरह भाईदूज
आज पूरे देश में भाईदूज की धूम देखे को मिल रही है। बता दें भाईदूज का पावन पर्व भी रक्षाबंधन की तरह मनाया जाता है। इस दिन यमदेव की पूजा का भी विधान है। मान्यता है कि, इस दिन विधि विधान से यमदेव की पूजा करने से सभी कष्टों का निवारण होता है।Bhai Dooj 2022 - दो दिन मनाया गया भाईदूज
भाईदूज का पावन पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। हालांकि इस बार 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लगने के कारण तिथि में बड़ा बदलाव हुआ है। इस बार भाईदूज का पावन पर्व 26 औऱ 27 अक्टूबर दो दिन मनाया जा रहा है। इस दिन यमदेव की पूजा का भी विधान है।Bhai dooj 2022 - भाईदूज तिलक व पूजन विधि
सबसे पहले पूजा की थाली को फल, फूल, दीपक, अक्षत मिठाई, सुपारी, रोली आदि चीजें से सजा लें। शुभ मुहूर्त देखकर भाई की आरती करें व उसके माथे पर तिलक लगाएं। इसके बाद भाई अपनी बहन को उपहार दें और जीवनभर उसकी रक्षा का संकल्प लें।Bhai Dooj 2022 - इस बार भाईदूज दो दिन
भाईदूज का पावन पर्व इस बार 26 और 27 अक्टूबर को मनाया जाता है। प्रतिपदा तिथि 26 अक्टूबर, दोपहर 2 बजकर 42 मिनट से प्रारंभ हो चुकी है, वहीं प्रतिपदा तिथि की समाप्ति आज दोपहर 12 बजकर 45 मिनट पर समाप्त होगी।Bhai Dooj 2022 - पूजा के लिए दोपहर का समय
बता दें भाईदूज के दिन यमदेव की पूजा का विधान है। मान्यता है कि, इस दिन विधि विधान से यमदेव की पूजा अर्चना करने से भाई पर आने वाले सभी संकटो का नाश होता है। बता दें यमदेव की पूजा के लिए दोपहर का समय शुभ माना जाता है।Bhai Dooj 2022 - प्रतिपदा तिथि आरंभ व समाप्ति
प्रतिपदा तिथि 26 अक्टूबर 2022, बुधवार को दोपहर 2 बजकर 42 मिनट से प्रारंभ हो चुकी है, वहीं इस तिथि की समाप्ति आज यानी 27 अक्टूबर, गुरूवार को दोपहर 11 बजकर 45 मिनट पर होगी।Bhai Dooj 2022 - यमदेव की पूजा का विधान
इस दिन यमदेव की पूजा का भी विधान है। मान्यता है कि भाईदूज के दिन विधिवत यमदेव की पूजा अर्चना करने से भाई पर आने वाले सभी विपदाओं का नाश होता है और जीवन में खुशियों का वास होता है।Bhai Dooj 2022 - विधिवत करें यमदेव की पूजा
भाईदूज के दिन यमदेव की पूजा करना ना भूलें। मान्यता है कि, विधि विधान से यमदेव की पूजा अर्चना करने से जीवन में आने वाली सभी विपदाओं का अंत होता है व कष्टों का नाश होता है। ऐसे में विधि विधान से यमददेव की पूजा अर्चना करें।Bhai Dooj 2022 - देखें सिटी वाइज आपके शहर में भाईदूज का शुभ मुहूर्त
बता दें भाईदूज के दिन शुभ मुहूर्त में तिलक व पूजन का विशेष महत्व है। यहां आप सिटी वाइज समय देख सकते हैं।- नई दिल्ली - 1 बजकर 9 मिनट से 1:20 तक, 39 मिनट - नोएडा - 10:44 से 12:45 तक- गाजियाबाद - 11:00 से 12:45 तक- उत्तर प्रदेश - दोपहर 10:38 से 12:45 तक- बिहार - दोपहर 12:45 से 2:43 तक , 2 घंटे 2 मिनट- कोलकाता - 12:28 से 12:45- चेन्नई - दोपहर 10:44 से 12:45 तकBhai Dooj 2022 - आज है भाईदूज
आज यानी 27 अक्टूबर 2022 को भाईदूज का पावन पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन बहन भाई को तिलक कर उसके लंबी उम्र की कामना करती हैं और उसके उज्जवल भविष्य की दुआं करती हैं। वहीं भाई अपने बहन को उपहार देकर उसके उज्जवल भविष्य की कामना करता है।भाई दूज इस बार दो दिन क्यों?
