Bhai Dooj Kahani In Hindi: भाई दूज की कहानी, जानें क्यों मनाया जाता है ये त्योहार

Why We Celebrate Bhai Dooj , Bhai Dooj Kyu Manaya Jata Hai: भाई दूज का त्योहार कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है जो इस बार 15 नवंबर को मनाया जा रहा है। जानिए भाई दूज क्यों मनाया जाता है और कैसे हुई इसकी शुरुआत।

Bhai Dooj Kyu Manaya Jata Hai

Bhai Dooj Kahani In Hindi, Bhai Dooj Kyu Manaya Jata Hai (भाई दूज की कहानी): भाई और बहन के खूबसूरत रिश्ते को दर्शाता है भाई दूज का त्योहार। इस दिन के बारे में जो मान्यता है उसके अनुसार भाई इस दिन अपने विवाहित बहन के घर में जाते हैं जहां बहन उनका टीका करती हैं और अपने हाथ से बना भोजन खिलाती हैं। लेकिन जिन बहनों की शादी नहीं हुई होती वो अपने घर में ही अपने भाई के साथ भाई दूज मनाती हैं। इस साल भाई दूज 15 नवंबर को मनाई जा रही है। जानिए आखिरी क्यों मनाया जाता है भाई दूज का त्योहार और क्या है इसकी कहानी।

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भाई दूज की पौराणिक कथा के अनुसार सूर्य भगवान की पत्नी थीं संज्ञा। जिनके दो बच्चे थे यमराज और यमुना। यमुना अपने भाई यमराज से बेहद प्यार करती थी। यमुना बार बार अपने भाई यमराज से इस बात का निवेदन करती थी कि वह उनके घर आकर भोजन करें। लेकिन अपने काम में व्यस्त होने की वजह से यमराज कभी भी यमुना के घर नहीं जा पाते थे, लेकिन एक दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यमुना ने एक बार फिर यमराज को घर पर आने का आमंत्रण दिया। इस बार यमराज ने अपनी बहन को कहा कि मैं अवश्य घर आऊंगा।

बहन के घर जाते समय यमराज ने नर्क में रहने वाले जीवो को मुक्त कर दिया। यमराज जब अपनी बहन के घर पहुंचे तो यमुना बेहद खुश हुईं। उन्होंने अपने भाई का पूजन किया और उसके बाद उन्हें तरह-तरह के व्यंजन खिलाएं। अपनी बहन की आवभगत से यमराज बेहद खुश हुए और उन्होंने यमुना से वर मांगने को कहा। तब यमुना ने कहा, भाई आप इस दिन हर साल मेरे घर आना और मेरी तरह जो भी बहन अपने भाई का इस दिन आदर सत्कार करके उसका टीका करेगी और उसे अपने हाथ से बना भोजन कराएगी तो उसके भाई को कभी भी तुम्हारा भय नहीं रहेगा। तब यमराज ने तथास्तु कहकर अपनी बहन से विदा ली। माना जाता है तभी से भाई दूज मनाने की परंपरा की शुरुआत हो गई।

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