Bhishma Niti In Hindi: भोजन को लेकर भीष्म पितामह ने बताई थी ये बात, ऐसा खाना मिले तो ना करें स्वीकार

Bhishma Niti: हिंदू शास्त्रों में भोजन को लेकर बहुत सारी बाते कही गई है। भोजन किसी प्रकार का हो कैसा हो इन सबके सारे नियम शास्त्रों में बताए गए हैं। भीष्म पितामह ने भी अपनी नीतियों में भोजन को लेकर बहुत ही महत्वपूर्ण बात कही है। ऐसे में आइए जानते हैं भोजन को लेकर भीष्म नीति के बारे में।

Bhishma Niti In Hindi

Bhishma Niti In Hindi: महाभारत में इस संसार का सारा ज्ञान निहित है। इसमे जीवन में के हर पहलू पर बात कही गई है। महाभारत का युद्ध पूरे 18 दिनों तक चला था। इस यु्द्ध में कौरवों की हार हुई और पांडवो की जीत हुई थी। भीष्म पितामह महाभारत के सबसे महान योद्धा थे। उन्होंने बाणों की शौय्या पर लेटेकर पांडवों को बहुत सारे ज्ञान की बात कही है। उन्होंने भोजन को लेकर भी अर्जुन से बहुत ही महत्वपूर्ण बात बताई है। भीष्म पितामह की बातें आज के समय में भी बहुत ही प्रांसगिक हैं। आइए जानते हैं भोजन को लेकर भीष्म पितामह की अहम बातें।

Bhishma Niti About Food (भोजन को लेकर भीष्म नीति)

अमृत के सामान होता है भोजन

भीष्म पितामह की नीति के अनुसार जहां पर पूरा परिवार एक साथ मिलकर भोजन करते हैं, वहां पर मां अन्नपूर्णा का वास होता है। जो भोजन की थाली प्रेम पूर्वक परोसी जाए। वो थाली अमृत के सामान होती है। उस भोजन को करने से मनुष्य को खुशी मिलती है। इसके साथ ही जो मिलकर भोजन करते हैं, वहां के लोग तनाव से मुक्त रहते हैं।

ऐसी थाली को हाथ ना लगाएं

भीष्म पितामह कहते हैं। जिस भोजन की थाली पर किसी का पैर लगा हो उसको हाथ भी नहीं लगाना चाहिए। ऐसी थाली में भोजन करने से घर में दरिद्रता आती है। इसके साथ ही जिस भोजन में बाल निकल जाए। वो भोजन ना करें,उसे करने से सेहत को भी नुकसान हो सकता है। कभी भी किसी का लांघा हुआ भोजन ना करें। वो भोजन कचरे के सामान होता है।

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