बता दें कि इस बार द्वितीया दो दिन 26 और 27 अक्टूबर 2022 को पड़ रही है, इसलिए यही वो कारण है कि भाई दूज को भी दोनों दिन ही मनाया जा रहा है।भाई दूज पर बहन को दें तोहफा
भाई दूज के मौके पर बहन अपने भाई की लंबी आयु की कामना मांगती है इस मौके पर भाईयों को अपनी बहनों को एक प्यारा सा तोहफा देना चाहिए।Bhai Dooj: 27 को शुभ मुहूर्त
कल यानी 27 अक्टूबर को भाई दूज का शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 45 मिनट बजे तक रहेगा। इस बीच ही आपको अपने भाई का टीका करना चाहिए।कल दोपहर तक ही है भाई दूज
भाई दूज कर पर्व कल 27 अक्टूबर 2022 को केवल 1 बजकर 13 मिनट तक ही है तो इससे पहले ही अपने भाई को टीका कर लें।नारियल चटका हुआ नहीं होना चाहिए
आपको सूखा नारियल देते हुए यह ध्यान रखना चाहिए कि वह कहीं से चटका या कटा हुआ नहीं होना चाहिए।भाई को दें एक गरी का गोला (नारियल)
भाई दूज के दिन आपको अपने भाई को एक सूख गरी का गोला उपहार में देना चाहिए, इसे काफी शुभ माना जाता है।Bhai Dooj: टीका में मिलाएं हल्दी
आपको अपनी भाई को टीका करते हुए रोली में हल्दी भी मिलानी चाहिए इसे काफी शुभ माना जाता है।भाई की लंबी आयु की करें प्रार्थना
बता दें कि भाई दूज के दिन भाई की लंबी आयु की प्रार्थना करनी चाहिए आपकी यह प्रार्थना जरूर स्वीकार होगी।आरती करने से पहले ये करें
भाई दूज पर भाई की आरती करने से पहले एक चौक, यानी आटे या कलर किसी से भी रंगोली टाइप की बना ले, जिसके ऊपर एक पटला (चौकी) रखें। फिर भाई के टीका व आरती करें।Bhai Dooj: थाली में रखें सजे चावल
भाई का टीका करते समय ध्यान रखें की आप जो चावल ले रहें हैं वह टूटे नहीं होने चाहिए। और अंगूठ के बाद वाली तीसरी उंगली से ही टीका करें।पूजा के दौरान पढ़े भाई दूज की कहानी
भाई दूज के दिन पूजा करते समय आपको भाई दूज की कहानी पढ़नी चाहिए। ऐसा करना शुभ माना जाता है।कल इस समय तक कर लें टीका
बता दें कि द्वितीया तिथि अक्टूबर 27, 2022 को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। इससे पहले ही टीका कर लें।भाई दूज का मुहूर्त
भाई दूज का शुभ मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 12 मिनट से दोपहर 03 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। बहने अपने भाई को कल 27 अक्टूबर को भी तिलक कर सकती हैं।इस तिथि को मनाया जाता है भाई दूज
हिंदू पंचांग की बात करें तो हर साल भाई दूज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितिया तिथि को मनाया जाता है।भाई दूज के दिन का शगुन
भाई दूज के दिन भाई बहनों को शगुन के रूप में कुथ गिफ्ट देते हैं वहीं बहन भी मिठाई से भाई का मुंह मीठा करवाती हैं।भाई के खुशहाल जीवन के लिए बहनें भाई दूज पर करें ये काम
