Pradosh Vrat 2024: जानिए कब है साल 2024 का पहला प्रदोष व्रत, यहां देखें डेट और महत्व

प्रदोष व्रत 2024 (Pradosh Vrat 2024): प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित व्रत है। ये व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इस दिन पूरे विधि- विधान के साथ भगवान शिव की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं साल 2024 का पहला प्रदोष व्रत कब है। डेट, शुभ मुहूर्त और महत्व ।

Pradosh Vrat 2024 Date

Pradosh Vrat 2024 Date

प्रदोष व्रत 2024 (Pradosh Vrat 2024) : हर महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। ये व्रत शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष दोनों में रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को रखने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। इसके साथ रोग, दोष से भी मुक्ति मिलती है। प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन शाम के समय शिव मंदिर में जाकर शिव की उपासना करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं साल 2024 का पहला प्रदोष व्रत कब रखा जाएगा।

Pradosh Vrat 2024 Date ( प्रदोष व्रत डेट 2024)हर महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। जनवरी और पौष माह का पहला भौम प्रदोष व्रत 9 जनवरी 2024, मंगलवार को होगा। इस दिन 2024 की पहली मासिक शिवरात्रि भी है। भौम प्रदोष के दिन भगवान शिव और हनुमान की पूजा करने की परंपरा है। इस दिन भगवान शिव के साथ हनुमान जी की पूजा करने से बुरी और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है।

Bhau Pradosh Vrat Shubh Muhurat 2024 (भौम प्रदोष व्रत 2024 शुभ मुहूर्त)

हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 8 जनवरी 2024 को रात्रि 11:58 बजे प्रारंभ होकर अगले दिन 9 जनवरी 2024 को रात्रि 10:24 बजे समाप्त होगी।

शिव पूजा मुहूर्त - शाम 5 बजकर 41 मिनट से शुरु होगा और रात के 8 बजे तक होगा।

इसकी अवधि- 02.43

भौम प्रदोष व्रत पूजा विधि( Bhaum Pradosh Vrat Puja Vidhi)
  • भौम प्रदोष व्रत के दिन सुबह उठकर स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें।
  • उसके बाद मंदिर में या घर में शिव प्रतिमा के सामने पूजा करें।
  • इस दिन मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।
  • पूजा में महादेव को जल फूल अक्षत और बेलपत्र अर्पित करें।
  • उसके बाद मंत्र उच्चारण के बाद आरती करें।
  • इस दिन शाम के समय भी मंदिर में जाकर पूजा करना चाहिए।

Bhaum Pradosh Vrat Importance (भौम प्रदोष व्रत महत्व)प्रदोष व्रत का अर्थ दिन के अनुसार अलग-अलग होता है। मंगलवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है। मंगल ग्रह का पृथ्वी से अलग नाम भी है। मान्यता है कि भौम प्रदोष का व्रत करने से भोलेनाथ की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति सभी प्रकार के रोगों और ऋणों से मुक्त हो जाता है।

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    TNN अध्यात्म डेस्क author

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