महाभारत में भीष्म ने युधिष्ठिर को बताया राजनेता बनने का गुण, जानिए कैसे बने अच्छे लीडर

Bhishma Niti In Hindi: महाभारत एक ऐसा महान ग्रंथ है जिसमे जीवन के हर एक पहलू पर बात की गई है। महाभारत में धर्म और अधर्म के बीच का अंतर बताया गया है। महाभारत में भीष्म ने युधिष्ठिर को बहुत ज्ञान की बात बताई है। ऐसे में आइए जानते हैं भीष्म ने अपनी नीति में लीडरशिप को लेकर क्या बात कही है।

Bhishma Niti In Hindi

Bhishma Niti In Hindi: भीष्म पितामह ने बाणों की शौय्या पर लेटेकर पांडवो को बहुत सारी ज्ञान की बाते बताई हैं। उन्होंने जीवन के हर पहलू पर युधिष्ठिर को शिक्षा दी है। खासतौर पर मोक्षधर्म, राजधर्म के बारे में उन्होंने विस्तार से चर्चा की है। भीष्म ने मृत्यु शैय्या पर लेटकर युधिष्ठिर को सही राजनेता के गुण के बारे में बताया है। भीष्म पितामह ने एक अच्छे राजनेता के क्या गुण होते हैं। । भीष्म पितामह की ये बातें आज के समय में काफी प्रचलित हैं। आइए जानें एक अच्छे लीडरशिप के क्या गुण होते हैं।

भीष्म ने युधिष्ठिर को बताया है कैसे बनें अच्छा राजनेता
  • शूरवीर हो पर महिमा मंडन ना करें।
  • स्त्रियों के वश में ना रहें।
  • स्त्रियों का आदर करें और किसी द्वेष ना रखे।
  • नियम विरुद्ध व्यवहार करे।
  • मर्यादा का उल्लंघन ना करे।
  • क्रूरता ना दिखाए
  • भाषण में दीनता का भाव ना दिखाए।
  • दूसरों के प्रति अच्छा व्यवहार रखे।
  • धर्म का आचरण करना चाहिए।
  • गलत अचारण ना करता हो।
  • गुरु का सदैव आदर करने वाला।
  • राज को बड़ों की सेवा पूरी निष्ठा से करना चाहिए।

भीष्म नीतियों का अर्थभीष्म के अनुसार राजा को शूरवीर होना चाहिए। इसके साथ ही राजा ऐसा होना चाहिए जो स्त्रियों के वश में ना रहे, बल्कि उनका सम्मान करे। राजनेता ऐसा होना चाहिए जो नियम का पालन करें। राजा को मर्यादा में रहकर ही काम करना चाहिए। दूसरों के प्रति अच्छा व्यवहार रखे। राज को बड़ों की सेवा करनी चाहिए। एक राजा को बड़ों की सेवा करनी चाहिए।

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