भाई दूज के दिन पांच गोमती चक्र पर केसर और चंदन से ‘श्री ह्रीं श्री’ लिखें। अब इन्हें पूजन में शामिल करें और उनके समक्ष इस मंत्र का जाप करें। इसके बाद गोमती चक्र तिजोरी में रखें। ऐसा करने से कभी आर्थिक संकट की समस्या नहीं होगी।इस दिन किसी भूखे को भोजन जरूर करवाएं। इससे आपके और आपके भाई के ऊपर यमराज की कृपा होगी।बहन इस दिन भाई के तिलक करते समय बोले- ‘गंगा पूजे यमुना को यमी पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजा कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े।’इसके अलावा इस दिन शाम को बहनें यमराज के नाम से चौमुखी दीपक जलाएं।भाई दूज के दिन क्या करते हैं
इस दिन बहनें शुभ मुहूर्त पर अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं और उन्हें सूखा नारियल अर्पित करती हैं।भाई दूज 2022 पर शुभ संयोग
भाई दूज 2022 पर प्रीति योग और आयुष्मान योग का निर्माण हो रहा है। प्रीति योग: शाम 05:41 से 07:16 तक रहेगा। आयुष्मान योग शाम 07:16 से रात 08:53 तक रहेगा।कब मनाई जाती है भाई दूज
शास्त्रों के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष में द्वितीया तिथि जब अपराह्न के समय आये तो उस दिन भाई दूज मनाई जाती है। अगर दोनों दिन अपराह्न के समय द्वितीया तिथि लग जाती है तो भाई दूज अगले दिन मनाने का विधान है।भाई दूज कैसे मनाई जाती है?
बहनें अपने भाइयों को साफ़ जगह पर बिठा कर उनका तिलक करती हैं, इसके बाद उनकी आरती उतारती हैं। इसके बाद भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और दोनों एक दूसरे के मंगल जीवन और सुरक्षा की कामना करते हैं।ऐसे लगाएं भाई दूज पर भाई को तिलक
घर के उत्तर पूर्वी दिशा में चौक बनाए और फिर लकड़ी के एक साफ़ पटरे पर अपने भाई को बिठाकर उनका तिलक करें और फिर उन्हें फूल, पान, सुपारी देकर उनकी आरती उतारें और फिर उन्हें मिठाई खिलाएं।भाई दूज पूजा सामग्री
पूजा की थाली, फल, फूल, दीपक, अक्षत, मिठाई, सुपारी, पान, बताशे, आटे का दीपक, देसी घी, नारियलविभिन्न क्षेत्रों में भाई दूज का पर्व
ये पर्व देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। जैसे कि पश्चिम बंगाल में इस पर्व को भाई फोटा के नाम से जानते हैं। महाराष्ट्र में इसे भाऊ बीज कहते हैं। उत्तर प्रदेश में इसे भाई दूज कहते हैं। बिहार में भी इसे भाई दूज कहते हैं। इस दिन बिहार में बहनें अपने भाइयों को डांटती भी हैं, उन्हें भला बुरा कहती हैं और फिर उनसे माफी माँगती हैं। नेपाल में यह त्यौहार भाई तिहार के नाम से बनाया जाता है।भाई दूज पूजा विधि Bhai Dooj Puja Vidhi
- भाई दूज के दिन सबसे पहले पूजा की थाली तैयार कर लें।
- इस थाली में रोली, अक्षत, नारियल का गोला और मिठाई रखें।
- इसके बाद घर के उत्तर पूर्वी दिशा में चौक बनाए और फिर लकड़ी के एक साफ़ पटरे पर अपने भाई को बिठाकर उन्हें तिलक लगाएं और फिर उन्हें फूल, पान, सुपारी देकर उनकी आरती उतारें।
- फिर भाई का मुंह मीठा करें।
- इसके अलावा इस दिन बहनें अपने हाथों से बना भोजन अपने भाई को करवाती हैं जिसे बेहद ही शुभ माना जाता है।
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